झटका : कच्चे तेल की ‘आग’ में झुलसने लगी है Indian Economy, जानें Fitch ने विकास दर पर क्या कहा


नई दिल्ली. रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों (Crude Oil Price Hike) में लगी आग का असर अब भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) पर पड़ने लगा है. इससे न सिर्फ महंगाई (Inflation) बढ़ रही है बल्कि आर्थिक वृद्धि (Economic Growth) दर भी प्रभावित होने लगी है. यही कारण है कि रेटिंग एजेंसी फिच (Rating Agency Fitch) ने भारत का विकास दर अनुमान घटा दिया है.

फिच ने रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण ऊर्जा कीमतों (Energy Price) में बढ़ोतरी के बाद एक अप्रैल 2022 से शुरू हो रहे नए वित्त वर्ष 2022-23 के लिए विकास दर अनुमान में कटौती की है. एजेंसी ने अगले वित्त वर्ष के लिए विकास दर आर्थिक वृद्धि दर अनुमान को 10.3 फीसदी से घटाकर 8.5 फीसदी कर दिया है.

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चालू वित्त वर्ष के लिए बढ़ाया अनुमान
एजेंसी ने कहा कि कोरोना वायरस के ‘ओमिक्रॉन’ स्वरूप के प्रकोप में कमी आने के बाद से पाबंदियों में ढील दी गई है. इससे इस साल जून तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में वृद्धि में तेजी लाने के लिए मंच तैयार हुआ है. एजेंसी ने चालू वित्त वर्ष के लिए विकास दर अनुमान को 0.6 फीसदी बढ़ाकर 8.7 फीसदी कर दिया है.

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महंगाई का भी बढ़ रहा दबाव
फिच का कहना है कि हमने 2022-2023 के लिए भारत के विकास दर के अपने पूर्वानुमान को तेजी से बढ़ती ऊर्जा कीमतों के कारण घटाकर 8.5 फीसदी (1.8 फीसदी कटौती) कर दिया है. विकास दर में कटौती की एक वजह महंगाई का बढ़ता दबाव भी है.

रूस पर प्रतिबंध से ऊर्जा आपूर्ति पर जोखिम
एजेंसी ने कहा कि रूस दुनिया की कुल ऊर्जा जरूरतों का करीब 10 फीसदी निर्यात करता है. इसमें प्राकृतिक गैस निर्यात की हिस्सेदारी 17 फीसदी और तेल की हिस्सेदारी 12 फीसदी है. यूक्रेन पर हमले के बाद रूस पर अमेरिका सहित अन्य देशों की ओर से लगाए गए आर्थिक प्रतिबंधों ने ऊर्जा आपूर्ति पर जोखिम खड़ा कर दिया है.

Tags: Crude oil prices, GDP growth, Indian economy, Russia ukraine war

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