ये लापरवाही भारी न पड़ जाए: सात दिनों में 17 लोगों ने गंवाई कोरोना से जान, बीते छह दिन के आंकड़े चौकाने वाले


राजधानी में कोरोना संक्रमण लगातार बढ़ रहा है। इस बीच अस्पतालों में भर्ती होने वाले गंभीर मरीजों की संख्या करीब दो गुना हो गई है। यही वजह है कि ऑक्सीजन सपोर्ट पर मरीजों की संख्या जहां 100 के करीब पहुंच गई है। वहीं, आईसीयू में मरीजों का आंकड़ा 119 पर पहुंचा है। वेंटिलेटर पर भी मरीजों की संख्या सात से बढ़कर 12 पर पहुंच गई है। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि अस्पतालों में बाहर से गंभीर मरीज नहीं पहुंच रहे हैं, जो मरीज पहले से भर्ती हैं उनमें ही कोरोना के लक्षण मिल रहे हैं।

 

मौसमी वायरल के साथ-साथ इन दिनों दिल्ली में कोरोना संक्रमण के भी मामले बढ़े हैं। इस कड़ी में बृहस्पतिवार तक कोरोना के दैनिक मामलों का ग्राफ दो हजार को पार करते हुए 2202 रहा। वहीं, आईसीयू में 119, ऑक्सीजन पर 99 व वेंटिलेटर 12 मरीज भर्ती थे, जबकि 29 जुलाई तक आईसीयू में 76, ऑक्सीजन सपोर्ट पर 59 व वेंटिलेटर पर सात मरीज भर्ती थे। 

इसे लेकर लोक नायक अस्पताल के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने कहा कि अस्पताल में गंभीर मरीजों की संख्या बढ़ी है। हालांकि, इसमें बाहर से आने वाले गंभीर मरीज नहीं हैं, बल्कि जो मरीज पहले से ही अस्पताल में अन्य बीमारियों के इलाज के लिए पहुंचे थे, वे कोरोना संक्रमित मिल रहे हैं। इसमें हृद्य, लीवर व किडनी से जुड़ी बीमारियों वाले मरीजों की संख्या अधिक है। 

डॉक्टर ने कहा कि क्योंकि, संक्रमण तेजी से फैल रहा है। इस वजह से पहले से ही गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीज संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं। ऐसे में गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों को अधिक एहतियात बरतने की जरूरत है। वहीं, सफदरजंग विभाग के मेडिसीन विभाग के एक वरिष्ठ डॉक्टर कहते हैं, मौसम में लगातार बनी हुई नमी के कारण संक्रमण को बढ़ने में मदद मिल रही है। वहीं, लोग भी कोरोना नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर लोग बिना मास्क के देखे जा रहे हैं। इस वजह से कोरोना संक्रमण को बढ़ रहा है। अस्पताल में कुछ मरीजों में कोरोना के हल्के लक्षण मिल रहे हैं। वहीं, जो मरीज वेंटिलेटर व आईसीयू में भर्ती हैं, उनमें भी कोरोना के लक्षण मिले हैं। हालांकि, यह लक्षण खांसी, जुकाम व हल्के बुखार के हैं। ऐसे में कोरोना की वजह से किसी मरीज को अधिक परेशानी नहीं हो रही है। 

एक सप्ताह में 17 मरीजों ने जान गवाई

राजधानी में बीते एक सप्ताह के भीतर 17 लोगों ने कोरोना से जान गवाई है। सबसे अधिक पांच मौतें तीन अगस्त को दर्ज की गई थी। वहीं, चार अगस्त को चार मौतें हुई थी। 31 जुलाई को एक भी मरीज की कोरोना से मौत नहीं हुई थी। डॉक्टरों का कहना है कि गंभीर मरीज अपनी मूल बीमारी की वजह से जान गवा रहे हैं, क्योंकि कोरोना के गंभीर लक्षणों की वजह से मौतें देखने को नहीं मिल रही हैं। 



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