झारखंड: देवघर रोपवे घटना के कारणों की जांच के लिए बनाई गई कमेटी, ये नाम हैं शामिल


सार

कमेटी के अध्यक्ष अमित कुमार सिंह होंगे जो झारखंड वित्त विभाग में प्रधान सचिव हैं। अमिताभ कौशल के साथ राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान द्वारा नामित प्रतिनिधि सदस्य होंगे। 

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झारखंड के देवघर जिले में हुए रोपवे हादसे के बाद राज्य सरकार ने अधिसूचना जारी कर बताया कि त्रिकुट रोपवे घटना के कारणों की जांच के लिए कमेटी बनाई गई है। अब कमेटी में शामिल सदस्य घटना की जांच करेंगे।

इस कमेटी के अध्यक्ष अमित कुमार सिंह होंगे जो झारखंड वित्त विभाग में प्रधान सचिव हैं। अमिताभ कौशल के साथ राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान द्वारा नामित प्रतिनिधि सदस्य होंगे। 

वहीं कमेटी को दो महीने के अंदर शासन को रिपोर्ट सौंपनी होगी। साथ ही अधिसूचना में बताया गया है कि समिति के अध्यक्ष द्वारा देश के किसी भी संस्थान से विशेषज्ञ को जांच में सहयोग के लिए आमंत्रित कर सकते हैं।

अधिसूचना में कहा गया है कि झारखंड पर्यटन विकास निगम लिमिटेड त्रिकुट हिल्स पर रोपवे मशीन संचालित करता है। यहां रोपवे ने 10 अप्रैल को अज्ञात कारणों से काम करना बंद कर दिया था और ट्रॉलियों ने चलना बंद कर दिया था। इससे कुछ ट्रॉलियां पहाड़ियों से टकरा गईं।

इसके बाद रोपवे का संचालन फिर से शुरू नहीं हो सका और जिला प्रशासन को मजबूर होकर राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल, भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना की मदद लेनी पड़ी ताकि पर्यटकों को ट्रॉलियों से बाहर निकाला जा सके।

हुआ था दर्दनाक हादसा
देवघर में बाबा बैद्यनाथ मंदिर के पास स्थित त्रिकूट पर्वत पर एक रोपवे की कुछ केबिन कार आपस में टकरा गई थीं। इस दर्दनाक हादसे में कुल तीन लोगों की मौत हुई है, जिनमें से दो लोगों की जान हेलीकॉप्टर से किए जा रहे बचाव कार्य के दौरान नीचे गिर जाने की वजह से चली गई। 

रोपवे की केबल कार में हुई टक्कर के बाद करीब 48 पर्यटक डेढ़ से दो हजार फीट की ऊंचाई पर 25 केबल कारों में फंस गए थे। इन्हें बचाने के लिए पहले राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की टीम ने काम शुरू किया था। बाद में इस कार्य में वायु सेना की मदद भी ली गई थी।

झारखंड सरकार ने सोमवार को रोपवे हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये के चेक सौंपे। डीआरआईएल ने दुर्घटना में मारे गए प्रत्येक व्यक्ति के परिजनों को 25-25 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की थी। झारखंड उच्च न्यायालय ने देवघर रोपवे घटना का स्वत: संज्ञान लिया है और मामले की जांच के आदेश दिए हैं।

विस्तार

झारखंड के देवघर जिले में हुए रोपवे हादसे के बाद राज्य सरकार ने अधिसूचना जारी कर बताया कि त्रिकुट रोपवे घटना के कारणों की जांच के लिए कमेटी बनाई गई है। अब कमेटी में शामिल सदस्य घटना की जांच करेंगे।

इस कमेटी के अध्यक्ष अमित कुमार सिंह होंगे जो झारखंड वित्त विभाग में प्रधान सचिव हैं। अमिताभ कौशल के साथ राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान द्वारा नामित प्रतिनिधि सदस्य होंगे। 

वहीं कमेटी को दो महीने के अंदर शासन को रिपोर्ट सौंपनी होगी। साथ ही अधिसूचना में बताया गया है कि समिति के अध्यक्ष द्वारा देश के किसी भी संस्थान से विशेषज्ञ को जांच में सहयोग के लिए आमंत्रित कर सकते हैं।

अधिसूचना में कहा गया है कि झारखंड पर्यटन विकास निगम लिमिटेड त्रिकुट हिल्स पर रोपवे मशीन संचालित करता है। यहां रोपवे ने 10 अप्रैल को अज्ञात कारणों से काम करना बंद कर दिया था और ट्रॉलियों ने चलना बंद कर दिया था। इससे कुछ ट्रॉलियां पहाड़ियों से टकरा गईं।

इसके बाद रोपवे का संचालन फिर से शुरू नहीं हो सका और जिला प्रशासन को मजबूर होकर राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल, भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना की मदद लेनी पड़ी ताकि पर्यटकों को ट्रॉलियों से बाहर निकाला जा सके।

हुआ था दर्दनाक हादसा

देवघर में बाबा बैद्यनाथ मंदिर के पास स्थित त्रिकूट पर्वत पर एक रोपवे की कुछ केबिन कार आपस में टकरा गई थीं। इस दर्दनाक हादसे में कुल तीन लोगों की मौत हुई है, जिनमें से दो लोगों की जान हेलीकॉप्टर से किए जा रहे बचाव कार्य के दौरान नीचे गिर जाने की वजह से चली गई। 

रोपवे की केबल कार में हुई टक्कर के बाद करीब 48 पर्यटक डेढ़ से दो हजार फीट की ऊंचाई पर 25 केबल कारों में फंस गए थे। इन्हें बचाने के लिए पहले राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की टीम ने काम शुरू किया था। बाद में इस कार्य में वायु सेना की मदद भी ली गई थी।

झारखंड सरकार ने सोमवार को रोपवे हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये के चेक सौंपे। डीआरआईएल ने दुर्घटना में मारे गए प्रत्येक व्यक्ति के परिजनों को 25-25 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की थी। झारखंड उच्च न्यायालय ने देवघर रोपवे घटना का स्वत: संज्ञान लिया है और मामले की जांच के आदेश दिए हैं।



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