बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: दीपक चतुर्वेदी
Updated Mon, 31 Jan 2022 05:23 PM IST
सार
30th Foundation Day Of National Commission For Women: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 30वें राष्ट्रीय महिला आयोग के स्थापना दिवस कार्यक्रम में भाग लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि सदियों से भारत की ताकत हमारे छोटे स्थानीय उद्योग रहे हैं, जिन्हें आज हम एमएसएमई कहते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
– फोटो : एएनआई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 30वें राष्ट्रीय महिला आयोग के स्थापना दिवस कार्यक्रम में भाग लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि सदियों से भारत की ताकत हमारे छोटे स्थानीय उद्योग रहे हैं, जिन्हें आज हम एमएसएमई कहते हैं।
महिलाओं की भूमिका पुरुषों जितनी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इन छोटे उद्योगों में जितनी भूमिका पुरुषों की होती हैं, उतनी ही महिलाओं की भी होती हैं। मुद्रा योजना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि आज मुद्रा योजना की लगभग 70 फीसदी लाभार्थी महिलाएं हैं। करोड़ों महिलाओं ने इस योजना की मदद से अपना काम शुरू किया है और दूसरों को भी रोजगार दे रहीं हैं। उन्होंने कहा कि पिछले सात सालों में देश की नीतियां महिलाओं को लेकर और अधिक संवेदनशील हुई हैं।
मातृत्व अवकाश वाला देश बना भारत
आज भारत उन देशों में है जो अपने यहां सबसे अधिक मातृत्व अवकाश देता है। कम उम्र में शादी बेटियों की पढ़ाई और करियर में बाधा न बने, इसलिए बेटियों की शादी की उम्र 21 साल करने का प्रयास है। न्यू इंडिया के ग्रोथ साइकल में महिलाओं की भागीदारी लगातार बढ़ रही है। महिला आयोगों को चाहिए कि समाज के इंटरपेन्योरशिप में महिलाओं की इस भूमिका को ज्यादा से ज्यादा पहचान मिले, उसे बढ़ावा दिया जाए।
विस्तार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 30वें राष्ट्रीय महिला आयोग के स्थापना दिवस कार्यक्रम में भाग लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि सदियों से भारत की ताकत हमारे छोटे स्थानीय उद्योग रहे हैं, जिन्हें आज हम एमएसएमई कहते हैं।
महिलाओं की भूमिका पुरुषों जितनी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इन छोटे उद्योगों में जितनी भूमिका पुरुषों की होती हैं, उतनी ही महिलाओं की भी होती हैं। मुद्रा योजना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि आज मुद्रा योजना की लगभग 70 फीसदी लाभार्थी महिलाएं हैं। करोड़ों महिलाओं ने इस योजना की मदद से अपना काम शुरू किया है और दूसरों को भी रोजगार दे रहीं हैं। उन्होंने कहा कि पिछले सात सालों में देश की नीतियां महिलाओं को लेकर और अधिक संवेदनशील हुई हैं।
मातृत्व अवकाश वाला देश बना भारत
आज भारत उन देशों में है जो अपने यहां सबसे अधिक मातृत्व अवकाश देता है। कम उम्र में शादी बेटियों की पढ़ाई और करियर में बाधा न बने, इसलिए बेटियों की शादी की उम्र 21 साल करने का प्रयास है। न्यू इंडिया के ग्रोथ साइकल में महिलाओं की भागीदारी लगातार बढ़ रही है। महिला आयोगों को चाहिए कि समाज के इंटरपेन्योरशिप में महिलाओं की इस भूमिका को ज्यादा से ज्यादा पहचान मिले, उसे बढ़ावा दिया जाए।
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