ऐसे होती थी पहले मदरसों में पढ़ाई
इसे पहले मदरसे में पढ़ाने के लिए बीएड योग्य शिक्षकों को रखा जाता था। इसके अलावा मदरसे में पढ़ने वाले छात्रों को बाद में शिक्षक के रूप में काम पर रख लिया जाता था पर अब मदरसा आधुनिकीकरण योजना के तहत ऐसा नहीं होगा। पहले 80 फीसदी पढ़ाई दीनी और 20 फीसदी मॉर्डन एजुकेशन दी जाती थी।
ऐसे होगी अब मदरसा मॉडर्नाइजेशन स्कीम के तहत पढ़ाई
यूपी सरकार की मदरसा मॉडर्नाइजेशन स्कीम के तहत मदरसों की पढ़ाई के तरीकों में बदलाव किये जाएंगे। इसके तहत सबसे पहले शिक्षकों का TET (Teacher Eligibility Test) क्वालिफाई होना आवश्यक है। इस योग्यता के बिना किसी भी शिक्षक को मदरसे में पढ़ाने की अनुमति नहीं है। इस स्कीम के तहत 80 फीसदी मॉर्डन एजुकेशन और 20 फीसदी दीनी पढ़ाई करवाई जाएगी।
क्या होगा 80 फीसदी मॉर्डन एजुकेशन में
राज्य सरकार ने दीनी तालिम को कम कर के मॉर्डन एजुकेशन पर ज्यादा बल दिया है। इसके तहत राज्य सरकार हिंदी, अंग्रेजी, विज्ञान, गणित और सामाजिक विज्ञान जैसे विषयों पर ध्यान देगी। बता दें कि पहले इन विषयों पर दीनी शिक्षा के मुकाबले कम ध्यान दिया जाता था।
हर एक स्तर के लिए मदरसा शिक्षकों की संख्या अलग -अलग है,जैसे आलिया स्तर के मदरसों में एक शिक्षक होगा, कक्षा 5 में चार शिक्षक होंगे, कक्षा 6 से 8 में दो शिक्षक होंगे और कक्षा 9 और 10 में आधुनिक शिक्षा पढ़ाने के लिए तीन शिक्षक होंगे।
यूपी मदरसा E-Learning मोबाइल एप लॉन्च
इससे पहले भी यूपी सरकार ने मदरसों में पढ़ रहे छात्रों के लिए UP Madarsa E-Learning मोबाइल एप लॉन्च किया है। इस एप की मदद से छात्र अब रात को भी अपनी पढाई बिना रुके कर सकते हैं। अभी तक मदरसों में पढ़ाई ट्रेडिशनल तौर पर हो रही थी। अब एप के जरिए मदरसों के छात्र डिजिटल तौर तारिकों को भी सीख रहें हैं।