UP Politics: मुलायम सिंह यादव का अखिलेश को मिल रहा साथ, जानें इसके सियासी मायने


इटावा. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद बदले हुए राजनीतिक घटनाक्रम के तहत सपा प्रमुख अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल सिंह यादव उनके मुखर विरोधी हो गये हैं. इस बीच सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव अपने बेटे और सपा प्रमुख के साथ आ खड़े हुए हैं. दरअसल यूपी विधानसभा चुनाव में अपने भतीजे को सीएम बनाने का दंभ भरने वाले शिवपाल सिंह यादव के तेवर रिजल्‍ट आने के बाद 26 मार्च से ऐसे बदले हैं कि आज उनके लिए अगर कोई सबसे बडा राजनीतक दुश्मन यूपी में है तो अखिलेश यादव हैं.

यही नहीं, जैसे-जैसे शिवपाल सिंह यादव के तेवर अखिलेश यादव के प्रति सख्त हो रहे हैं, वैसे-वैसे उनके पिता मुलायम सिंह यादव लगातार उनके साथ मजबूती से खडे़ होते हुए दिखाई देते हैं. इस बीच वह सपा के लखनऊ कार्यालय में अपने बेटे के साथ न सिर्फ नजर आए बल्कि कार्यकर्ताओं से 2024 के लिए तैयार रहने को कहा है. बता दें कि विधानसभा चुनाव के बाद शिवपाल के भाजपा में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही थीं, लेकिन वो फिलहाल अपने दल (प्रसपा) को संगठित करने में जुट गये हैं.

शिवपाल के ऐलान के बाद पार्टी कार्यालय पहुंचे मुलायम
इस बीच शुक्रवार को शिवपाल सिंह यादव ने अपने दल पीएसपीएल के नौ प्रकोष्‍ठों के प्रदेश अध्‍यक्ष का ऐलान किया. वहीं, देर शाम मुलायम सिंह यादव समाजवादी पार्टी कार्यालय जा पहुंचे. इस दौरान उन्‍होंने अखिलेश यादव के साथ पार्टी के तमाम छोटे बडे़ पदाधिकारियों के साथ बैठक करके पार्टी को मजबूत करने की बात कही. इस दौरान मंच पर मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव के साथ नेताजी के पुराने साथी बलराम सिंह यादव भी नजर आए. इस दौरान नेताजी ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि अब लड़ाई दो ही लोगों की है. समाजवादी पार्टी और बीजेपी के बीच में ही उत्तर प्रदेश में लड़ाई है. उत्तर प्रदेश में तीसरी कोई पार्टी नहीं है. समाजवादी पार्टी की चर्चा ही पूरी दुनिया में है, इसलिए टिप्पणी भी समाजवादी पार्टी के बारे में ही होगी. हम लोग गरीबों, किसानों, भूमिहीनों की बात करते हैं और सभी साथियों के साथ एक सम्मानजनक व्यवहार करते हैं.

2024 की करें तैयारी
इसके अलावा मुलायम सिंह यादव ने कार्यकर्ताओं से कहा कि 2024 के चुनाव के लिए तैयार रहें. बीजेपी से लड़ाई आपकी ही है, इसलिए कार्यकर्ता सतर्क और सचेत रहें. मजेदार बात ये है कि मुलायम सिंह यादव के इन सभी बयानों को समाजवादी पार्टी ने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से साझा भी किया. राजनीतिक विश्लेषक ऐसा मानते हैं कि मुलायम सिंह यादव के यह बयान शिवपाल सिंह यादव पर असर डालेंगे, क्‍योंकि प्रसपा के अधिकांश नेताओं ने विधानसभा चुनाव के पहले भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली है. ऐसे में उनकी एक बार फिर से शिवपाल के साथ वापस लौटने की संभावनाए ना के बराबर हैं. वहीं, नेताजी ने अपने बेटे अखिलेश और समाजवादी पार्टी के साथ खडे़ होकर एक तरह से इस बात का संकेत दे दिया है कि सपा के साथ खडे़ रहने में ही हर किसी का भला है. सपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए मुलायम ने साफ बोला कि उत्तर प्रदेश में सपा और भाजपा का ही मुकाबला है और कोई दूसरा दल मुकाबले में नहीं है. इसका मतलब साफ है कि वह उत्तर प्रदेश में भाजपा के मुकाबले केवल सपा को मान कर चल रहे हैं. इससे पहले 14 अप्रैल अंबेडकर जयंती पर इटावा में अपने आवास पर न्यूज़ 18 से बात करते हुए सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने कहा था कि समाजवादी पार्टी पूरी तरह से अखिलेश यादव के साथ है. उन्होंने कहा था कि सभी समाजवादी एकजुट होकर पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के साथ ना केवल खड़ी हो बल्कि उनको ताकत देने का भी काम करे.

Tags: Akhilesh yadav, Mulayam Singh Yadav, Samajwadi party, Shivpal singh yadav



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