संयुक्त राष्ट्र: भारत ने खारिज किए पत्रकार राणा अय्यूब के उत्पीड़न के आरोप, निराधार और अनुचित करार दिया


न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: गौरव पाण्डेय
Updated Mon, 21 Feb 2022 09:19 PM IST

सार

राणा अय्यूब के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जांच कर रहा है। ईडी ने बीते दिनों अय्यूब की 1.77 करोड़ रुपये से अधिक की राश कुर्क की थी। अय्यूब पर आरोप है कि उन्होंने ऑनलाइन क्राउड फंडिंग के जरिए राहत कार्य के लिए जुटाई गई राशि को निजी खर्च के लिए इस्तेमाल किया।

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भारत ने जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र के मिशन की ओर से पत्रकार राणा अय्यूब के खिलाफ न्यायिक उत्पीड़न के आरोपों पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए इसे निराधार और अनुचित करार दिया। भारत ने कहा कि देश में कानून का शासन का पालन होता है और कोई भी इससे ऊपर नहीं है। 

जिनेवा में भारत के स्थाई मिशन ने एक ट्वीट में कहा एक भ्रामक कहानी को आगे बढ़ाना केवल संयुक्त राष्ट्र मिशन की प्रतिष्ठा को ही कलंकित करता है। 

इसने कहा, कथित न्यायिक उत्पीड़न के आरोप निराधार और अनुचित हैं। भारत कानून के शासन को कायम रखता है लेकिन समान रूप से यह भी स्पष्ट है कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है। हम उम्मीद करते हैं कि वरिष्ठ प्रतिनिधियों को वस्तुनिष्ठ और सही जानकारी दी जाएगी। 

उधर, नई दिल्ली में आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मामले में जिनेवा में भारतीय मिशन की ओर से एक नोट वर्बल जारी किया जाएगा। इसे संयुक्त राष्ट्र कार्यालय में भी उठाया जाएगा। 

इससे पहले जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से अय्यूब के खिलाफ अथक महिला विरोधी और सांप्रदायिक हमलों के बारे में ऑनलाइन ट्वीट किया था। इसने कहा था कि भारतीय अधिकारियों को इनकी तुरंत और पूरी तरह जांच करनी चाहिए और उनके खिलाफ न्यायिक उत्पीड़न को समाप्त करना चाहिए।

विस्तार

भारत ने जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र के मिशन की ओर से पत्रकार राणा अय्यूब के खिलाफ न्यायिक उत्पीड़न के आरोपों पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए इसे निराधार और अनुचित करार दिया। भारत ने कहा कि देश में कानून का शासन का पालन होता है और कोई भी इससे ऊपर नहीं है। 

जिनेवा में भारत के स्थाई मिशन ने एक ट्वीट में कहा एक भ्रामक कहानी को आगे बढ़ाना केवल संयुक्त राष्ट्र मिशन की प्रतिष्ठा को ही कलंकित करता है। 

इसने कहा, कथित न्यायिक उत्पीड़न के आरोप निराधार और अनुचित हैं। भारत कानून के शासन को कायम रखता है लेकिन समान रूप से यह भी स्पष्ट है कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है। हम उम्मीद करते हैं कि वरिष्ठ प्रतिनिधियों को वस्तुनिष्ठ और सही जानकारी दी जाएगी। 

उधर, नई दिल्ली में आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मामले में जिनेवा में भारतीय मिशन की ओर से एक नोट वर्बल जारी किया जाएगा। इसे संयुक्त राष्ट्र कार्यालय में भी उठाया जाएगा। 

इससे पहले जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से अय्यूब के खिलाफ अथक महिला विरोधी और सांप्रदायिक हमलों के बारे में ऑनलाइन ट्वीट किया था। इसने कहा था कि भारतीय अधिकारियों को इनकी तुरंत और पूरी तरह जांच करनी चाहिए और उनके खिलाफ न्यायिक उत्पीड़न को समाप्त करना चाहिए।



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