चीन में कोरोना के सब-वेरिएंट का खौफ! 9 फीसदी टूटा बाजार, लग सकता है लॉकडाउन


हाइलाइट्स

चीन के फाइनेंशियल मार्केट्स (China Financial Markets) इकॉनमी में सुस्ती के संकेत दे रहे हैं.
यदि कोरोना संक्रमण को बढ़ने देने से रोकना है तो लॉकडाउन लगाना ही पड़ेगा.
लॉकडाउन हुआ तो फैक्ट्रियों में उत्पादन ठप हो जाएगा. कंस्ट्रक्शन से जुड़े काम रुक जाएंगे.

नई दिल्ली. चीन में कोविड का एक नया सब-वेरिएंट बड़े स्तर पर फैल रहा है. हालात ऐसे हैं कि एक बार फिर से चीन में लॉकडाउन लग सकता है. भविष्य के लिए बिगड़ रहे हालातों को देखते हुए चीन का शेयर बाजार भी भयभीत है. यही वजह है कि 28 जून के बाद से Hang Seng China Enterprise Index तकरीबन 9 फीसदी गिर चुका है.

मनीकंट्रोल की एक खबर के अनुसार, चीन के फाइनेंशियल मार्केट्स (China Financial Markets) इकॉनमी में सुस्ती के संकेत दे रहे हैं. यदि कोरोना संक्रमण को बढ़ने देने से रोकना है तो लॉकडाउन लगाया जा सकता है. यदि लॉकडाउन हुआ तो आर्थिक गतिविधियों पर ब्रेक लगेगा और शेयर बाजार और ज्यादा गिर सकता है.

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तो रुक जाएंगे सारे काम

विशेषज्ञों का कहना है कि चीन में कोरोना के सब-वेरिएंट का डर व्याप्त है. यदि इसकी वजह से लॉकडाउन हुआ तो फैक्ट्रियों में उत्पादन ठप हो जाएगा. लोग खर्च नहीं कर पाएंगे. कंस्ट्रक्शन से जुड़े काम रुक जाएंगे और परिवहन भी ठप हो जाएगा. जानकार बताते हैं कि हाल ही में क्रूड ऑयल के दामों में जो गिरावट आई है. उसकी वजह चीन में कुछ जगहों पर लॉकडाउन का लगना है.

देखा गया है कि पिछले कुछ दिनों में चीन करेंसी युआन भी कमजोर हो रही है. करेंसी की कमजोरी से आयात पर असर तो पड़ेगा ही, साथ ही कर्ज का बोझ भी आएगा. Iron ore के प्राइस गिरकर सात महीने के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए हैं. चीन के रियल एस्टेट की एक बड़ी कंपनी Evergrande Group अपने लोन पर डिफॉल्ट कर सकती है.

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दूसरी तिमाही में इकॉनमिक ग्रोथ महज 1.2 फीसदी?

रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार को ऑफिशियल डेटा में दूसरी तिमाही में चीन की इकॉनमिक ग्रोथ सिर्फ 1.2 फीसदी रहने की उम्मीद है. इकॉनमी से जुड़े इंडिकेटर्स गिरावट शुरू होने का संकेत दे चुके हैं. उधर, चीन के केंद्रीय बैंक ने लिक्विडिटी बढ़ाने वाले उपायों को वापस लेना शुरू कर दिया है. माना जा रहा है कि इससे इस साल के शेष समय में वित्तीय स्थितियों पर दबाव बन सकता है.

Saxo Bank में इक्विटी स्ट्रैटेजी के हेड पीटर गार्नरी ने कहा, “इनवेस्टर्स की सबसे बड़ी चिंता आर्थिक गतिविधियां फिर से ठप होने को लेकर हैं. बड़े पैमाने पर टेस्टिंग और VAT रिबेट्स का काफी असर लोकल गवर्नमेंट के बजट पर पड़ रहा है. इससे इकॉनमी को सहारा देने की उनकी क्षमता घट रही है.”

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चीन की निगाहें दूसरी छमाही पर

चीन की सरकार की उम्मीदें इस साल की दूसरी छमाही पर टिकी हैं. सरकार का मानना है कि इससे 5.5 फीसदी ग्रोथ का टार्गेट हासिल हो जाएगा. सरकार के वित्तीय उपायों में इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च बढ़ाना, बिजनेस पर टैक्स कम करना जैसे कदम शामिल हैं. इसके बावजूद ग्रोथ का टारगेट हासिल होता नजर नहीं आ रहा. सबसे बड़ी वजह कोरोना को बढ़ने से रोकने के लिए फिर से आर्थिकि गतिविधियों पर पाबंदी की आशंका है.

इस हफ्ते नए वेरिएंट के संक्रमण का सिर्फ एक मामला सामने आने के बाद चीन के स्टील हब के तहत आने वाले एक शहर को 3 दिनों के लिए बंद कर दिया गया. दुनिया में गैंबलिंग के सबसे बड़े हब मकाऊ में ज्यादातर बिजनेस एक्टिविटीज पर एक हफ्ते के लिए रोक लगा दी गई है.

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