अंधविश्वास: घर के बाहर लगे हैंडपंप से पानी नहीं लेता था परिवार, सामने आया एक और चौंकाने वाला सच


प्रयागराज के करछना के डीहा गांव में अंधविश्वास के कारण जान गंवाने वाली अंतिमा का बुधवार को दारागंज घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। तबीयत खराब होने के कारण पिता अभयराज यादव अंत्येष्टि में शामिल नहीं हो पाए। उन्होंने वीडियो कॉल से पूरी प्रक्रिया करवाई। इस दौरान कुछ रिश्तेदार और पुलिस वाले मौजूद रहे। आज नायब तहसीलदार अस्पताल में पहुंचे और परिवार वालों से मुलाकात की। डीहा गांव के रहने वाले अभयराज यादव का पूरा परिवार अंधविश्वास के जाल में फंसा था। उनकी बेटी अंतिमा की मौत हो गई थी लेकिन उन लोगों ने किसी से बताया नहीं था। चुपचाप घर में पूजा पाठ कर रहे थे। पड़ोसियों की शिकायत पर पुलिस पहुंची तो पूरे मामले का खुलासा हुआ। अंतिमा का बुधवार को पोस्टमार्टम कराया गया था। इसके बाद अंत्येष्टि की गई। इस दौरान उसके कुछ दूर के रिश्तेदार जरूर मौजूद थे लेकिन पिता समेत कोई घर वाला नहीं था। 

बाकी परिवार वालों का एसआरएन अस्पताल में इलाज चल रहा है। पिता अभयराज यादव ससुराल में हैं। उनके साले ने वीडियो कॉल किया। इसके बाद अंत्येष्टि की पूरी प्रक्रिया संपन्न कराई गई। अभयराज इस दौरान लगातार रोते रहे। उधर अस्पताल में पत्नी तथा बच्चों की हालत स्थिर बनी हुई है। 

डाक्टरों का कहना था कि एक दो दिन में उन्हें मनोचिकित्सक के पास ले जाया जाएगा। वे इतने कमजोर हैं कि अभी ठीक से खड़े होने के लायक भी नहीं हैं। लंबे समय से पूरा भोजन न ग्रहण करने और अंधविश्वास के कारण उनका शरीर चलने लायक नहीं है। 

गुरुवार को भी नायब तहसीलदार विजय द्विवेदी कुछ लोगों के साथ अस्पताल पहुंचे और परिवार वालों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने इलाज कर रहे डाक्टरों से भी बात की। 

 

घर के आस पास सन्नाटा, लोग जाने से डर रहे

अभयराज यादव के घर के आस पास बृहस्पतिवार को सन्नाटा छाया था। पास पड़ोस वालों ने बताया कि बच्चे भी घर के आस पास जाने से डर रहे हैं। घटना को लेकर गांव में जितने मुंह उतने तरह की बातें हो रही हैं। पड़ोसियों का कहना था कि अभयराज का परिवार पहले सही था लेकिन कुछ सालों से उन्होंने एक दूसरे से मिलना जुलना छोड़ दिया था। 



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