UIDAI की तरफ से अभी तक ये नहीं बताया गया है कि इन हैकर्स को पूरी एक्सरसाइज के लिए पैसे दिए जाएंगे या नहीं। लेकिन सरकारी विभाग की तरफ से पहले ही साफ कर दिया गया है कि कोई भी UIDAI का पूर्व कर्मचारी इसमें भाग नहीं ले सकेगा। भले ही वो पिछले सात साल में टेक्नोलॉजी सपोर्ट और ऑडिट ऑर्गेनाइजेशन का हिस्सा रहा हो, उसे इस प्रोग्राम में हिस्सा लेने का अधिकार नहीं होगा।
ऑर्डर में कहा गया है कि चुने गए हैकर को 100 बग बाउंटी लीडर बोर्ड में शामिल कर लिया जाएगा, जिसमें कई नामचीन कंपनियां भी शामिल हैं। माइक्रोसॉफ्ट, गूगल, फेसबुक और एप्पल जैसी कंपनियां भी इसका हिस्सा हैं। कैंडिडेट को बग बाउंटी कम्युनिटी या प्रोग्राम में एक्टिव होना जरूरी है। हैकर्स को UIDAI के साथ Non-Disclosure Agreement भी साइन करना होगा। जिन 20 हैकर्स का चयन किया जाएगा, उनके पास वैलिड आधार नंबर होना अनिवार्य होगा और वो भारतीय नागरिक ही होने चाहिए।