नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम एमएसएमई के प्रदर्शन को बढ़ाने और उसे गति देने के लिए गुरुवार को 6,000 करोड़ रुपये की ‘रैंप’ (रेजिंग एंड एक्सिलेरेटिंग एमएसएमई परफार्मेन्स) योजना की शुरुआत की. इसके साथ ही उन्होंने साथ ही उन्होंने वस्तुओं और सेवाओं के निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिये ‘पहली बार निर्यात करने वाले एमएसएमई निर्यातकों के क्षमता निर्माण’ (सीबीएफटीई) योजना शुरू की.
प्रधानमंत्री ने एमएसएमई को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र छोटे उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिये जरूरी नीतिगत कदम उठाने को तैयार है. उन्होंने कहा कि ये उद्यमी सरकार की आत्मनिर्भर भारत पहल में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. प्रधानमंत्री ने ‘उद्यमी भारत’ कार्यक्रम बोलते हुए छोटे उद्यमियों से सरकार को वस्तुओं की आपूर्ति के लिये सरकारी खरीद मंच जीईएम (गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस) पोर्टल पर पंजीकरण कराने को भी कहा.
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क्या है ‘रैंप’ योजना
‘रैंप’ योजना का मकसद बाजार और लोन तक पहुंच में सुधार करना है. इसके साथ ही केंद्र और राज्य में संस्थानों और अधिकारों को मजबूती देने, केंद्र-राज्य के संबंधों और साझेदारी में सुधार करने, देरी से भुगतान के मुद्दों के समाधान और एमएसएमई को पर्यावरण के लिए जागरूक बनाना भी इस योजना में शामिल है.
आत्मनिर्भर भारत के लिए जरूरी एमएसएमई
प्रधानमंत्री ने कहा, “एमएसएमई आत्मनिर्भर भारत के लिये जरूरी है. एमएसएमई क्षेत्र ने पिछले आठ साल में आत्मनिर्भर भारत को एक आकार देने में बड़ी भूमिका निभायी है. मैं चाहता हूं कि अगले सप्ताह जीईएम पोर्टल पर एक करोड़ नये पंजीकरण हो.”
एमएसएमई क्षेत्र के लिए बजट 650 फीसदी बढ़ाया
उन्होंने कहा कि सरकार ने एमएसएमई क्षेत्र को मजबूत बनाने के लिये पिछले आठ साल में बजट 650 प्रतिशत से अधिक बढ़ाया है. बकौल प्रधानमंत्री, “अगर कोई उद्योग आगे बढ़ना चाहता है, विस्तार करना चाहता है तो सरकार न केवल उसे समर्थन कर रही है बल्कि नीतियों में जरूरी बदलाव भी ला रही है.” उन्होंने यह भी कहा कि खादी और ग्रामोद्योग का कारोबार पहली बार एक लाख करोड़ रुपये के पार हो गया है, खादी बिक्री पिछले आठ साल में चार गुना बढ़ी है. पीएम मोदी ने कहा कि सरकार के के लिए एमएसएमई की मतलब मैक्सिमम सपोर्ट टू माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइज है.
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम
उन्होंने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) की नई विशेषताओं की भी शुरूआत की. इसमें विनिर्माण क्षेत्र के लिये अधिकतम परियोजना लागत 25 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये तथा सेवा क्षेत्र में 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये करना शामिल है.
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FIRST PUBLISHED : July 01, 2022, 11:24 IST