पराग अग्रवाल और नेट सेगल।
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ट्विटर का मालिकाना हक आखिरकार दुनिया के सबसे अमीर कारोबारी एलन मस्क के पास आ गया है। मस्क ने कमान संभालते ही माइक्रो ब्लॉगिंग साइट के सीएफओ, सीईओ और पॉलिसी चीफ को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। न्यूयार्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार शुक्रवार (28 अक्तूबर) को ट्विटर हेडक्वार्टर में पहुंचने के बाद मस्क ने पहला काम सीईओ पराग अग्रवाल, चीफ फाइनेंशियल ऑफिर नेड सेगल और लीगल हेड विजया गाड्डे को बाहर का रास्ता दिखाने का ही किया।
कंपनी के पॉलिसी चीफ शीन एजेट को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया है। कस्टमर रिलेशन देखने वाली साराह पर्सोनेट को भी निकाल दिया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इनमें से कम से कम एक को सुरक्षाकर्मियों ने जबरन ट्विटर मुख्यालय से बाहर किया। हालांकि एक बात यहां क्लियर है कि बाहर किए गए ट्विटर के आला अधिकारियों को आने वाले समय में मस्क की ट्विटर के तरफ से एक बड़ी राशि मिलने वाली है।
यहां अहम सवाल यह है कि जिस व्यक्ति को ट्विटर की कमान सौंपने के लिए कंपनी कोर्ट तक गई थी उसके कंपनी हेडक्वार्टर में घुसते ही आला अधिकारियों को जबरन बाहर क्यों कर दिया गया? सबकुछ जानते-समझते हुए पराग अग्रवाल और उनकी टीम फजीहत झेलने के लिए ट्वविटर में क्यों बनी रही? क्या इस सबके पीछे का मकसद कुछ और था? इन सवालों के जवाब तक पहुंचने के लिए पहले यह जान लेना जरूरी है कि मस्क की ट्विटर में इंट्री के बाद बाहर किए गए फर्स्ट लाइन एग्जीक्यूटिव्स को कितनी राशि मिलने वाली है?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ट्विटर के शीर्ष दो अधिकारियों जिनमें सीईओ पराग अग्रवाल और सीएफओ नेड सेगल शामिल हैं उन्हें कंपनी के नए मालिक एलन मस्क की ओर से बर्खास्त किए जाने के बाद लगभग सौ मिलियन डॉलर (भारतीय रुपये में करीब 822 करोड़ 87 लाख 70 हजार रुपये) का सैपरेशन पैकेज मिल सकता है।
मुआवजा डेटा और विश्लेषण कंपनी इक्विलर के एक अनुमान के मुताबिक, डील के लिए पहले बताई गई शर्तों के तहत, सीईओ पराग अग्रवाल को 57.4 मिलियन डॉलर (472 करोड़ रुपये) मिलेंगे, इस राशि में 56.4 मिलियन डॉलर (464 करोड़ रुपये) उन्हें इक्विटी शेयरों के रूप में हासिल होंगे। वहीं, ट्विटर के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर नेड सेगल को कंपनी से विदाई के बाद करीब 44.5 मिलियन डॉलर (366 करोड़) रुपये मिलेंगे। इसमें 43.8 मिलियन डॉलर (करीब 360 करोड़ रुपये) इक्विटी शेयरों के रूप में मिलेंगे।
कंपनी के सिक्योरिटीज फाइलिंग के अनुसार इसके अलावे दोनों सीनियर एग्जीक्यूटिव्स को एक वर्ष का वेतन नकद के रूप में भी मिलेगा। पूर्व सीईओ अग्रवाल को इस मद में एक मिलियन डॉलर (करीब आठ करोड़ 22 लाख रुपये) नकद रूप में मिलेंगे। नेड सहगल को इस मद में 600,000 डॉलर (चार करोड़ 93 लाख रुपये ) मिलेंगे। इसके अलावे दोनों को 12 महीने का स्वास्थ्य कवरेज भी मिलेगा जिसकी वैल्यू अग्रवाल के लिए 9,229 (7,59,433 रुपये) और सेगल के लिए $31,210 (25,68,199 रुपये) होगा।
महज एक वर्ष पूर्व ट्विटर के सीईओ की कमान संभालने वाले पराग अग्रवाल का वेतन बीते वर्ष में करीब 30.4 मिलियन डॉलर (247 करोड़ रुपये) था। इस राशि में 29 मिलियन डॉलर उन्हें इक्विटी शेयरों में रूप में दिए जाने थे। ट्विटर के आंकड़ों के अनुसार नेड सेगल की सैलरी इस दौरान 18.9 मिलियन डॉलर (156 करोड़ रुपये) थी, जिसमें 17.8 मिलियन डॉलर इक्विटी शेयरों में थी।
ट्विटर के आंकड़ों के अनुसार पूर्व सीईओ पराग अग्रवाल के पास बीते मार्च महीने के उत्तरार्ध में ट्विटर कंपनी के 128,753 शेयर थे। मस्क के साथ हुई डील के लिए तय कीमत 54.20 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से यह राशि करीब सात मिलियन डॉलर (57 करोड़ रुपये) होती है। उसी तरह सेगल के पास करीब कंपनी के 3,93,832 शेयर हैं, जिनकी कीमत करीब 21.3 मिलियन डॉलर (करीब 172 करोड़ रुपये) है। बता दें कि कंपनी के पूर्व सीईओ और संस्थापक जैक डोर्सी के पास मार्च महीने के उत्तरार्ध में 18 लाख शेयर (कंपनी के कुल शेयरों का 2.4%) थे, जिनका बाजार मूल्य डील के लिए तय कीमत के हिसाब से अब करीब 978 मिलियन डॉलर (804 करोड़ रुपये ) हैं।
ऊपर दिए गए आंकड़े इस बात की तस्दीक करते हैं कि भले ही मस्क के साथ डील में ड्रामा चाहे कितना भी हुआ हो पर ट्विटर के टॉप एग्जीक्यूटिव्स के लिए यह डील किसी कुबेर के खजाने से कम नहीं था। कंपनी के बाहर किए गए अन्य कर्मचारियों को भी मस्क से हुई डील के बाद उनकी भूमिका के अनुसार एक मोटी रकम मिलने वाली है। इसलिए कंपनी के आला अधिकारी इसे अखिरी वक्त तक अंतिम रूप देने के लिए हरसंभव कोशिश करते दिखे। यहां तक कि मस्क के एक बार पलटने के बाद वे कोर्ट तक भी पहुंच गए।
वहीं दूसरी ओर, मस्क अपने चिर-परिचित अंदाज में ट्विटर के टॉप एग्जीक्यूटिव्स की चुटकी लेने में कभी नहीं चुके। डील के लिए क्या खर्च हो रहा है? उसके लिए पैसे कहां से जुटाए जाएंगे? इन सब बातों की परवाह किए बिना उन्हें जहां भी मौका मिला वे ट्विटर के अधिकारियों पर पलटवार करने से नहीं चूके। अंततः डील को अंतिम रूप देते-देते तल्खी इतनी बढ़ गई कि उन्होंने ट्विटर मुख्यालय में प्रवेश करते ही टॉप लीडरशिप को तत्काल बाहर कर दिया।
हालांकि, मस्क की इंट्री के बाद ऐसा होगा इस बात के लिए पराग अग्रवाल और उनकी टीम जैसे पहले से ही तैयार बैठी थी, क्योंकि संभवतः उनका ध्यान उस पैकेज पर था जो इस डील के फाइनल होने के बाद उन्हें मिलने वाली है। उसे ध्यान में रखते हुए आखिरी समय में उन्होंने मस्क को पासओवर देने में देर नहीं लगाई और जिल्लत भरे तमाशे के बावजूद हालात को समझते हुए कंपनी से बाहर हो गए। आने वाले समय में देर-सबेर यह बात प्रमाणित भी हो ही जाएगी। अगर ट्विटर से बाहर किए गए एग्जीक्यूटिव्स अपने टर्मिनेशन के खिलाफ कोर्ट या संबंधित प्राधिकरण का दरवाजा नहीं खटखटाते हैं तो यह साबित हो जाएगा कि उन्हें कंपनी से निकाले जाने पर कहीं ना कहीं उनकी भी मौन सहमति थी।
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ट्विटर का मालिकाना हक आखिरकार दुनिया के सबसे अमीर कारोबारी एलन मस्क के पास आ गया है। मस्क ने कमान संभालते ही माइक्रो ब्लॉगिंग साइट के सीएफओ, सीईओ और पॉलिसी चीफ को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। न्यूयार्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार शुक्रवार (28 अक्तूबर) को ट्विटर हेडक्वार्टर में पहुंचने के बाद मस्क ने पहला काम सीईओ पराग अग्रवाल, चीफ फाइनेंशियल ऑफिर नेड सेगल और लीगल हेड विजया गाड्डे को बाहर का रास्ता दिखाने का ही किया।
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