What Is ITR: बेहद आसान भाषा में समझिए क्या है इनकम टैक्स रिटर्न और इसे भरने के क्या हैं फायदे..


हम अक्सर अपने घर के बड़ो के मुंह से सुनते हैं कि आईटीआर फाइल करना है कल आखिरी तारीख है। लेकिन आपने कभी सोचा है कि आखिर ये आईटीआर (What Is ITR) है क्या और इसे भरना क्यों जरूरी है और क्या हैं इसके फायदे? अगर आप भी ऐसे ही प्रश्नों के उत्तर प्राप्त करना चाहते हैं तो यह लेख आपके लिए ही है। आइए इस लेख के माध्यम से जानते हैं कि क्या है आईटीआर और समय से आईटीआर फाइल करना क्यों जरूरी है।

आईटीआर यानी इनकम टैक्स रिटर्न एक टैक्स रिटर्न फॉर्म है जिसका इस्तेमाल टैक्स देने वाले लोग इंडियन इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को अपनी इनकम और संपत्ति की रिपोर्ट करने के लिए करते हैं। इसमें टैक्स देने वाले लोगों के पर्सनल और फाइनेंशियल डाटा से संबंधित विवरण हैं। आईटीआर ज्यादातर इलेक्ट्रॉनिक मोड में भरा जाता है लेकिन वरिष्ठ नागरिकों के लिए इसे मैन्युअल रूप से भी दाखिल करने का विकल्प मौजूद होता है।

करदाता एक व्यक्ति, आर्टिफिशियल न्यायिक व्यक्ति, फर्म, ट्रस्ट, कंपनी या एक समाज हो सकता है। इनकम टैक्स भरते समय व्यक्ति को कोई भी डॉक्यूमेंट अटैच नहीं करना पड़ता। प्रक्रिया तब पूरी होती है जब करदाता द्वारा दाखिल आईटीआर को आधार मोबाइल नंबर या इंटरनेट बैंकिंग का उपयोग करके उत्पन्न ओटीपी के माध्यम से ई-सत्यापित किया जाता है।

कौन कर सकता है फाइल?

इनकम टैक्स लॉ के अनुसार कुछ कैटेगरी बनाई गई है जिसके तहत आने वाले सभी करदाताओं को एक निहित समय के अंदर टैक्स भरना होता है।

ये टैक्स के दायरे से बाहर हैं

1- यदि कोई व्यक्ति 60 वर्षों से कम आयु का है और उसकी साल की इनकम 2.5 लाख रुपये है तो कोई टैक्स नहीं देना होगा। इससे लिमिट से अधिक वाले व्यक्ति को आईटीआर फाइल करना होगा।
2- यदि कोई व्यक्ति 60 साल से अधिक है और 80 साल से कम आयु है और सालाना इनकम 3 लाख है तो भी व्यक्ति को टैक्स के दायरे से बाहर रखा जाएगा।
3- इसके साथ ही यदि कोई व्यक्ति 80 वर्ष से अधिक का है और उसकी सालाना इनकम 5 लाख है तो उसे भी टैक्स के दायरे से बाहर रखा जाएगा।

इन लोगों को भरना होगा आईटीआर

1- यदि किसी व्यक्ति की इनकम तय लिमिट के अनुसार है लेकिन एक या अधिक चालू खाते में 1 करोड़ रुपये से अधिक की राशि या कुल राशि जमा करता है तो उसे आईटीआर के दायरे में रखा जाएगा।
2- हर कंपनी और फर्म चाहे उसे नुकसान हो या मुनाफा हो उसे आईटीआर फाइल करना ही होगा।
3- यदि कोई व्यक्ति विदेश यात्रा में 2 लाख से अधिक का खर्च करता है तो उसे भी आईटीआर के दायरे में रखा जाएगा।
4- अगर किसी व्यक्ति के बिजली की खपत पर 1 लाख रुपये से अधिक खर्च होता है तो वह भी आईटीआर भरने के लिए बाध्य है।

आईटीआर हर फाइनेंशियल ईयर में 1 अप्रैल से 31 मार्च के बीच भरा जाता है। नीचे जानिए कि आपको आईटीआर क्यों फाइल करना चाहिए?

1- पेनल्टी से बचने के लिए
यदि आप आईटीआर नहीं भरते हैं तो आप पर 5,000 रुपये जुर्माना लगाया जा सकता है। इसके साथ ही इनकम टैक्स एक्ट 1961 के अनुसार आईटीआर भरने में देर होने की स्थिति में ब्याज लगाया जा सकता है।

2- कानूनी कार्रवाई
अगर आप आईटीआर फाइल करने में लेट हो जाते हैं तो आपको आईटी डिपार्टमेंट से नोटिस भेजा जाएगा और आप कानूनी मुसीबत में भी फंस सकते हैं। यदि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट यह पाता है कि नोटिस का जवाब संतुष्ट करने वाला नहीं है तो आपके खिलाफ लीगल एक्शन भी लिया जा सकता है।

3- लोन अप्रूवल
यदि आपने पहले हमेशा समय पर आईटीआर फाइल किया है तो आपको आसानी से लोन मिल सकता है।

4- वीजा
अक्सर जब आप वीजा के लिए अप्लाई करते हैं तो दूतावास आपसे आईटीआर हिस्ट्री सबमिट करने के लिए कहते हैं। यदि आपने समय पर आईटीआर भरा है तो आपको वीजा मिलने में समस्या नहीं आएगी।

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