नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 में 2024-25 तक भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनाने की कल्पना की थी. वैसे, मौजूदा हालात में निर्धारित समयसीमा के भीतर इस लक्ष्य के पूरा होने की संभावना कम दिखती है. बावजूद इसके सरकार के पॉलिसी मेकर्स को इस समयसीमा को बढ़ाकर अभी भी देश की इकॉनमी के 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है. कोरोना महामारी के कारण आर्थिक गतिविधियों के कमजोर के पड़ने के बाद देश उस मुश्किल से उबरने की कोशिश कर रहा है. ऐसे हालात के बावजूद, फाइनेंस मिनिस्ट्री में चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर (chief economic advisor) वी अनंत नागेश्वरन उम्मीद जता रहे हैं कि 5 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी का लक्ष्य वित्त वर्ष 27 तक संभव है.
2019 में दूसरा कार्यकाल हासिल करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में इस लक्ष्य को पहली बार व्यक्त किया था. इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) के आंकड़ों ने कुछ महीने पहले संकेत दिया था कि वित्त वर्ष 2028-29 तक इसकी संभावना नहीं थी. हालांकि, बाद में कहा कि इस लक्ष्य को वित्त वर्ष 2026-27 तक हासिल किया जा सकता है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पहले बजट और 2018-19 के इकोनॉमिक सर्वे में वित्त वर्ष 2025 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनाने के लिए स्पष्ट विजन पेश किए गए थे. उसमें कहा गया था कि वित्त वर्ष 2020 में 2.83 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी वित्त वर्ष 2025 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की बन जाएगी.
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तेजी से बढ़ती इकॉनमी
5 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी के संबंध में चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर की उम्मीद इस तथ्य पर आधारित है कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी इकॉनमी बना हुआ है. उनका कहना है कोरोना महामारी के कारण इकॉनमी में आए संकट के कारण वित्त वर्ष 2025 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी का लक्ष्य पूरा होना संभव नहीं था. 5 वर्षों में इकॉनमी के डबल होने के लिए जीडीपी रेट में सालाना 14 फीसदी वृद्धि के साथ एक्सचेंज रेट भी जरूरी है.
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पहले हो चुकी है जीडीपी दोगुनी
भारत महज 4 वर्षों में अपनी जीडीपी दोगुनी करके पहले दिखा चुका है. वित्त वर्ष 2004 से 4 वर्षों में जब इसकी विकास दर 19 फीसदी थी, तब यह संभव हुआ था. 2007-08 में भारत 1 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बना था. हांलाकि, उसके बाद भारत ने वैसी तेज विकास दर नहीं देखी है. 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉकी के लिए आवश्यक 14 फीसदी की विकास दर के स्थान पर महामारी के कारण विकास की गति पहले वर्ष 5.6 फीसदी पर सिमट गई. वित्त वर्ष 22 में विकास सुधरकर महामारी पूर्व जीडीपी स्तर से 12.4 फीसदी ऊपर हो गया. चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर के मुताबिक, वित्त वर्ष 27 तक भारत की जीडीपी 5.1 ट्रिलियन डॉलर और वित्त वर्ष 34 तक 10 ट्रिलियन डॉलर हो जाएगी.
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Tags: Business news in hindi, GDP, Indian economy
FIRST PUBLISHED : June 25, 2022, 14:58 IST