श्रृंगला ने प्रेसवार्ता के दौरान कहा, ‘हम संयुक्त राष्ट्र में ऐसा रुख अपनाते हैं जो बेहद सावधानीपूर्वक विचारों पर आधारित होता है। हम प्रस्ताव पर पूरी तरह से विचार करेंगे और अपने सर्वोत्तम हित में निर्णय लेंगे।’
विदेश सचिव से पूछा गया था कि क्या यूक्रेन के पूर्वी शहर खारकीव में मंगलवार को गोलीबारी में एक भारतीय छात्र की मौत के बाद यूक्रेन संकट पर भारत की स्थिति में कुछ बदलाव आएगा? गौरतलब है कि पिछले सप्ताह, भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक प्रस्ताव पर मतदान में हिस्सा नहीं लिया, जिसमें यूक्रेन पर रूस के हमले की निंदा करने की मांग की गई थी। इसके साथ ही यूक्रेन संकट पर संयुक्त राष्ट्र महासभा में चर्चा कराने को लेकर प्रक्रियात्मक मतदान से भारत ने परहेज किया था। लेकिन ठीक उसी समय भारत ने देशों की “संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता” का सम्मान करने का आह्वान किया और “हिंसा और शत्रुता” को तत्काल समाप्त करने की मांग की।
प्रस्ताव पर मतदान से परहेज करते हुए भारत ने “वोट का स्पष्टीकरण” (ईओवी) जारी किया था, जिसमें उसने “कूटनीति के रास्ते पर लौटने” का आह्वान और “हिंसा और शत्रुता” को तत्काल समाप्त करने की मांग की थी। भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को यह भी बताया कि वह सभी संबंधित पक्षों के संपर्क में है और उनसे बातचीत की मेज पर लौटने का आग्रह किया है।
भारत ने यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों के लिए ‘तत्काल सुरक्षित मार्ग’ की मांग की
यूक्रेन में फंसे कर्नाटक के एक मेडिकल छात्र के पूर्वी यूक्रेनी शहर खारकीव में भारी गोलाबारी में मारे जाने के बाद भारत ने यूक्रेन और रूस से यूक्रेन में विभिन्न संघर्ष क्षेत्रों में फंसे भारतीय नागरिकों के लिए ‘‘तत्काल सुरक्षित रास्ता’’ बनाने की मांग की है।
विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने भारत में दोनों देशों के दूतों को बुलाया और उन्हें मांग से अवगत कराया। इसके साथ ही रूस और यूक्रेन में भारतीय मिशनों ने भी दोनों देशों के राजनयिक और सैन्य अधिकारियों को इसी तरह के संदेश दिए।
खारकीव से भारतीयों को निकालना सर्वोच्च प्राथमिकता: श्रृंगला
यूक्रेन की स्थिति पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक में भाग लेने के बाद श्रृंगला ने कहा कि खारकीव से भारतीयों को निकालना अब भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि “हमने पूरी तरह से, दृढ़ता से और जोरदार ढंग से उनसे (रूसी और यूक्रेनी दूतों) को सुरक्षित मार्ग बनाने के लिए कहा है। क्योंकि वहां युद्ध चल रहा है और हमें स्थिति को अच्छा बनाना होगा ताकि हम एक रास्ता खोज सकें।”
उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि यूक्रेन और रूस में स्थित हमारे वार्ताकार इसे समझते हैं और हम अपने नागरिकों को वापस लाने में सक्षम बनाने के लिए उन पर दबाव डालना जारी रखेंगे।” श्रृंगला ने कहा कि सभी भारतीय नागरिक कीव छोड़ चुके हैं। यूक्रेनी राजधानी में भी रूसी बलों द्वारा बमबारी और गोलाबारी की गई है।
उन्होंने कहा, “हमारे पास सूचना यह है कि कीव में अब हमारा कोई नागरिक नहीं बचा है। कीव से किसी ने हमसे संपर्क नहीं किया है। हमारी सभी पूछताछ केंद्रों से पता चला है कि हमारा प्रत्येक नागरिक कीव से बाहर आ गया है।”