नई दिल्ली. अगर आप भी दिल्ली में घर या फ्लैट लेने का सपना देख रहे हैं तो उसे पूरा करने में आपको ज्यादा जेब ढीली करनी पड़ सकती है. दिल्ली में प्रॉपटी के मार्केट रेट और सर्किल रेट में अंतर को कम करने के लिए अब सर्किल रेट बढ़ाने का प्रस्ताव लाया गया है. सर्किट दरों में बदलाव के इस प्रस्ताव को दिल्ली सरकार के रेवन्यू मंत्री के पास भेजा गया है. संभावना है कि वहां से पास होने के बाद इसे कैबिनेट की मंजूरी के लिए रखा जाएगा. हालांकि सर्किल रेट में कितना बदलाव होगा यह अभी तय नहीं है लेकिन दरों में करीब 30 फीसदी तक की बढ़ोत्तरी का अनुमान लगाया जा रहा है.
ऐसे में जैसे ही यह प्रस्ताव कैबिनेट से पास हो जाएगा, वैसे ही दिल्ली कि रिहायशी इलाकों में फ्लैट और मकानों की कीमत में इजाफा हो जाएगा. हालांकि दिल्ली सरकार के इस प्रस्ताव का व्यापारी सहित कई संगठन विरोध जता रहे हैं. उनका कहना है कि कोरोना के बाद पैदा हुए हालातों में पहले ही प्रॉपटी के खरीदार नहीं मिल रहे हैं, अगर सर्किल रेट में बढ़ोत्तरी होती है तो लोगों के सामने न केवल खरीदने की बल्कि बेचने की भी समस्या पैदा हो जाएगी. हालांकि अभी जून 2022 तक वर्तमान में चल रहे सर्किल रेटों में कोई बदलाव नहीं होगा. अगर प्रस्ताव पास होता है तो ये जून के बाद ही लागू हो पाएंगे.
गौरतलब है कि दिल्ली में पिछले कई सालों में जमीन की बाजार कीमत तो बढ़ी है लेकिन सर्किल रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है. इससे पहले दिल्ली में 2014 में सर्किल रेट में बदलाव किया गया था. हालांकि दिल्ली में इलाकों में मौजूद सुविधाओं के हिसाब से सर्किल रेट अलग-अगल हैं. कुछ जगहों पर यह बहुत ज्यादा है तो कहीं पर बहुत कम है. सर्किल रेट जिला प्रशासन की ओर से जमीन, घर या फ्लैट की खरीद के लिए एक तय मानक रेट होता है, जिससे कम पर संपत्ति की खरीद या बिक्री नहीं की जा सकती. इसी रेट पर रजिस्ट्री होती है और रेट का 5 फीसदी स्टांप शुल्क चुकाना पड़ता है.
व्यापारी कर रहे प्रस्ताव को टालने की मांग
ऐसे समय में जब दिल्ली में व्यापार अब भी पिछले दो वर्षों में कोविड के तीन दौर के कारण हुए भारी नुकसान से उबरने के लिए प्रयास कर रहा है और रियल स्टेट में भी भारी गिरावट है, ऐसे में दिल्ली में संपत्तियों की सर्कल दर बढ़ाने का कोई भी प्रयास दिल्ली के विकास के विपरीत होगा. वर्तमान में, विभिन्न श्रेणियों पर लागू सर्कल दरों पर 20 फीसदी की छूट है. यह अभी स्पष्ट नहीं है कि प्रस्तावित वृद्धि रियायती दर पर होगी या मूल दर पर लेकिन अगर यह मूल दर पर है तो 30 फीसदी की वृद्धि रियायती दर पर 62.5 फीसदी होगी जो कि बहुत ज्यादा है.
कैट के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष विपिन आहूजा ने कहा कि कोविड महामारी के चलते केवल व्यापारियों की नही बल्कि अन्य सभी वर्गों और दिल्ली के आम आदमी की सारी बचत खत्म हो चुकी है क्योंकि पिछले दो वर्षों में कमाई हुई नही और खर्चे दोगुने हो गए. पहले से ही, कुछ श्रेणियों में सर्किल दरें संपत्तियों की वास्तविक बाजार दर से ज्यादा हैं. बाजार की दरें काल्पनिक हैं क्योंकि लोगों के सभी वर्गों द्वारा वित्तीय संकट का सामना करने के कारण दिल्ली में अचल संपत्ति का कोई खरीदार नहीं है. रियल स्टेट के बाजार भाव में पिछले कई वर्षों में सुधार नहीं हुआ है, जिसके परिणामस्वरूप निर्माण के चरण में या बनी बनाई सम्पत्ति में लोगों की पूंजी का बड़ा हिस्सा अटका पड़ा है और बड़ी संख्या में संपत्तियां, फ्लैट खरीदारों के इंतजार में खाली पड़े हैं.
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