पैरामिलिट्री में अफसरों की कमी ने बढ़ाई चिंता, 4 साल में 70% तक घट गईं भर्तियां


नई दिल्लीः केंद्रीय अर्धसैनिक बलों में नए अफसरों की कमी अब चिंता का सबब बनती जा रही है. पैरामिलिट्री (paramilitary forces) में खाली पड़े पदों और उन पर भर्ती के बीच का फासला लगातार बढ़ता जा रहा है. यही हाल रहा तो केंद्रीय बलों में विभिन्न स्तरों पर लीडरशिप का संकट पैदा होने की आशंका गहरा सकती है. केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (Central Armed Police Forces – CAPF) में तमाम बटालियन, विभागों और यूनिटों की जिम्मेदारी मुख्य तौर पर गजटेड ऑफिसर्स (Gazetted Officers – GO) संभालते हैं. होम मिनिस्ट्री के आंकड़े बताते हैं कि 2018 के बाद से इन बलों में अफसरों की भर्तियों में भारी गिरावट आई है. कहीं-कहीं तो इसमें 70 फीसदी तक की कमी हो गई है.

गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, 2018 में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों में 834 गजटेड अफसरों की नियुक्ति हुई थी. इसके बाद 2019 में ये संख्या घटकर 381 रह गई. 2020 में कोरोना महामारी के दौरान इसमें और गिरावट आई और सिर्फ 288 अफसरों की ही भर्ती हो पाई. 2021 का हाल भी अच्छा नहीं रहा और सिर्फ 238 अफसर ही इन बलों में शामिल हो सके. ये स्थिति सिर्फ अर्धसैनिक बलों की नहीं हैं. केंद्र शासित प्रदेशों में पुलिस बलों की नियुक्तियों का भी ऐसा ही हाल है. होम मिनिस्ट्री का डाटा बताता है कि 2018 में केंद्रशासित प्रदेशों में 141 गजटेड अफसर भर्ती हुए थे, जबकि 2019 में इनकी संख्या घटकर 48 और 2020 में 65 रह गई. 2021 में तो एक भी गजटेड अफसर इनमें भर्ती नहीं हुआ.

निचले स्तर पर भर्तियों में हालांकि हालत इतनी बुरी नहीं है. 2018 में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में 13,346 लोअर रैंक स्टाफ की नियुक्तियां हुई थीं. 2019 और 2020 में इसमें भारी गिरावट आई. 2019 में जहां 3548 तो 2020 में 2546 निचले स्तर के कर्मी इन बलों से जुड़ पाए. लेकिन 2021 में सरकार ने बड़े पैमाने पर भर्तियां निकालीं और 57995 लोअर रैंक स्टाफ की भर्ती कर ली. इसके बावजूद CAPF और असम राइफल्स में 70 हजार से ज्यादा पद अभी भी खाली पड़े हैं. आंकड़ों में बताएं तो गजटेड अफसरों के 1969 पद, अधीनस्थ अधिकारियों के 23,129 पद और बाकी रैंक वाले 48,121 पद भर्तियों का इंतजार कर रहे हैं. केंद्रीय पुलिस बलों में कुल स्वीकृत पदों की संख्या 10,05,418 है, जबकि 9,30,746 पर ही भर्तियां हो पाई हैं. नेपाल सीमा पर तैनात सशस्त्र सीमा बल (SSB) में गजटेड अफसरों की सबसे ज्यादा कमी है. उसके बाद ITBP और CRPF का नंबर है.

केंद्र सरकार इन बलों में कई तरह से नियुक्तियां करती हैं जिनमें सीधी भर्ती, प्रमोशन और डेपुटेशन शामिल हैं. केंद्रीय बलों में अफसरों की कमी की एक वजह राज्यों द्वारा डेपुटेशन के लिए अफसरों को रिलीव न करना भी है. एक डीजी स्तर के अधिकारी ने न्यूज18 को बताया कि करीब दो साल पहले केंद्र ने बंगाल काडर के तीन अफसरों को ITBP और SSB जैसे बलों में तैनात किया था, लेकिन बंगाल सरकार ने अब तक उन्हें रिलीव नहीं किया है. कई मामले ऐसे भी हैं कि अफसर खुद भी किसी खास फोर्स में ही जाना चाहते हैं. इस सबकी वजह से पैरामिलिट्री में अफसरों की कमी हो गई है. सूत्रों का कहना है कि बटालियन और यूनिट लेवल पर तो कमांड करने के लिए काफी कम अफसर बचे हैं.

Tags: CAPF, CRPF, Indian Armed Forces



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