इलेक्शन डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: हिमांशु मिश्रा
Updated Mon, 21 Mar 2022 02:41 PM IST
आम आदमी पार्टी ने राज्यसभा उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिए हैं। इसमें क्रिकेटर हरभजन सिंह, पंजाब के आप सह प्रभारी राघव चड्ढा, आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर संदीप पाठक, लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी के चांसलर अशोक मित्तल और कृष्णा प्राण ब्रेस्ट कैंसर केयर चैरिटेबल ट्रस्ट के संस्थापक संजीव अरोड़ा का नाम शामिल हैं।
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अशोक मित्तल… ये वो नाम है जो आज अचानक हर किसी के जुबां पर है। कारण, आम आदमी पार्टी ने अशोक मित्तल को पंजाब से अपना राज्यसभा का उम्मीदवार घोषित किया है। मित्तल का नाम भले ही ज्यादातर लोग नहीं जानते हों, लेकिन लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी का नाम कहीं न कहीं जरूर सुना होगा। अशोक मित्तल इसी यूनिवर्सिटी के चांसलर यानी कुलाधिपति हैं। अशोक का सफर काफी रोचक है। आइए हम आपको बताते हैं।
अशोक मित्तल से पहले उनके पिता स्व. बलदेव राज मित्तल के बारे में जानना जरूरी है। बलदेव राजस्थान में मिलिट्री में ठेकेदार थे। उनके तीन बेटे रमेश, नरेश और अशोक मित्तल हैं। अपने बच्चों का भविष्य सुरक्षित करने के लिए बलदेव ने 1961 में 500 रुपये का कर्ज लेकर जालंधर कैंटोंमेंट एरिया में एक मिठाई की दुकान खोली। इसका नाम लवली स्वीट हाउस रखा।
सबसे पहले 1968 में बड़े बेटे रमेश मित्तल ने पिता के इस व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए 11वीं के बाद पढ़ाई ही छोड़ दी। इसके बाद 1977 में दूसरे बेटे नरेश भी व्यवसाय से जुड़ गए। देखते ही देखते लवली स्वीट हाउस प्रसिद्ध हो गई। 1986 में ये जालंधर की सबसे प्रतिष्ठित और बड़ी मिठाई की दुकान हो गई। 1984 में अशोक ने भी पिता के व्यवसाय में कदम रख दिया। 2004 में बलदेव राज मित्तल का निधन हो गया था।
अशोक पढ़ाई के साथ-साथ पिता की मिठाई के दुकान पर भी काम करते थे। वह अपने बड़े भाई की मदद करते थे। पढ़ाई पूरी हुई तो 1991 में अशोक ने ऑटोमोबाइल सेक्टर में कारोबार शुरू किया। बजाज कंपनी की डीलरशिप ले ली। 1996 में मारुति सुजुकी की डीलरशिप ली। देखते ही देखते अशोक पंजाब के टॉप ऑटोमोबाइल डीलर बन गए।
2001 : अशोक ने अपने पिता बलदेव राज मित्तल के संरक्षण में फगवाड़ा में 3.5 एकड़ जमीन लेकर कॉलेज की स्थापना की।
2005 : अशोक मित्तल के लवली कॉलेज को प्राइवेट यूनिवर्सिटी का दर्जा मिल गया। अब ये लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी के नाम से पूरी दुनिया में जानी जाती है।
2022 : करीब 50 देशों के 40 हजार से ज्यादा छात्र-छात्राएं यहां पढ़ते हैं। अब इसका 600 एकड़ में विस्तार हो चुका है। 3600 से ज्यादा शिक्षक यहां पढ़ाते हैं। लवली ग्रुप का सालाना टर्न ओवर करीब 850 करोड़ का हो गया है।
परिवार की तीसरी पीढ़ी ने संभाला कारोबार
अशोक मित्तल, नरेश और रमेश मित्तल के साथ 2002 में परिवार की तीसरी पीढ़ी ने भी कारोबार संभाल लिया। तीन भाइयों में सबसे बड़े रमेश मित्तल हैं। इनके बेटे अमित और अमन भी व्यवसाय संभाल चुके हैं। दूसरे नंबर पर नरेश मित्तल के बेटे शैषव मित्तल और वैभव मित्तल भी लवली ग्रुप को जॉइन कर चुके हैं। सबसे छोटे अशोक मित्तल हैं। इनके बेटे प्रथम मित्तल भी लवली ग्रुप को आगे बढ़ाने में जुट गए हैं। अशोक की पत्नी रश्मि मित्तल लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी की प्रो-चांसलर हैं।
विस्तार
अशोक मित्तल… ये वो नाम है जो आज अचानक हर किसी के जुबां पर है। कारण, आम आदमी पार्टी ने अशोक मित्तल को पंजाब से अपना राज्यसभा का उम्मीदवार घोषित किया है। मित्तल का नाम भले ही ज्यादातर लोग नहीं जानते हों, लेकिन लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी का नाम कहीं न कहीं जरूर सुना होगा। अशोक मित्तल इसी यूनिवर्सिटी के चांसलर यानी कुलाधिपति हैं। अशोक का सफर काफी रोचक है। आइए हम आपको बताते हैं।