Who was Balamani Amma?: बिना स्कूली शिक्षा के बनीं कवियित्री, जानें बालमणि अम्मा के जीवन से जुड़ी खास बातें


गूगल ने मंगलवार को भारतीय कवयित्री बालमणि अम्मा (Balamani Amma) की 113वीं जयंती पर डूडल बनाकर उन्हें याद किया है। Google Doodle में एक आप एक दादी को कुछ लिखते हुए देख सकते हैं। गूगल ने बेहद शानदार डूडल बनाकर मलयालम साहित्य की दादी बालमणि अम्मा को श्रंद्धाजलि अर्पित की है। बालमणि अम्मा को मलयालम साहित्य की दादी (Grandmother of Literature) कहा जाता है। बालमणि अम्मा को समर्पित आज का गूगल डूडल केरल की आर्टिस्ट देविका रामचंद्रन द्वारा तैयार किया गया है। आइये जानते हैं अम्मा के जीवन से जुड़ी खास बातें..

बालमणि अम्मा के जीवन से जुड़ी खास बातें..

1. बालमणि अम्मा का जन्म केरल के त्रिशूर जिले में 1909 में हुआ था। अम्मा के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने कभी कोई औपचारिक शिक्षा प्राप्त नहीं की। उन्हें अपने चाचा नलप्पट नारायण मेनन से घर पर ही शिक्षा प्राप्त की।

2. 19 साल की उम्र में अम्मा का विवाह वी.एम. नायर से हो गया जो मलयालम अखबार ‘मातृभूमि’ के प्रबंध निदेशक और प्रबंध संपादक थे।

3. अम्मा की पहली कविता कोप्पुकाई, 1930 में प्रकाशित हुई थी। उन्हें कोचीन साम्राज्य के पूर्व शासक परीक्षित थंपुरन से एक प्रतिभाशाली कवि के तौर पर पहचान मिली। थंपुरन ने उन्हें ‘साहित्य निपुण पुरस्कारम’ से सम्मानित किया था।

4. उनकी शुरुआती कविताओं में पौराणिक पात्रों और कहानियों को अपनाकर मातृत्व और महिलाओं को शक्तिशाली शख्सियत के रूप में प्रस्तुत किया गया है।

5. अम्मा ने मलयालम में अपनी कविताएं लिखीं और उनकी रचनाओं को पूरे दक्षिण भारत में पहचान मिली। उनकी कुछ सबसे प्रसिद्ध कविताएं हैं- अम्मा (मां), मुथस्सी (दादी), और मज़ुविंते कथा (द स्टोरी ऑफ़ द कुल्हाड़ी)।

6. दादी साहित्यिक कार्यों के लिए कई पुरस्कारों से नवाजी गई थीं। इनमें सरस्वती सम्मान और भारत का दूसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण भी शामिल हैं। अम्मा की बेटी कमला दास को 1984 में साहित्य के नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया था।

Source link

Enable Notifications OK No thanks