उत्तराखंड के क्रिकेटरों का DA मजदूर से भी कम! मुंबई से 725 रनों से हारने से पहले भूख से तड़प रहे थे खिलाड़ी?


देहरादून. क्या आप जानते हैं कि रणजी ट्रॉफी के क्वार्टर फाइनल में मुंबई के हाथों उत्तराखंड को मिली रिकॉर्ड हार के पीछे क्या हालात थे? उत्तराखंड टीम के खिलाड़ी भूख से बेहाल और बेचैन थे क्योंकि उन्हें दैनिक भत्ता यानी डीए नहीं मिला था, जिसके चलते उनसे कहा गया था कि वो Swiggy या Zomato से अपने भोजन का इंतज़ाम कर लें. आपको यह जानकर भी ताज्जुब हो सकता है कि इन खिलाड़ियों को दैनिक भत्ते के रूप में 100 रुपये रोज़ाना दिए जा रहे हैं, यानी उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में एक मज़दूर के दैनिक भत्ते से भी कम.

“अरे क्यों बार बार ये सवाल पूछते हो, भाई? पैसे आ जाएंगे, तब तक आप स्विगी या ज़मैटो से मंगवा लीजिए ना…” उत्तराखंड जब मुंबई के खिलाफ रणजी ट्रॉफी के क्वार्टर फाइनल में सिर्फ 69 रनों पर ऑल आउट हो गई, उससे पहले ​उत्तराखंड की टीम को भूख से जूझना पड़ रहा था. न्यूज़9 की एक रिपोर्ट में इस तरह का खुलासा किया गया. इस रिपोर्ट के मुताबिक जब एक खिलाड़ी ने दैनिक भत्ते के लिए टीम मैनेजर से पूछा, तो उसे यह टका सा जवाब मिला कि वह अपने खर्चे से ही किसी एप से खाने का इंतज़ाम कर ले.

एक चौंकाने वाला खुलासा यह भी किया गया है कि आधिकारिक तौर पर उत्तराखंड के हर सीनियर खिलाड़ी के लिए 1500 रुपये दैनिक भत्ता तय है, जो बढ़कर 2000 रुपये भी हो गया था. लेकिन हकीकत यही है कि पिछले एक साल में क्रिकेटरों को औसतन प्रतिदिन 100 रुपये बमुश्किल मिल सके हैं.

तो क्या यह भ्रष्टाचार के उदाहरण हैं?
टीम सिलेक्शन से लेकर फंड के प्रबंधन तक और उत्तराखंड टीम के बैकरूम स्टाफ के चयन से लेकर कई तरह के वित्तीय मामलों में गड़बड़ी के आरोप इस रिपोर्ट में लगाए गए हैं. इसमें उदाहरण बताया गया है कि 31 मार्च 2021 को खत्म होने वाले वित्तीय वर्ष के लिए उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन (CAU) ने जो ऑडिट रिपोर्ट दी थी, उस पर खिलाड़ियों ने ऐतराज़ करते हुए आरोप लगाए थे कि उन्हें मैच फीस या दैनिक भत्ते पूरे नहीं दिए गए. इस रिपोर्ट में बताए गए आंकड़े इस तरह चौंकाते हैं.

“CAU ने ‘टूर्नामेंट और ट्रायल कैंप खर्च’ सेक्शन में फूड और कैटरिंग पर 1,74,07,346 रुपये खर्च होने का दावा किया तो दैनिक भत्ते के रूप में 49,58,750 रुपये. एक आंकड़ा यह भी था कि 35 लाख रुपये के केले खरीदे गए और 22 लाख रुपये की पानी की बोतलें. और खिलाड़ियों को रोज़ 100 रुपये भत्ता मिला!”

दावे अपनी जगह और हकीकत अपनी जगह!
इन दावों की हकीकत यह है कि गुरुवार को उत्तराखंड की जो हार हुई, वह वर्ल्ड रिकॉर्ड बन गई. खिलाड़ियों ने प्रबंधन पर मानसिक उत्पीड़न के आरोप भी लगाए हैं. ये हालात तब हैं, जब उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को ही एक ट्वीट में खेल नीति के तहत युवा प्रतिभाओं को बढ़ावा देने की बात कही.

Tags: Ranji Trophy, Uttarakhand Cricket



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