रूस-यूक्रेन युद्ध : तबाही और दर्द का ये मंजर देख पूरी दुनिया हिल गई, 20 तस्वीरों में देखिए युद्ध के दो महीने


रूस-यूक्रेन युद्ध को आज दो महीने पूरे हो गए। 24 फरवरी की तड़के सुबह रूस ने यूक्रेन पर हवाई हमले शुरू किए थे, जो आज भी जारी है। इन दो महीनों में रूस ने यूक्रेन को लगभग पूरी तरह से तबाह कर दिया है। कई शहरों को कब्जे में ले लिया। सैकड़ों लोग मारे गए। 

तबाही का ये मंजर ईंट और पत्थर से बने घर और इमारतों तक ही सीमित नहीं रहा। इस युद्ध में खूब खून बहे। सेना के जवानों से लेकर बच्चे, बुजुर्ग तक बेमौत मारे गए। यहां के बूचा शहर में तो इंसानियत ही तार-तार हो गई। यूक्रेन का आरोप है कि बूचा शहर में रूसी सैनिकों ने मौत का तांडव दिखाया। हैवानियत की सारी हदें पार कर दीं। महिलाओं, लड़कियों के साथ रेप और गैंगरेप किया। बेदर्दी से आम नागरिकों को सिर में गोली मारी। कईयों को जिंदा जला दिया। कई दिन तक सैकड़ों शव सड़कों पर बिखरे पड़े रहे।

आज हम आपको 24 फरवरी से 24 अप्रैल तक के युद्ध की 20 दर्दनाक तस्वीरें दिखाने जा रहे हैं। ये वो तस्वीरें हैं जो युद्ध के समय सामने आईं। इन्हें देखकर पूरी दुनिया हिल गई। देखें तस्वीरें…

यूक्रेन के बूचा शहर की तस्वीर है। यहां मौत का ऐसा तांडव हुआ कि पूरी दुनिया कांप उठी। 20 दिन में रूस के सैनिकों ने इस शहर को कब्रगाह में बदल दिया। रूसी सेना ने यहां यूक्रेनियन के हाथ-पांव बांधकर सिर में गोली मारी। महिलाओं के साथ रेप किया। पूरे शहर को लाशों के ढेर में बदल दिया। 600 से ज्यादा शवों को इस शहर के अलग-अलग हिस्सों से बरामद किया गया। कई लाशें बुरी तरह से बदबू मार रही थी। 

बूचा में कई लोगों की लाशें मिलीं। इसके बाद यूक्रेन की पुलिस ने शवों को एकत्रित करके अलग-अलग कब्रिस्तानों में दफन कर दिया। 

 

युद्ध के बीच यूक्रेन-पोलैंड बॉर्डर से एक दर्दनाक वीडियो सामने आया। इसमें एक बच्चा हाथ में लिफाफा पकड़े हुए रोते-रोते चलता जा रहा है। बताया गया कि इसके मां-पिता रूस के हमले में मारे गए थे। जिसके बाद वह अकेला ही पोलैंड की तरफ बढ़ गया। 

तस्वीर 15 साल की माशा फेशचेंको की है। यूक्रेन के ज़ापोरोज़े शहर में रूस के हमले में यह बच्ची गंभीर रूप से घायल हो गई। यह हमला तब हुआ था, जब बच्ची अपनी मां के साथ सड़क से गुजर रही थी। बम ब्लास्ट होने से माशा का एक पैर भी उड़ गया। तस्वीर सामने आने के बाद रूस ने सफाई देते हुए इसे झूठा साबित करने की कोशिश की थी। बाद में यूक्रेन के ज़ापोरोज़े रीजनल अस्पताल ने बच्ची की तस्वीर शेयर कर रूस के दावे को ही झूठा करार दे दिया। 

 



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