दलीप ताहिल के करियर में ‘विलेन’ बना बॉलिवुड का यह सिस्टम, बोले- हाथ से कई हॉलिवुड फिल्में निकलीं


दलीप ताहिल की गिनती हिंदी सिनेमा के उन स्टार्स में होती है, जिन्होंने नेगेटिव से लेकर पॉजिटिव, हर किरदार को बड़े ही प्रभावी तरीके से निभाया। जितने वह नेगेटिव और विलेन के किरदारों में जमे, उतने ही पॉजिटिव किरदारों में। जहां ‘बाजीगर’ में दलीप ताहिल नेगेटिव रोल में दिखे तो वहीं ‘कयामत से कयामत तक’ में आमिर खान के पिता के रोल में नजर आए। इन 48 साल के करियर में दलीप ताहिल ने फिल्मों से लेकर वेब सीरीज और टीवी सीरीज तक में काम किया। पर आज भी उन्हें एक बात का मलाल है। दलीप ताहिल के हाथ से मीरा नायर की ‘कामसूत्र’ समेत कई इंटरनैशनल प्रॉजेक्ट्स निकल गए।

बॉलिवुड के 3 शिफ्ट सिस्टम का असर, ‘टैक्सी’ बन गए थे दलीप ताहिल

दलीप ताहिल (Dalip Tahil) ने हाल ही हमारे सहयोगी ईटाइम्स को दिए इंटरव्यू में इस बारे में बताया। साथ ही खुलासा किया कि किस तरह फिल्म इंडस्ट्री के 3 शिफ्ट सिस्टम ने उनके करियर की बुनियाद ही हिला दी। दलीप ताहिल को समझ ही नहीं आ रहा था वह ऐक्टर के रूप में क्या काम कर रहे हैं। दलीप तााहिल ने कहा, ‘अपने करियर मैंने 3 शिफ्ट सिस्टम में काम किया और उसने मेरा फाउंडेशन हिलाकर रख दिया। मैंने देखा कि मेरे आसपास कोई भी खुश नहीं था। मैं भी बस सिर्फ पैसे बनाने वाली मशीन बन गया था। राज कपूर अपने भाई शशि कपूर को ‘टैक्सी’ बुलाते थे। वह बिल्कुल सही थी। सोचिए कोई द ग्रेट शशि कपूर को ‘टैक्सी’ बुलाए। लेकिन उनके शब्द उस वक्त हर उस आदमी के कानों में गूंजते रहते थे जो 3 से 4 शिफ्ट करता था। हम सभी टैक्सी थे। उस वक्त क्वालिटी का तो कोई सवाल ही नहीं उठता क्योंकि आप एक सेट से दूसरे सेट पर भाग रहे होते थे। आप एक साथ 6 फिल्में कर रहे हैं और किसी को कुछ पता ही नहीं होता था कि किस फिल्म में क्या चल रहा है क्योंकि ऐक्टर्स 2-3 घंटों के लिए आते थे। वहीं पर तुरंत स्क्रिप्ट बदल दी जाती थीं। उसी पल डायलॉग बदल दिए जाते थे।’


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दलीप ताहिल सोचते थे- क्या ऐक्टर के तौर पर मैं यही करने आया हूं?
दलीप ताहिल ने आगे बताया, ‘कभी-कभी तो ऐसा होता था कि मैं और मिथुन (चक्रवर्ती) एक सेट से जब दूसरे सेट पर जाते तो सिर्फ शर्ट ही बदल पाती और बाकी कुछ नहीं बदलता था। अगर पिक्चर चल गई तो तू चल गया। पांच पिक्चरें और साइन करो। लेकिन उस वक्त यह बहुत मुश्किल था। हालांकि इरादे नेक थे। लोग स्क्रिप्ट लिखते थे, लेकिन हर चीज को सही तरीके से अंजाम देना मुश्किल होता था क्योंकि उस वक्त सिस्टम बहुत अजीब था। एक ऐसा समय था जब मैं अच्छा कर रहा था, फिल्में मिल रही थीं। मैं अच्छा कमा रहा था। लेकिन सवाल दिन-ब-दिन यही था कि मैं क्या कर रहा हूं? क्या ऐक्टर के तौर पर मैं यही करने आया हूं?’


दलीप ताहिल के हाथ से निकली ‘कामसूत्र’, रह गए गिड़गिड़ाते
दलीप ताहिल के हाथ से मीरा नायर की ‘कामसूत्र’ समेत फिल्में हाथ से निकल जाने के पीछे की वजह भी बताई। दलीप ताहिल ने कहा, ‘कुछ फिल्में थीं जो 3 शिफ्ट सिस्टम के चक्कर में हाथ से निकल गईं। मैं सबके बारे में तो नहीं बता सकता, लेकिन मैंने मीरा नायर की ‘कामसूत्र’ खो दी। इस फिल्म में उन्होंने मुझे कमाल का रोल ऑफर किया था। फिल्म की शूटिंग उस वक्त खजुराहो में चल रही थी। उनका एक नियम था कि आप सेट से बार-बाहर अंदर-बाहर नहीं कर सकते क्योंकि उनका इंश्योरेंस था। आप यह नहीं कह सकते कि आप किसी और प्रॉजेक्ट के लिए 3 दिन की छुट्टी ले रहे हैं और फिर वापस आ जाएंगे। मैंने अपनी सारी डेट्स अडजस्ट कीं। मैं बस दो दिन और चाहता था, लेकिन अडजस्ट नहीं हो पाए। मैंने उनसे भीख मांगी। कहा कि मीरा प्लीज मुझे दो दिन दे दो।’


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दलीप ताहिल के हाथ से निकले कई इंटरनैशनल प्रॉजेक्ट्स

दलीप ताहिल ने आगे कहा, ‘मुझे उन दो दिनों में मीरा नायर के साथ शूट भी नहीं करना था, पर उन्होंने मुझे जाने ही नहीं दिया। उन्होंने कहा कि नहीं तुम नहीं जा सकते। मीरा ने इसकी वजह भी बताई। उन्होंने कहा कि जिस तरह से इंटरनैशनल फिल्मों का इंश्योरेंस स्ट्रक्चर प्लान किया जाता है, उसमें सभी ऐक्टर्स, टीम और केटरर्स के लिए एक ही पॉलिसी होती है। उन्होंने कहा कि अगर मैंने शूट से ऑफ लिया और खुदा-ना-खास्ता अगर मुझे चोट लग गई तो मैं उनके साथ शूट नहीं कर पाऊंगा। और फिर इंश्योरेंस में उन्हें घाटा होगा। इस 3 शिफ्ट सिस्टम की वजह से मैंने मीरा नायर की ‘कामसूत्र’ खो दी। वो उन दो दिन के लिए कॉम्प्रोमाइज नहीं कर पाईं। इस सिस्टम की वजह से मेरे हाथ से कई इंटरनैशनल प्रॉजेक्ट्स भी निकल गए।’



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