जहांगीरपुरी हिंसा का मुख्य आरोपी अंसार है आदतन अपराधी, 2009 से दर्ज हैं कई केस: सूत्र


नई दिल्ली. दिल्ली के जहांगीरपुरी में 16 मार्च को हुई हिंसा का मुख्य आरोपी अंसार एक आदतन अपराधी है और उसके खिलाफ 2009 से कई मामले हैं. शीर्ष पुलिस सूत्रों ने सीएनएन-न्यूज 18 को यह जानकारी दी. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि इस मामले में गिरफ्तार सभी आरोपी विरोधाभासी बयान दे रहे हैं. हनुमान जयंती जुलूस के दौरान हुई झड़पों में आठ पुलिसकर्मी और एक स्थानीय व्यक्ति घायल हो गए थे. दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने सोमवार को कहा कि अब तक दो समुदायों के 23 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. झड़पों की जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई है और 14 टीमों का गठन किया गया है. सबूत जुटाने के लिए चार फोरेंसिक टीमों ने भी मौके का दौरा किया.

सूत्रों के मुताबिक 2009 में जहांगीरपुरी थाने में आर्म्स एक्ट के तहत दर्ज प्राथमिकी में अंसार को आरोपी बनाया गया था. 2011 में उस पर जुए का मामला दर्ज किया गया था, जबकि 2013 में उसे डराने-धमकाने और मारपीट के मामले में आरोपी बनाया गया था. 2018 में, उसे एक पुलिस अधिकारी पर हमला करने और उन्हें अपना कर्तव्य करने की अनुमति नहीं देने के लिए आरोपित किया गया था. इसी तरह से 2019 में अंसार के खिलाफ एक बार फिर जुए के लिए मामला दर्ज हुआ था. उसे शनिवार शाम जहांगीरपुरी हिंसा के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और वह अभी पुलिस हिरासत में है. रविवार को रोहिणी जिला न्यायालय जाते वक्त रास्ते में फिल्म ‘पुष्पा: द राइज’ की एक एक्टिंग करते हुए देखे जाने के बाद उसने सबका ध्यान खींचा था.

सभी गिरफ्तार आरोपी सोशल मीडिया से प्रभावित?
दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने कहा कि सभी गिरफ्तार आरोपियों से अलग-अलग पूछताछ चल रही है और टीमें संतुष्ट नहीं हैं क्योंकि सभी के बयान विरोधाभासी हैं. आरोपियों के शुरुआती बयानों से पता चलता है कि वे सोशल मीडिया से प्रभावित थे और स्थानीय हिंदू लड़कों से भिड़ना चाहते थे. सूत्रों ने कहा कि सभी ने एक बात कही कि वे जवाबी कार्रवाई के लिए तैयार थे और उन्हें किसी भी तरह की घटना के लिए तैयार रहने के निर्देश थे. सूत्रों ने कहा कि पूछताछ टीमों को सोनू चिकना से उनके इस सवाल का संतोषजनक जवाब नहीं मिला कि उसने जो हथियार इस्तेमाल किया था, वह उसके पास कहां से आया.

‘आरोपियों के हथियार हासिल करना बड़ी बात नहीं’
जहांगीरपुरी, जिस इलाके में शनिवार को सांप्रदायिक दंगे हुए थे, वह “अपराधियों का केंद्र” है और जिले या रेंज की सेवा या निगरानी करने वाले पुलिस अधिकारियों के अनुसार, उनलोगों के लिए “अवैध रूप से हथियार हासिल करना कोई बड़ी बात नहीं है”. हालांकि, सभी अधिकारियों ने कहा कि अपराधियों ने अतीत में कभी भी स्थानीय पुलिस थानों के जवानों पर हमला नहीं किया है.

पुलिस टीमों के दिल्ली और एनसीआर में अन्य जगहों पर भी छापेमारी करने की संभावना है. उन्होंने कहा है कि इस मामले में और गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं.

Tags: Delhi police



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