राजस्थान के उदयपुर में कन्हैयालाल की हत्या करने वाले आरोपी गौस और रियाज मोहम्मद काल कोठरी में बंद है। यह ऐसी कोठरी है जहां लाइट भी नहीं होती है। जेल परिसर में लगी फ्लड लाइट्स से ही यहां रोशनी पहुंचती है। जेल की सुरक्षा इतनी सख्त है कि यहां बंद कैदी एक दूसरे से बात भी नहीं कर सकते हैं। आईए अब आपको बताते हैं कि ऐसी जेल कहां है और आरोपियों को यहां क्यों रखा गया है?
दरअसल, कन्हैयालाल की हत्या के बाद से पूरे प्रदेश में तनाव के हालात हैं। इस हत्याकांड को लेकर लोगों और खासकर हिंदू संगठनों में काफी नाराजगी है। हत्या के विरोध में जगह-जगह प्रदर्शन किए जा रहे हैं। ऐसे में हत्यारों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उन्हें अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल में रखा गया है। इसका नाम घूघरा जेल है। यह एक ऐसी जेल है जहां कुख्यात अपराधी भी नहीं आना चाहते हैं।
जानें कैसी है जेल की सुरक्षा
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार घूघरा जेल में कैदियों के लिए 30 कोठरियां हैं। सुरक्षा कारणों के चलते इन कोठरियों में लाइट की व्यवस्था भी नहीं की गई है। जेल परिसर में लगी फ्लड लाइट्स की रोशनी ही काल कोठरियों में पहुंचती है। जेल में आने वाले कुख्यात अपराधियों को अलग-अलग कोठरी में रखा जाता है। एक कोठरी में दो अपराधी रहते हैं। अगर, अपराधी एक ही गुट के हैं तो उन्हें अलग-अलग कोठरी में ही रखा जाता है।
खाना बनाने सेंट्रल जेल से रोज आते हैं कैदी
घूघरा जेल में इस समय 82 कुख्यात कैदी बंद हैं। इन्हें जेल परिसर में घूमने, एक दूसरे मिलने या फिर बात करने की भी इजाजत नहीं है। सुरक्षा के इंतजाम ऐसे है कि सेंट्रल जेल से 14 कैदी यहां खाना बनाने और साफ-सफाई सहित अन्य कामों के लिए रोजाना आते हैं। इस तरह की कड़ी सुरक्षा के बीच कन्हैयालाल के हत्यारों रियाज और गौस मोहम्मद को रखा गया है।
अलग-अलग कोठरी में बंद हैं दोनों हत्यारे
कन्हैयालाल की बेहरमी से हत्या करने वाले दोनों हत्यारों को अलग-अलग कोठरी में रखा गया है। बताया जा रहा है कि दोनों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए। उनका मेडिकल भी जेल में ही कराया जाएगा। एटीएस और एनआईए जेल में ही दोनों हत्यारों से पूछताछ कर सकती है।
जांच में सामने आए अब तक के बड़े अपडेट
- हत्यारों का संबंध मुंबई आतंकी हमले से भी जुड़ता नजर आ रहा है। कन्हैया की हत्या के बाद हत्यारे जिस बाइक से भाग रहे थे, उसका नंबर 2611 है। यह मुंबई आंतकी हमले की तारीख भी है। आरोपी रियाज ने 2013 में एक पल्सर बाइक खरीदी थी। जिसका नंबर आरजे 27 एस 2611 है। 2611 नंबर लेने के लिए उसने आरटीओ को पांच हजार रुपये का अतरिक्त भुगतान भी किया था। ऐसे में अब सवाल खड़ा हो गया है कि यह नंबर लेने के पीछे आरोपी की मानसिकता क्या है? जांच एजेंसियां इस सवाल का जवाब तलाश रही हैं।
- आरोपी गौस मोहम्मद आतंकी सलमान हैदर और अबू इब्राहिम के संपर्क में था। यह दोनों पाकिस्तान में बैठकर आंतक फैलाने का काम करते हैं। गौस मोहम्मद ने ही रियाज अत्तारी को कट्टरपंथी बनने के लिए उकसाया था। साथ ही ब्रेनवॉश कर अपनी टीम में शामिल कर लिया। हत्यारे गौस को आतंकी सलमान हैदर ने कट्टरपंथी बनने की ट्रेनिंग दी थी। सलमान ने ही उसका संपर्क अबू इब्राहिम से कराया था।
- आरोपी रियाज और गौस पाकिस्तान के कराची गए थे। 2014-15 में दोनों ने वहां 15 दिन की ट्रेनिंग ली थी। हत्यारे पाकिस्तान में दावत-ए-इस्लामी संगठन से भी जुड़े हुए थे। कराची से आने के बाद दोनों आरोपी अपने समाज के युवाओं को धर्म के प्रति कट्टरपंथी बना रहे थे। उन्होंने एक व्हाट्स ग्रुप भी बनाया था जिसमें भड़काऊ वीडियो और मैसेज भेजकर युवाओं का ब्रेनवॉश किया जा रहा था। पाकिस्तान के कुछ मोबाइल नंबरों पर दोनों की लगातार बात हो रही थी।
- रियाज और गौस के अलसूफा से भी जुड़े होने की बात सामने आई थी। यह संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) के रिमोट स्लीपर सेल के तौर पर काम करता है। रियाज पिछले पांच साल से अलसूफा के लिए राजस्थान के आठ जिलों में स्लीपर सेल बना रहा था। दोनों उदयपुर, भीलवाड़ा, अजमेर, राजसमंद, टोंक, बूंदी, बांसवाड़ा और जोधपुर में बेरोजगार युवाओं का ब्रेनवॉश कर आईएसआईएस के स्लीपर सेल से जोड़ रहे थे। दोनों को अरब देशों से फंडिग भी मिली थी।
जानें हत्यारों ने कैसे काटा था कन्हैया का गला?
उदयपुर के धानमंडी इलाके के भूत महल क्षेत्र में रहने वाले कन्हैयालाल दर्जी थे और यहां अपनी दुकान चलाते थे। मंगलवार को दो मुस्लिम युवक कपड़े का नाप देने के बहाने दर्जी की दुकान पर पहुंचे और उस पर धारदार हथियार से वार करना शुरू कर दिया। ताबड़तोड़ हमलों ने उसे संभलने का मौका तक नहीं दिया। उसकी गर्दन कट गई और मौके पर ही मौत हो गई। हमले में दुकान पर काम करने वाला उसका साथी ईश्वर सिंह भी गंभीर रूप से घायल हो गया था।
विस्तार
राजस्थान के उदयपुर में कन्हैयालाल की हत्या करने वाले आरोपी गौस और रियाज मोहम्मद काल कोठरी में बंद है। यह ऐसी कोठरी है जहां लाइट भी नहीं होती है। जेल परिसर में लगी फ्लड लाइट्स से ही यहां रोशनी पहुंचती है। जेल की सुरक्षा इतनी सख्त है कि यहां बंद कैदी एक दूसरे से बात भी नहीं कर सकते हैं। आईए अब आपको बताते हैं कि ऐसी जेल कहां है और आरोपियों को यहां क्यों रखा गया है?
दरअसल, कन्हैयालाल की हत्या के बाद से पूरे प्रदेश में तनाव के हालात हैं। इस हत्याकांड को लेकर लोगों और खासकर हिंदू संगठनों में काफी नाराजगी है। हत्या के विरोध में जगह-जगह प्रदर्शन किए जा रहे हैं। ऐसे में हत्यारों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उन्हें अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल में रखा गया है। इसका नाम घूघरा जेल है। यह एक ऐसी जेल है जहां कुख्यात अपराधी भी नहीं आना चाहते हैं।
जानें कैसी है जेल की सुरक्षा
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार घूघरा जेल में कैदियों के लिए 30 कोठरियां हैं। सुरक्षा कारणों के चलते इन कोठरियों में लाइट की व्यवस्था भी नहीं की गई है। जेल परिसर में लगी फ्लड लाइट्स की रोशनी ही काल कोठरियों में पहुंचती है। जेल में आने वाले कुख्यात अपराधियों को अलग-अलग कोठरी में रखा जाता है। एक कोठरी में दो अपराधी रहते हैं। अगर, अपराधी एक ही गुट के हैं तो उन्हें अलग-अलग कोठरी में ही रखा जाता है।
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