पीड़िता के साथ दरिंदगी करतीं आरोपी महिलाएं
– फोटो : अमर उजाला
दिल्ली के विवेक विहार के कस्तूरबा नगर में गणतंत्र दिवस के दिन महिला के साथ हुई हैवानियत के मामले में पीड़िता के शरीर पर लगे जख्म तो भर ही जाएंगे, लेकिन जिन जख्मों ने उसकी आत्मा को घायल किया है, वह शायद जिंदगी भर नहीं भर पाएंगे। घटना के चार दिन बाद भी पीड़िता हैवानियत के उन 90 मिनट को याद कर सिहर उठती है। फिलहाल पुलिस की देखरेख में अज्ञात स्थान पर उसका इलाज चल रहा है।
महिला के पति ने अमर उजाला से बातचीत में बताया कि उसने जब पत्नी की हालत देखी तो उसकी आंखों से आंसू छलक आए।
महिला के कटे बाल जमीन पर गिरे हुए
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पत्नी के सिर पर करीब दर्जनभर से अधिक उस्तरे से कट के निशान थे। जालिमों ने बाल काटने के चक्कर में उसके सिर पर कई जगह उस्तरा मारा हुआ था। उसकी दोनों आंखें भी सूजी हुई थी। शरीर का शायद ही कोई ऐसा हिस्सा होगा, जिस जगह चोट के निशान न हो। पहले दिन तो पत्नी बोल भी नहीं पा रही थी। अब उसकी हालत में सुधार होना शुरू हुआ है। डॉक्टरों का कहना है कि दो सप्ताह में उसके जख्म भर जाएंगे। लेकिन उसे जो मानसिक आघात लगा है, उसको ठीक होने में लंबा समय लगेगा।
कस्तूरबा नगर है शराब तस्करी का पुराना अड्डा, पुलिस भी यहां आने से डरती है
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पीड़िता के पति ने बताया कि आरोपियों के डर से उसने करीब डेढ़ माह पूर्व कड़कड़डूमा में तीसरी मंजिल का मकान साढ़े चार हजार रुपये महीना किराए पर लिया था। घटना वाले दिन वह पत्नी व अपने तीन साल के बेटे को घर छोड़कर गुरुग्राम काम पर चला गया। इस बीच दोपहर करीब 12.00 बजे उसके मकान मालिक ने कॉल कर बताया कि उसकी पत्नी को कुछ महिलाएं व पुरुष जबरन उठाकर ऑटो में डालकर अपने साथ ले गए हैं।
सहमी बैठी पीड़िता
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फौरन उसने अपनी 18 वर्षीय साली को कॉल किया, लेकिन उसका फोन नहीं उठा। वह फौरन गुरुग्राम से भागा और कस्तूरबा नगर करीब 1.20 बजे पहुंचा। वहां पहुंचने पर उसे पत्नी के साथ हुई दरिंदगी का पता चला। फौरन उसने पीसीआर कॉल कर पुलिस को खबर दी। सूचना मिलते ही पुलिस भी कुछ देर में वहां पहुंच गई। तब तक उसकी पत्नी आरोपियों के ही चंगुल में थी। पुलिस ने उसे आरोपियों से छुड़ाया। इसके बाद उसे इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल ले जाया गया। पति ने बताया कि जब वह अस्पताल पहुंचा तो उसने देखा कि पत्नी दर्द से कराह रही थी। उससे बोला भी नहीं जा रहा था।
बेल्ट और डंडे से पीटते देखे जा सकते हैं आरोपी
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अगले दिन जब वह पीड़िता से मिला तो पीड़िता ने रोते हुए सारी बात बताई। पीड़िता ने बताया कि जब उसके साथ हैवानियत हो रही थी तो वह रोते हुए अपने पति को बुलाने की बात कर रही थी। लेकिन कोई उसकी नहीं सुन रहा था। जब भी वह आरोपियों से पति व परिजनों को बुलाने के लिए कहती थी, उसको बेल्ट या डंडा मारा जाता था। महिलाएं अपने लड़कों को उकसाकर उसके साथ घिनौनी हरकतें करवा रही थीं। पीड़िता ने गिड़गिड़ाते हुए आरोपियों से बेटे की मौत से कोई संबंध न होने की बात की, लेकिन किसी का दिल नहीं पसीजा।