13 जुलाई को धरती और चंद्रमा के बीच की दूरी सबसे कम हो जाएगी। इस सुपरमून को बक मून (Buck moon) भी कहा जाता है। इसका यह नाम इसलिए पड़ा, क्योंकि कहा जाता है कि साल के इस समय पर नर हिरण (buck) के नए सींग उगते हैं। बक्स के सींग हर साल गिराते हैं और फिर नए सींग आते हैं और साल बीतने के साथ उनके सींग और विशाल और खूबसूरत होते जाते हैं।
NASA के अनुसार, सुपरमून बुधवार (13 जुलाई) को सुबह 5 बजे EDT (भारतीय समयानुसार दोपहर 2:30 बजे) पर पृथ्वी के सबसे नजदीकी बिंदु पर होगा, जो 3,57,264 किलोमीटर का perigee दूरी होगी। बुधवार शाम ढलने के लिए रात 9:44 बजे EDT (भारतीय समयानुसार सुबह 7:14 बजे) फुलमून भी दिखाई देगा।
एक बयान में, अमेरिकी स्पेस एजेंसी ने कहा कि “चंद्रमा इस समय के आसपास लगभग तीन दिनों तक पूर्ण दिखाई देगा, मंगलवार की सुबह से शुक्रवार की सुबह तक।” दरअसल यह फुलमून नहीं होगा, लेकिन चांद का आकार बड़ा नजर आएगा। इसके अलावा इस दौरान परछाई की स्ट्रिप चांद पर बहुत पतली दिखाई देगी। चांद में बदलाव काफी धीरे होगा जिसकी वजह से फुलमून की ही तरह नजर आएगा। खुली आंखों से इस प्रकिया को देखना थोड़ा कठिन है।
सुपरमून तब होता है, जब चंद्रमा अपने आकार से ज्यादा बड़ा दिखाई देता है, क्योंकि इसकी दूरी पृथ्वी से सबसे कम होती है। सबसे पास होने के कारण चांद बड़ा तो दिखाई ही देता है, साथ ही बेहद चमकदार भी दिखाई देता है। इस स्थिति को परीजी (Perigee) कहा जाता है। इसके साथ ही धरती की परिक्रमा के दौरान चांद दूर भी जाता है, जिसे अपोजी (Apogee) कहा जाता है। इस समय धरती और चंद्रमा के बीच दूरी 4,05,500 किलोमीटर होती है।