WB CM Security: सीएम ममता के आवास की सुरक्षा और कड़ी, सुरक्षा में तैना पुलिसकर्मी नहीं कर पाएंगे मोबाइल का इस्तेमाल 


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एक शीर्ष नौकरशाह ने मंगलवार को कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार ने फैसला किया है कि राज्य सचिवालय ‘नबन्ना’ में तैनात पुलिसकर्मियों को ड्यूटी के दौरान अपने मोबाइल फोन का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करने के उपायों के तहत यह निर्णय लिया गया हैं क्योंकि बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों की मौजूदगी के बावजूद एक अजनबी उनके आवास में घुसने में कामयाब रहा। नौकरशाह ने पीटीआई को बताया कि यह देखा गया है कि ज्यादातर समय ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर व्यस्त रहते हैं जो उनकी नौकरी में बाधा डालते हैं। इसे रोकने के लिए हमने ड्यूटी पर रहते हुए सुरक्षा अधिकारियों द्वारा मोबाइल फोन के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। 

पुलिसकर्मियों को ‘नबन्ना’ में अपने मोबाइल जमा करने होंगे 
उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों को ‘नबन्ना’ में अपनी ड्यूटी ज्वाइन करने से पहले अपने मोबाइल फोन जमा करने होंगे और उनकी शिफ्ट खत्म होने के बाद उन्हें वापस दे दिया जाएगा। इस निर्णय को अन्य सरकारी कार्यालयों में भी लागू किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह नबन्ना में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करने का एक हिस्सा है। हर पाली में मुख्यमंत्री आवास पर अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे। अधिकारी ने कहा कि पहले एक पाली में 70 पुलिसकर्मी हुआ करते थे। अब से 18 और होंगे। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने इलाके में सुरक्षा कड़ी करने के लिए बनर्जी के आवास के पास अतिरिक्त बंकर, पुलिस पिकेट और एक नया वॉच टावर लगाने का भी फैसला किया है।

अधिकारी ने कहा कि कालीघाट में ममता बनर्जी के आवास के आसपास कई गलियों में सीसीटीवी लगाने का भी फैसला किया गया है। ‘जेड प्लस’ सुरक्षा वाली ममता बनर्जी के पास उनके आवास के आसपास 24X7 त्रि-स्तरीय सुरक्षा भी है, जहां कम से कम 150 पुलिस कर्मी और 10 कमांडो तैनात रहते हैं। उनके साथ कम से कम 32 से 36 सुरक्षा गार्ड होते हैं। शनिवार-रविवार की दरमियानी रात को एक व्यक्ति करीब 1.20 बजे बनर्जी के आवास में घुस गया और सुबह करीब आठ बजे सुरक्षाकर्मियों ने उसे देखा था। इसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। इस घटना से सुरक्षा में दहशत फैल गई क्योंकि सवाल उठ रहे थे कि कैसे वह जेड-प्लस सुरक्षा कवर को पार कर गया और बिना किसी के देखे सीएम के आवास में प्रवेश करने में कामयाब रहा। माना जा रहा है कि इस शख्स ने बनर्जी के घर की दीवार फांदी थी।

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एक शीर्ष नौकरशाह ने मंगलवार को कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार ने फैसला किया है कि राज्य सचिवालय ‘नबन्ना’ में तैनात पुलिसकर्मियों को ड्यूटी के दौरान अपने मोबाइल फोन का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करने के उपायों के तहत यह निर्णय लिया गया हैं क्योंकि बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों की मौजूदगी के बावजूद एक अजनबी उनके आवास में घुसने में कामयाब रहा। नौकरशाह ने पीटीआई को बताया कि यह देखा गया है कि ज्यादातर समय ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर व्यस्त रहते हैं जो उनकी नौकरी में बाधा डालते हैं। इसे रोकने के लिए हमने ड्यूटी पर रहते हुए सुरक्षा अधिकारियों द्वारा मोबाइल फोन के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। 

पुलिसकर्मियों को ‘नबन्ना’ में अपने मोबाइल जमा करने होंगे 

उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों को ‘नबन्ना’ में अपनी ड्यूटी ज्वाइन करने से पहले अपने मोबाइल फोन जमा करने होंगे और उनकी शिफ्ट खत्म होने के बाद उन्हें वापस दे दिया जाएगा। इस निर्णय को अन्य सरकारी कार्यालयों में भी लागू किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह नबन्ना में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करने का एक हिस्सा है। हर पाली में मुख्यमंत्री आवास पर अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे। अधिकारी ने कहा कि पहले एक पाली में 70 पुलिसकर्मी हुआ करते थे। अब से 18 और होंगे। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने इलाके में सुरक्षा कड़ी करने के लिए बनर्जी के आवास के पास अतिरिक्त बंकर, पुलिस पिकेट और एक नया वॉच टावर लगाने का भी फैसला किया है।

अधिकारी ने कहा कि कालीघाट में ममता बनर्जी के आवास के आसपास कई गलियों में सीसीटीवी लगाने का भी फैसला किया गया है। ‘जेड प्लस’ सुरक्षा वाली ममता बनर्जी के पास उनके आवास के आसपास 24X7 त्रि-स्तरीय सुरक्षा भी है, जहां कम से कम 150 पुलिस कर्मी और 10 कमांडो तैनात रहते हैं। उनके साथ कम से कम 32 से 36 सुरक्षा गार्ड होते हैं। शनिवार-रविवार की दरमियानी रात को एक व्यक्ति करीब 1.20 बजे बनर्जी के आवास में घुस गया और सुबह करीब आठ बजे सुरक्षाकर्मियों ने उसे देखा था। इसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। इस घटना से सुरक्षा में दहशत फैल गई क्योंकि सवाल उठ रहे थे कि कैसे वह जेड-प्लस सुरक्षा कवर को पार कर गया और बिना किसी के देखे सीएम के आवास में प्रवेश करने में कामयाब रहा। माना जा रहा है कि इस शख्स ने बनर्जी के घर की दीवार फांदी थी।



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