यूनीसेफ की रिपोर्ट : द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे ज्यादा 3.65 करोड़ बच्चे विस्थापित, रूस-यूक्रेन संघर्ष से प्रभावितों का आंकड़ा नहीं


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दुनिया भर में संघर्ष, युद्ध और हिंसा के कारण 3 करोड़ 65 लाख से अधिक बच्चे विस्थापन का शिकार हुए हैं। यूनीसेफ (संयुक्त राष्ट्र बाल कोष) के मुताबिक बच्चों के विस्थापन का यह आंकड़ा द्वितीय विश्व युद्ध के बाद का सर्वाधिक है। रिपोर्ट में 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण या प्राकृतिक आपदाओं के कारण विस्थापित हुए बच्चों का आंकड़ा शामिल नहीं है।

रिपोर्ट के अनुसार विस्थापित बच्चों में 1.37 करोड़ शरणार्थी बच्चे और 2.28 करोड़ आंतरिक स्तर पर विस्थापित हुए बच्चे भी शामिल हैं। यूनीसेफ का कहना है कि विस्थापित बच्चों में से एक तिहाई से अधिक यानी 36 प्रतिशत बच्चे उप सहारा अफ्रीका, एक चौथाई या 25 प्रतिशत बच्चे यूरोप और मध्य एशिया तथा 13 प्रतिशत बच्चे मध्यपूर्व और उत्तरी अफ्रीका के हैं। 

रिकॉर्ड संख्या व्यापक संकटों का प्रत्यक्ष परिणाम है, जिसमें अफगानिस्तान में तीव्र और लंबे समय तक चलने वाले संघर्ष, और कांगो के लोकतांत्रिक गणराज्य जैसे देशों में नाजुकता या यमन के विनाशकारी प्रभाव शामिल हैं। 

विस्थापित बच्चों को स्वास्थ्य सेवा शिक्षा और सुरक्षा की बेहद जरूरत
यूनीसेफ की कार्यकारी निदेशक कैथरीन रसेल ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि विस्थापित बच्चों की बढ़ती संख्या सरकारों को बच्चों का विस्थापन रोकने और साथ ही विस्थापित बच्चों को शिक्षा, सुरक्षा और अन्य जरूरतों की पूर्ति सुनिश्चित करने के लिए मजबूर करेगी। रिपोर्ट के अनुसार, शरणार्थी बच्चों में से मात्र 50 फीसदी बच्चे प्राइमरी स्कूल में पढ़ रहे हैं।

किशोर शरणार्थियों में से एक चौथाई से भी कम सेकेंडरी स्कूल में नामांकित हैं। इन विस्थापित बच्चों को स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और सुरक्षा की बेहद जरूरत है।

28% पीड़ित बच्चे मानव तस्करी के शिकार
विस्थापित बच्चों में से जो बच्चे अपने माता-पिता से अलग हो गए हैं या जिनके साथ कोई अभिभावक नहीं है, उनकी मानव तस्करी होने का अधिक भय है। ऐसे बच्चों के हिंसा, शोषण के शिकार होने की आशंका बढ़ जाती है। यूनीसेफ के मुताबिक मानव तस्करी के शिकार होने वालों में करीब 28 प्रतिशत पीड़ित बच्चे ही होते हैं।

विस्तार

दुनिया भर में संघर्ष, युद्ध और हिंसा के कारण 3 करोड़ 65 लाख से अधिक बच्चे विस्थापन का शिकार हुए हैं। यूनीसेफ (संयुक्त राष्ट्र बाल कोष) के मुताबिक बच्चों के विस्थापन का यह आंकड़ा द्वितीय विश्व युद्ध के बाद का सर्वाधिक है। रिपोर्ट में 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण या प्राकृतिक आपदाओं के कारण विस्थापित हुए बच्चों का आंकड़ा शामिल नहीं है।

रिपोर्ट के अनुसार विस्थापित बच्चों में 1.37 करोड़ शरणार्थी बच्चे और 2.28 करोड़ आंतरिक स्तर पर विस्थापित हुए बच्चे भी शामिल हैं। यूनीसेफ का कहना है कि विस्थापित बच्चों में से एक तिहाई से अधिक यानी 36 प्रतिशत बच्चे उप सहारा अफ्रीका, एक चौथाई या 25 प्रतिशत बच्चे यूरोप और मध्य एशिया तथा 13 प्रतिशत बच्चे मध्यपूर्व और उत्तरी अफ्रीका के हैं। 

रिकॉर्ड संख्या व्यापक संकटों का प्रत्यक्ष परिणाम है, जिसमें अफगानिस्तान में तीव्र और लंबे समय तक चलने वाले संघर्ष, और कांगो के लोकतांत्रिक गणराज्य जैसे देशों में नाजुकता या यमन के विनाशकारी प्रभाव शामिल हैं। 

विस्थापित बच्चों को स्वास्थ्य सेवा शिक्षा और सुरक्षा की बेहद जरूरत

यूनीसेफ की कार्यकारी निदेशक कैथरीन रसेल ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि विस्थापित बच्चों की बढ़ती संख्या सरकारों को बच्चों का विस्थापन रोकने और साथ ही विस्थापित बच्चों को शिक्षा, सुरक्षा और अन्य जरूरतों की पूर्ति सुनिश्चित करने के लिए मजबूर करेगी। रिपोर्ट के अनुसार, शरणार्थी बच्चों में से मात्र 50 फीसदी बच्चे प्राइमरी स्कूल में पढ़ रहे हैं।

किशोर शरणार्थियों में से एक चौथाई से भी कम सेकेंडरी स्कूल में नामांकित हैं। इन विस्थापित बच्चों को स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और सुरक्षा की बेहद जरूरत है।

28% पीड़ित बच्चे मानव तस्करी के शिकार

विस्थापित बच्चों में से जो बच्चे अपने माता-पिता से अलग हो गए हैं या जिनके साथ कोई अभिभावक नहीं है, उनकी मानव तस्करी होने का अधिक भय है। ऐसे बच्चों के हिंसा, शोषण के शिकार होने की आशंका बढ़ जाती है। यूनीसेफ के मुताबिक मानव तस्करी के शिकार होने वालों में करीब 28 प्रतिशत पीड़ित बच्चे ही होते हैं।



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