आज का शब्द: हल और विशाल समर्पित की कविता- प्रतिउत्तर में युद्ध मिल गए


                
                                                             
                            अमर उजाला 'हिंदी हैं हम' शब्द श्रृंखला में आज का शब्द है- हल, जिसका अर्थ है- जमीन जोतने का एक उपकरण, हिसाब लगाना या समस्या का समाधान। प्रस्तुत है विशाल समर्पित की कविता- प्रतिउत्तर में युद्ध मिल गए 
                                                                     
                            

जिन प्रश्नों का हल ही छल था, उनको पथ अनिरुद्ध मिल गए
हमने जब - जब नेह पुकारा, प्रतिउत्तर में युद्ध मिल गए

झोला टँगा रहा कंधे पर, कुछ भी मेरा बिका नहीं
सारी दुनिया देख रही थी, किंतु तुम्हें कुछ दिखा नहीं
आँखों पर थी चढ़ी ख़ुमारी, मन मंथन में मुझे तुम्हारी
भाव-भंगिमा शुद्ध मिली न, और विचार अशुद्ध मिल गए
हमने जब - जब नेह पुकारा, प्रतिउत्तर में युद्ध मिल गए

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1 hour ago



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