UK New PM: जॉनसन के इस्तीफे के बाद कैसे चुना जाएगा ब्रिटेन का अगला प्रधानमंत्री? क्या मिलेगा पहला भारतीय मूल का पीएम


ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने गुरुवार को इस्तीफे का एलान कर दिया। कंजर्वेटिव पार्टी में उनके खिलाफ उठे विरोध और मंत्रियों के धड़ाधड़ इस्तीफों के बाद यह साफ हो गया था कि पार्टी में उनके लिए समर्थन काफी कम हो गया है। 

अपने इस्तीफे के एलान के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में जॉनसन ने कहा कि पार्टी की यही मर्जी थी कि अब प्रधानमंत्री की कुर्सी पर कोई और नेता बैठे। उनके इस एलान के साथ ही अब यह सवाल उठता है कि आखिर ब्रिटेन का अगला प्रधानमंत्री कौन हो सकता है? नया पीएम चुना कैसे जाएगा? आइए जानते हैं…

1. किस प्रक्रिया से ढूंढा जाएगा बोरिस जॉनसन का उत्तराधिकारी?

बोरिस जॉनसन के इस्तीफा देने के बाद कंजर्वेटिव पार्टी में नया प्रधानमंत्री चुनने की प्रक्रिया ‘1922 कमेटी’ नाम की समिति ने पहले से तय रखी है। इसके तहत…

– सांसदों को प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी के लिए अपना नाम आगे बढ़ाना होगा। हालांकि, कोई भी नेता पद के लिए दावेदारी तभी पेश कर सकता है, जब उसे पहले से कम से कम दो सांसदों का समर्थन हो। ऐसे में उम्मीदवारों की संख्या काफी ज्यादा हो सकती है। 

– कंजर्वेटिव पार्टी इसके बाद दावेदारों की संख्या के आधार पर अलग-अलग राउंड में पार्टी सांसदों से वोट डलवाती है। कम वोट पाने वाले दावेदार एक-एक कर बाहर होते हैं। हर बार सांसदों से गुप्त मतदान के जरिए अपने पसंदीदा चेहरे को वोट डालने के लिए कहा जाता है। 

– यह प्रक्रिया तब तक जारी रहती है, जब तक प्रधानमंत्री पद के लिए सिर्फ दो दावेदार नहीं बचते। इन दावेदारों के लिए वोटिंग आमतौर पर मंगलवार और गुरुवार को रखी जाती है। 

– आखिर में दोनों दावेदारों के चुनाव के लिए कंजर्वेटिव पार्टी का एक बड़ा वर्ग वोट करता है। इसमें सांसदों के अलावा पार्टी के अन्य सदस्य भी शामिल होते हैं। यानी आखिरी दो दावेदारों के लिए पोस्टल बैलट के जरिए भी वोटिंग होती है। 

– इन दोनों उम्मीदवारों में जो भी जीतता है, वह ब्रिटिश संसद के निचले सदन- हाउस ऑफ कॉमन्स में बहुमत में चल रही कंजर्वेटिव पार्टी का नेता होगा और उसे ही नया प्रधानमंत्री बनाया जाएगा। 

प्रक्रिया में कितना समय लग सकता है?

चूंकि प्रधानमंत्री पद की यह रेस एक पार्टी में ही होती है और इस रेस में काफी लोग शामिल हो सकते हैं। ऐसे में नया प्रधानमंत्री चुनने के लिए पार्टी में काफी समय लग सकता है। हालांकि, कई बार ज्यादा दावेदार न होने से नया पीएम चुनना आसान भी होता है। 

उदाहरण के तौर पर 2016 में कंजर्वेटिव पार्टी के नेता डेविड कैमरन के इस्तीफा देने के महज तीन हफ्ते से भी कम समय में थेरेसा मे प्रधानमंत्री नियुक्त हो गई थीं। इसकी वजह यह थी कि थेरेसा के खिलाफ अधिकतर उम्मीदवारों ने नाम वापस ले लिया था। 

दूसरी तरफ मई 2019 में थेरेसा मे के इस्तीफा देने के बाद जब बोरिस जॉनसन ने पीएम पद के लिए दावेदारी पेश की तो पार्टी के नेता जेरेमी हंट ने उन्हें चुनौती दी। इन दोनों के अलावा भी पार्टी में कई और दावेदार सामने आए थे। इसके चलते थेरेसा मे के इस्तीफे के दो महीने बाद पार्टी को हाउस ऑफ कॉमन्स में नया नेता और देश को नया प्रधानमंत्री मिल पाया था। 

कौन-कौन है प्रधानमंत्री पद का दावेदार?

ब्रिटेन के साथ-साथ पूरी दुनिया की इस बात पर नजर है कि कंजर्वेटिव पार्टी बोरिस जॉनसन के बाद किसे पीएम पद सौंप सकती है। माना जा रहा है कि इस दौड़ में छह नाम हैं। तय प्रक्रिया के तहत जिन दावेदारों के नाम बढ़ाने पर चर्चा चल रही है, उनमें भारतीय मूल के ऋषि सुनक सबसे आगे माने जा रहे हैं। आइए इन 6 नामों के बारे में जानते हैं… 

1. ऋषि सुनक – पूर्व वित्त मंत्री 

जॉनसन के चुनावी अभियान में ऋषि सुनक का अहम रोल रहा था। प्रेस ब्रीफिंग के दौरान ज्यादातर वही नजर आते रहे थे। कई बर टीवी डिबेट में बोरिस की जगह पर ऋषि ने हिस्सा लिया। उनके पक्ष में कुछ बातें जाती हैं, जैसे-कोरोना के दौरान देश को मंदी से उबारने का कार्यक्रम चलाया। 2020 में होटल इंडस्ट्री को ईट आउट टू हेल्प योजना के जरिए 15 हजार करोड़ की मदद दी। कोरोना की लहर के दौरान भी देश को 10 हजार करोड़ का बड़ा पैकेज दिया। 

सुनक की शादी इंफोसिस के को-फाउंडर नारायण मूर्ति की बेटी अक्षता से हुई है। 2015 में वो पहली बार सांसद बने थे। ब्रेक्जिट का पुरजोर समर्थन कर अपनी पार्टी में ताकतवर बने। उन्होंने यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के बाहर होने की बोरिस जॉनसन की नीति का पुरजोर समर्थन किया था। लोकप्रियता के बावजूद सुनक को पत्नी अक्षता पर लगे टैक्स चोरी के आरोपों के चलते आलोचना का भी सामना करना पड़ा।

2. लिज ट्रस – विदेश मंत्री

46 साल की लिज ट्रस का पूरा नाम एलिजाबेथ मैरी ट्रस है और वह साउथ वेस्ट नॉर्थफोक की सांसद हैं। लिज फॉरेन कॉमनवेल्थ एंड डेवलपमेंट अफेयर्स सेक्रेटरी हैं। वह देश में इस समय काफी पॉपुलर हैं। लिज ट्रस दो साल इंटरनेशनल ट्रेड सेक्रेटरी भी रहीं हैं। पिछले साल उन्हें यूरोपियन यूनियन से बातचीत का अहम जिम्मा सौंपा गया था। इस तरह पीएम पद पर उनका दावा भी काफी मजबूत है। 



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