कर्नाटक हिजाब विवाद: फैसला सुनाने वाले जजों को मिलेगी ‘वाई’ श्रेणी की सुरक्षा, जान से मारने की मिली थी धमकी


न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बेंगलुरु
Published by: संजीव कुमार झा
Updated Sun, 20 Mar 2022 12:24 PM IST

सार

कर्नाटक हिजाब विवाद मामले में कर्नाटक हाई कोर्ट का फैसला आने के बाद भी विवाद पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। जहां कई छात्राओं ने हिजाब की अनुमति नहीं देने पर परीक्षा में बैठने से इनकार कर दिया वहीं अब इस मामले में फैसला सुनाने वाले हाईकोर्ट के तीनों जजों को जान से मारने की धमकी मिली है।

ख़बर सुनें

कर्नाटक हिजाब विवाद मामले में फैसला सुनाने वाले कर्नाटक उच्च न्यायालय के तीनों न्यायाधीशों को वाई श्रेणी की सुरक्षा दी जाएगी। मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने रविवार को इसकी जानकारी दी। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक न्यायाधीशों को जान से मारने की धमकी देने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किए जाने के बाद यह घटनाक्रम सामने आया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि हमने हिजाब पर फैसला देने वाले तीनों जजों को ‘वाई’ श्रेणी की सुरक्षा देने का फैसला किया है। मैंने अधिकारियों को शिकायत की और पूरी जांच करने का निर्देश दिया है। हालांकि प्रशासन ने कुछ लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।

जान से मारने की धमकी मिलने के बाद लिया गया फैसला
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक न्यायाधीशों को जान से मारने की धमकी देने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किए जाने के बाद यह घटनाक्रम सामने आया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि हमने हिजाब पर फैसला देने वाले तीनों जजों को ‘वाई’ श्रेणी की सुरक्षा देने का फैसला किया है। मैंने अधिकारियों को शिकायत की और पूरी जांच करने का निर्देश दिया है। हालांकि प्रशासन ने कुछ लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।

कर्नाटक हाईकोर्ट ने 15 मार्च को सुनाया था फैसला
हिजाब विवाद पर कर्नाटक हाईकोर्ट ने 15 मार्च को फैसला सुनाते हुए  छात्राओं की याचिका को खारिज कर दिया और कहा कि हिजाब धर्म का अनिवार्य हिस्सा नहीं है। स्कूल-कॉलेज में छात्र यूनिफॉर्म पहनने से मना नहीं कर सकते हैं। कोर्ट ने कहा कि इस्लाम में हिजाब पहनना अनिवार्य नहीं है। कोर्ट ने कहा था कि स्कूल यूनिफार्म को लेकर बाध्यता एक उचित प्रबंधन है। छात्र या छात्रा इसके लिए इंकार नहीं कर सकते हैं। इस मामले की सुनवाई के लिए नौ फरवरी को चीफ जस्टिस रितु राज अवस्थी, जस्टिस कृष्णा एस दीक्षित और जस्टिस जेएम खाजी की बेंच का गठन किया गया था। लड़कियों की ओर से याचिका दायर कर मांग की गई थी कि, क्लास के दौरान भी उन्हें हिजाब पहनने की अनुमति दी जाए, क्योंकि हिजाब उनके धर्म का अनिवार्य हिस्सा है। 

विस्तार

कर्नाटक हिजाब विवाद मामले में फैसला सुनाने वाले कर्नाटक उच्च न्यायालय के तीनों न्यायाधीशों को वाई श्रेणी की सुरक्षा दी जाएगी। मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने रविवार को इसकी जानकारी दी। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक न्यायाधीशों को जान से मारने की धमकी देने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किए जाने के बाद यह घटनाक्रम सामने आया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि हमने हिजाब पर फैसला देने वाले तीनों जजों को ‘वाई’ श्रेणी की सुरक्षा देने का फैसला किया है। मैंने अधिकारियों को शिकायत की और पूरी जांच करने का निर्देश दिया है। हालांकि प्रशासन ने कुछ लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।

जान से मारने की धमकी मिलने के बाद लिया गया फैसला

न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक न्यायाधीशों को जान से मारने की धमकी देने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किए जाने के बाद यह घटनाक्रम सामने आया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि हमने हिजाब पर फैसला देने वाले तीनों जजों को ‘वाई’ श्रेणी की सुरक्षा देने का फैसला किया है। मैंने अधिकारियों को शिकायत की और पूरी जांच करने का निर्देश दिया है। हालांकि प्रशासन ने कुछ लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।

कर्नाटक हाईकोर्ट ने 15 मार्च को सुनाया था फैसला

हिजाब विवाद पर कर्नाटक हाईकोर्ट ने 15 मार्च को फैसला सुनाते हुए  छात्राओं की याचिका को खारिज कर दिया और कहा कि हिजाब धर्म का अनिवार्य हिस्सा नहीं है। स्कूल-कॉलेज में छात्र यूनिफॉर्म पहनने से मना नहीं कर सकते हैं। कोर्ट ने कहा कि इस्लाम में हिजाब पहनना अनिवार्य नहीं है। कोर्ट ने कहा था कि स्कूल यूनिफार्म को लेकर बाध्यता एक उचित प्रबंधन है। छात्र या छात्रा इसके लिए इंकार नहीं कर सकते हैं। इस मामले की सुनवाई के लिए नौ फरवरी को चीफ जस्टिस रितु राज अवस्थी, जस्टिस कृष्णा एस दीक्षित और जस्टिस जेएम खाजी की बेंच का गठन किया गया था। लड़कियों की ओर से याचिका दायर कर मांग की गई थी कि, क्लास के दौरान भी उन्हें हिजाब पहनने की अनुमति दी जाए, क्योंकि हिजाब उनके धर्म का अनिवार्य हिस्सा है। 



Source link

Enable Notifications OK No thanks