आज का शब्द: निरस्त्र और अज्ञेय की कविता- कुहरा था, सागर पर सन्नाटा था


                
                                                             
                            'हिंदी हैं हम' शब्द श्रृंखला में आज का शब्द है- निरस्त्र, जिसका अर्थ है- जिसके पास अस्त्र या हथियार न हो। प्रस्तुत है अज्ञेय की कविता- कुहरा था, सागर पर सन्नाटा था
                                                                     
                            

कुहरा था,
सागर पर सन्नाटा था:
पंछी चुप थे।
महाराशि से कटा हुआ
थोड़ा-सा जल
बन्दी हो
चट्टानों के बीच एक गढ़िया में
निश्चल था—
पारदर्श।

प्रस्तर-चुम्बी
बहुरंगी
उद्भिज-समूह के बीच
मुझे सहसा दीखा
केकड़ा एक:
आँखें ठण्डी
निष्प्रभ
निष्कौतूहल
निर्निमेष।
 

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1 hour ago



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