रानी लक्ष्मीबाई के किले के नीचे बनाया जा रहा पाथ वे, ASI खुद के नियमों की उड़ा रहा धज्जियां


झांसी. एक तरफ भारतीय पुरातत्व विभाग का नियम है कि किसी भी संर‌िक्ष्‍ज्ञत इमारत के आसपास 100 मीटर के दायरे में कोई निर्माण नहीं किया जा सकता, वहीं दूसरी तरफ विभाग खुद इस नियम की धज्जियां उड़ाता दिख रहा है. झांसी को स्मार्ट सिटी बनाने के तहत अब नगर निगम और एएसआई नियमों की धज्जियां उड़ाने के साथ ही ऐतिहासिक इमारत से भी छेड़छाड़ कर रहे हैं. रानी लक्ष्मीबाई के ऐतिहासिक किले की तलहटी में नगर निगम ने पाथ वे बनाने का काम शुरू कर दिया है. इस काम के शुरू होती ही ये विवादों में भी आ गया है और लोगों ने इसका विरोध शुरू कर दिया है.
बुंदेलखंड के ऐतिहासिक और संरक्षित किले की नींव से छेड़छाड़ को लेकर बुंदेलखंड निर्माण मोर्चा ने कोर्ट में वाद भी दायर किया है. मोर्चे के अध्यक्ष भानू सहाय ने बताया कि किले की पहाड़ी की नींव को खोदा जा रहा है. यहां पर एएसआई के एक्ट का उल्लंघन कर अवैध तौर पर सीमेंट, बजरी और बुल्डजरों की मदद से निर्माण कार्य हो रहा है.

उन्होंने कहा कि पहाड़ी को किस एक्ट व नियम के तहत खोदा जा रहा है. इसकी अनुमति कहां से और किस से ली गई इस पर कोई भी अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं है. पुरातत्व विभाग झांसी मंडल, नगर निगम और स्मार्ट सिटी विभाग से जब इस संबंध में जानकारी मांगी गई तो अधिकारियों ने चुप्पी साध ली. वहीं इस संबंध में मेयर का कहना है कि किले के विकास को लेकर ये पाथ वे बनाया जा रहा है. हालांकि ये बात निगम के अधिकारी बोलने से बच रहे हैं. वही झांसी पुरातत्व विभाग के अफसरों ने इस मामले में कुछ भी बोलने से साफ इंकार कर दिया है.

पूरे शहर में चल रहा निर्माण कार्य
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के चलते पूरे शहर में जगह-जगह निर्माण कार्य किए जा रहे हैं. इसी के तहत रानी लक्ष्मीबाई के ऐतिहासिक किले के नीचे से भी पाथ वे का निर्माण किया जा रहा है. न केवल कुछ संगठन बल्कि शहर के तमाम लोग इस निर्माण कार्य का लगातार विरोध कर रहे हैं क्योंकि इस निर्माण से शहर की ऐतिहासिक धरोहर को भारी नुकसान हो सकता है.

आपके शहर से (झांसी)

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