नई दिल्ली. राशन-पानी, फल-सब्जियों से लेकर पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस, जूते, कपड़े आदि सभी सामानों की कीमतें आसमान छू रही हैं. आप बाजार चले जाइए और किसी भी वस्तु के दाम पूछ लीजिए, कोई भी सामान आपको सस्ता मिलता हुआ नहीं दिखेगा. हर सामान के दाम बढ़ चुके हैं. फिर भी सरकार को ये शायद ठीक से नजर नहीं आ रहा है.
महंगाई आम आदमी को निचोड़ता जा रहा है और सरकार बेफिक्र होकर कह रही है कि भारत में महंगाई की दर बहुत ज्यादा नहीं है. ये बयान दिया है वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने. उनका ये बयान आम लोगों के जले पर नमक छिड़कने वाला है.
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6.95 फीसदी है खुदरा महंगाई
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इन दिनों अमेरिका दौरे पर हैं. वाशिंगटन डीसी के एक प्रोग्राम में उन्होंने कहा, ” हमारे सामने अंतरराष्ट्रीय चुनौतियां हैं. इस वजह से कच्चे तेल और कमोडिटीज की कीमतों में तेजी आई है. सभी अर्थव्यवस्थाओं पर इसका असर पड़ेगा. इसके बावजूद भारत में महंगाई दर 6.9 फीसदी पर ही है. हमारा लक्ष्य 4 फीसदी का है और इसमें 2 फीसदी आगे-पीछे की गुंजाइश रहती है. भारत ने 6 फीसदी का स्तर पार कर लिया है लेकिन इससे बहुत आगे नहीं गया हैं.”
गांवों में ज्यादा बढ़ी खाद्य महंगाई
सरकार के आंकड़ों के मुतबिक, मार्च 2022 में खुदरा महंगाई की दर 17 महीने के उच्च स्तर 6.95 फीसदी पर पहुंच गई है. जबकि थोक महंगाई भी 4 महीने के उच्च स्तर 14.55 फीसदी पर पहुंच चुकी है. गांवों के लोगों को महंगाई सबसे ज्यादा परेशान कर रही है क्योंकि ग्रामीण इलाके में खाद्य महंगाई की दर मार्च में बढ़कर दोगुनी हो गई है. मार्च 2021 में यह 3.94 फीसदी थी जो मार्च 2022 में 8.04 फीसदी पर पहुंच गई है.
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रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से कच्चे तेल और कमोडिटी की अंतरराष्ट्रीय कीमतें कई साल के उच्च स्तर पर पहुंच गई है. जंग की वजह से सप्लाई भी बाधित हुई. इन वजहों से कीमतें आसमान छू रही हैं.
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