पोर्टफोलियों में गिरावट रोकने के लिए दिग्गज इनवेस्टर शंकर शर्मा ने बताया फॉर्मूला, घाटा होगा कम!


नई दिल्ली. शेयर बाजार में जारी गिरावट ने निवेशकों की लाखों करोड़ रुपये की संपत्ति साफ कर दी शुक्रवार को सेंसेक्स 52,793 पर जबकि निफ्टी 15000 के करीब पहुंचकर बंद हुआ. सेंसेक्स अपने ऑलटाइम हाई से करीब 9 हजार अंक नीचे लुढ़क चुका है. कोविड-19 की मार झेल जाने वाले शेयर बाजार ने आखिरकार रूस-युक्रेन युद्ध के समक्ष जैसे घुटने टेक दिए हैं.

वहीं, दुनियाभर में तेजी बढ़ रही मुद्रास्फीति और उसके बाद मंदी की आहट ने कई बाजारों में घबराहट पैदा कर दी है और भारतीय शेयर बाजार भी इससे अछूता नहीं रहा है. कई खुदरा निवेशक नहीं समझ पा रहे कि उन्हें ऐसे में क्या करना चाहिए कि उनकी पूंजी में हो रही गिरावट में ब्रेक लगे.

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कई दिग्गज कंपनियों के शेयर गिरे
बजाज फिनसर्व, इंडियाबुल्स हाउसिंग, वेदांता, हिंडाल्को, बजाज फाइनेंस, मारुति सुजुकी, एलएंडटी और विप्रो जैसी बड़ी कंपनियों के शेयर में बड़ी गिरावट देखने को मिली. शुक्रवार को भले ही टाटा मोटर्स के शेयरों ने दम दिखाया लेकिन फिर भी 2 दिन पहले के अपने स्तर को छू नहीं पाए. गौरतलब है कि इन कंपनियों की बुनियादी स्थिति काफी मजबूत है.

एक्सपर्ट की राय
बाजार में भारी गिरावट का असर अपने पोर्टफोलियो पर कम करने के लिए तरकीब ढूंढ रहे निवेशकों के लिए दिग्गज इन्वेस्टर शंकर शर्मा ने एक सलाह दी है. उन्होंने कहा है कि ऐसे समय में निवेशकों को 80:20 की नीति अपनानी चाहिए. ईटी से बात करते हुए उन्होंने कहा कि 80-20 रूल का मतलब है कि 80 फीसदी निवेश उन कंपनियों में करना जिनकी फिलहाल बाजार में स्थिति मजबूत दिख रही है और 20 फीसदी निवेश ऐसी कंपनियों में करना जिनके शेयर बहुत टूट गए हैं लेकिन उनके फंडामेंटल्स अच्छे हैं. उन्होंने कहा कि अमूमन निवेशक ऐसे शेयरों में ज्यादा पैसा लगाए रखते हैं जो बहुत गिर गए हैं और उठे हुए शेयरों को मुनाफावसूली के लिए बेचने लगते हैं. उन्होंने कहा कि पैसा उन्हीं गिरे हुए शेयरों में लगाएं जिनकी बुनियाद मजबूत हो क्योंकि ये शेयर गिरावट में भी कम गिरते हैं और ऊपर जाते समय बहुत तेजी से ऊपर बढ़ते हैं. उन्होंने कहा कि इससे निवेशकों को बड़ा नुकसान होने से सुरक्षा मिलती है.

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इन शेयरों में रही तेजी
बीते तीन महीनों में पावर ग्रिड, आईटीसी, एनटीपीसी, गेल, महिंद्रा एंड महिंद्रा, यूपीएल, बजाज ऑटो व रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में तेजी रही. निवेशकों को गिरावट के दौरान ऐसे तेजी वाले शेयरों पर ध्यान देना चाहिए.

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