मिरर यूके की रिपोर्ट के अनुसार, कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के जियोफिजिसिस्ट, ज़ी ली ने कहा कि पृथ्वी के सभी डीप इंटीरियर फीचर्स में ये सबसे आकर्षक और जटिल हैं। हमें पृथ्वी की आंतरिक संरचना दिखाने के लिए पहला ठोस सबूत मिल गया है, जो भूकंप विज्ञान के लिए मील का पत्थर है। इन इमेजेस को बेहतर बनाने के लिए वैज्ञानिक लंबे वक्त से कोशिश कर रहे थे। उन्होंने कई इंस्ट्रूमेंट्स इस्तेमाल किए, लेकिन इमेजेस बेहतर नहीं बनीं। पृथ्वी की सतह से दूरी ने इसे चुनौतीपूर्ण काम बना दिया था।
लेकिन इस बार इमेजेस को कंप्यूटर मॉडलिंग द्वारा तैयार किया गया है। इसके लिए डेटा को पृथ्वी की लेयर्स के जरिए भेजे गए सिग्नल्स से लिया गया है। इन सिग्नल रेस्पॉन्स के जरिए वैज्ञानिक यह समझ पाए हैं कि यह ब्लाब लगभग एक किलोमीटर साइज का है। इस महीने की शुरुआत में एक और स्टडी ने यह अनुमान लगाया था कि पृथ्वी के केंद्र के महाद्वीपों के साइज के कुछ बड़े ब्लाब हैं।
बताया जाता है कि ये ब्लाब, माउंट एवरेस्ट से 100 गुना लंबे हैं और वैज्ञानिकों को इस बारे में बहुत कम जानकारी है कि वे वहां क्यों मौजूद हैं। रिसर्चर्स की एक टीम अब यह मानती है कि यह सब थिया (Theia) के अवशेष हैं। थिया एक एक प्रोटोप्लैनेट था, जो 4.5 मिलियन साल पहले पृथ्वी से टकराया था। इसी की वजह से चंद्रमा का निर्माण हुआ था। रिपोर्ट के अनुसार, ये ब्लाब पश्चिमी अफ्रीका और प्रशांत महासागर के नीचे स्थित हैं और कई दशकों से भूकंप विज्ञानियों को भ्रमित कर रही हैं।
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