रूस यूक्रेन युद्ध : क्यों चर्चा में हैं पुतिन के मित्र अलेक्जेंडर लुकाशेंको? 2021 में एक पत्रकार को गिरफ्तार करने के लिए क्या किया था?


सार

लुकाशेंको ने पत्रकारों को अपने हॉकी अभ्यास के लिए आमंत्रित किया। एक सवाल के जवाब में कि क्या वे और पुतिन एक ही टीम से खेलते हैं या विरोधी टीम से? उन्होंने कहा कि ‘वे खेल और राजनीति दोनों में पुतिन की टीम में होते हैं।’

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रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन केवल यूक्रेन पर हमला करके रूकने वाले वाले नहीं है, बल्कि उनकी योजना  मोल्दोवा पर भी आक्रमण करने की है।  यह खुलासा पुतिन के मित्र बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने गलती से कर दिया है। ऐसा करके वे दुनिया भर में चर्चा में आ गए हैं। दरअसल वे सुरक्षा परिषद को संबोधित कर यूक्रेन में रूस के आक्रमण के रास्तों के बारे में बता रहे थे। बैटल मैप के जरिए वे पुतिन की रणनीति पर चर्चा कर रहे थे, जहां से इसका खुलासा पूरी दुनिया के सामने हो गया कि पुतिन मोल्दोवा पर भी हमला करने की रणनीति बना रहे हैं। मोल्दोवा यूक्रेन का पड़ोसी देश है।

पहले जानिए कि अलेक्जेंडर लुकाशेंको हैं कौन?
अलेक्जेंडर लुकाशेंको बेलारूसी तानाशाह माने जाते हैं। पुतिन के पुराने मित्र और सबसे करीबी सहयोगी माने जाते हैं। एक सैन्य पृष्ठभूमि वाले व्यक्ति हैं और पुतिन के साथ उनके संबंध बहुत मजबूत हैं। 

यही वजह है कि बेलारूस ने रूस की सेना को अपनी जमीन के रास्ते यूक्रेन पर हमला करने की इजाजत दी। साथ ही एक मतदान के बाद रूस के परमाणु हथियारों और सैनिकों की अपने यहां तैनाती को भी इजाजत दी है।

अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने 26 वर्षों से अधिक समय तक बेलारूस पर शासन किया है। सोवियत यूनियन के टूटने के बाद बेलारूस और यूक्रेन जैसे देशों का उदय हुआ, लेकिन जहां यूक्रेन में लोकतंत्र फलने-फूलने लगा वहीं, बेलारूस तानाशाही के रास्ते पर चल पड़ा। 
बेलारूस में लुकाशेंको के प्रभाव में वृद्धि की कहानी 1990 में शुरू होती है। उस समय वह 30 साल के थे जब सोवियत सेना के इस नौजवान ने बेलारूसी सोवियत सोशलिस्ट रिपब्लिक में एक संसदीय सीट का चुनाव जीता था।

लुकाशेंको सोवियत कम्युनिस्ट युवा विंग के भी सदस्य रहे। 1993 में, उन्हें बेलारूसी संसद के भ्रष्टाचार विरोधी आयोग का प्रमुख बनाया गया।  1994 में में 80.3 फीसदी वोट के साथ बेलारूस के राष्ट्रपति चुने गए। वह तब से सत्ता पर काबिज हैं।

लुकाशेंको के जीवन का कैसा है इस बारे में उन्होंने आधिकारिक ऑनलाइन जीवनी में स्वयं लिखा है-मेरा जीवन, अन्य राष्ट्रपतियों के जीवन की तरह, बहुत व्यस्त है। जागो और दौड़ते रहो। 25 साल तक भागने में कैसा लगता है? मुझे इसकी आदत हो गई है।

यूरोप के आखिरी तानाशाह?
लुकाशेंको को 2020 के चुनाव में मजबूत विरोध का सामना करना पड़ा। इस डर से कि उन्हें हटाया जा सकता है उन पर चुनाव में धांधली करने का आरोप लगा। उन्होंने घोषणा की कि उन्हें 80 फीसदी वोट मिले हैं और उस तरह उन्होंने खुद को छठे कार्यकाल के लिए राष्ट्रपति घोषित किया।

इस कदम का पूरे देश में विरोध हुआ। एक अनुमान के मुताबिक इस विद्रोह के दौरान 35,000 से अधिक नागरिकों को गिरफ्तार किया गया था, जिनमें से हजारों को पुलिस हिरासत में दुर्व्यवहार और यातना का सामना करना पड़ा। 

गार्जियन की 2020 की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस विरोध प्रदर्शन के कारण लुकाशेंको दबाव में आ गए थे, हालांकि वे इस्तीफा देने से लगातार इनकार करते रहे। कुछ मीडिया आउटलेट्स ने लुकाशेंको को ‘यूरोप का अंतिम तानाशाह’ करार दिया।

विरोध के दौरान, लुकाशेंको ने कई मौकों पर अपनी ताकत का प्रदर्शन किया। बुलेटप्रूफ बनियान पहने हुए एक हेलीकॉप्टर उतरते हुए खुद का एक वीडियो जारी किया।
पश्चिमी देशों ने लुकाशेंको को चुनावों में धांधली करने और शांतिपूर्ण विरोध को दबाने का आरोप लगाया। ब्रिटेन और कनाडा ने 2020 के अंत में बेलारूस के अधिकारियों के खिलाफ प्रतिबंध लगा दिया।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक लुकाशेंको अपने देश में डर पैदा करने का शासन करते हैं। डर का आलम ये है कि वह अपने विरोधियों को हमेशा के लिए गायब करवा देते हैं। इसी वजह से अधिकतर विपक्षी नेताओं को देश छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा है।

असहमति की एक आवाज को दबाने के लिए हवाई जहाज रुकवा दिया
लुकाशेंको ने पिछले साल मई में भी तब अंतरराष्ट्रीय सुर्खियां बटोरीं, जब बेलारूसी अधिकारियों ने बम की धमकी का हवाला देते हुए (जो कथित तौर पर अफवाह थी और सच साबित नहीं हुई) रयानएयर यात्री जेट प्लेन को मोड़ दिया और इसे मिन्स्क में उतरने के लिए मजबूर किया। 

पुलिस अधिकारी विमान में सवार हुए और इसमें यात्रा कर रहे पत्रकार रोमन प्रोतासेविच को गिरफ्तार कर लिया, जो लुकाशेंको के शासन के मुखर विरोध माने जाते थे।

पत्रकार पर लगाया दंगे का आरोप
प्रोतासेविच पोलैंड स्थित एक समाचार चैनल नेक्सटा के सह-संस्थापक और प्रधान संपादक हैं, जो एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग ऐप टेलीग्राम के माध्यम से लुकाशेंको के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध की क्लिप जारी करते थे।

प्रोतासेविच को बाद में नजरबंद कर दिया गया था। उस पर दंगे आयोजित करने का आरोप लगा और दोषी पाए जाने पर उन्हें 15 साल तक की जेल हो सकती है। इस घटना ने अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और यूरोपीय संघ के सदस्य देशों में आक्रोश भर दिया और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसकी निंदा हुई।
पुतिन के जिगरी दोस्त 
वे पुतिन के मजबूत सहयोगी हैं। पिछले साल जनवरी में मास्को में उन्होंने रूस 1 टीवी चैनल को दिए एक इंटरव्यू में अपने रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन को अपना दोस्त बताया। 

इस दौरान उन्होंने पत्रकारों को अपने हॉकी अभ्यास के लिए आमंत्रित किया। एक सवाल के जवाब में कि क्या वे और पुतिन एक ही टीम से खेलते हैं या विरोधी टीम से? उन्होंने कहा कि ‘वे खेल और राजनीति दोनों में पुतिन की टीम में होते हैं।

1991 में सोवियत संघ के पतन के बाद से, रूस और बेलारूस के बीच मजबूत आर्थिक संबंध रहे हैं। पुतिन ने बेलारूस को समर्थन के तौर पर 2020 में 1.5 बिलियन डॉलर का कर्ज दिया है। चुनाव में धांधली के विरोध में जब देश में विरोध प्रदर्शन चल रहे थे तो इस दौरान रूसी पुलिस से स्वेच्छा से सहायता की।

अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बेलारूसी राज्य मीडिया में विरोध प्रदर्शन जिस तरह से कवर किया जा रहा था उसे बदलने के लिए कथित तौर पर रूस से जुड़े पत्रकारों को भी वहां रिपोर्टिंग के लिए भेजा गया था।

जब तक मुझे मार नहीं दोगे, चुनाव नहीं होंगे
बेलारूस में कोरोना महामारी से निपटने में कथित तौर पर नाकाम रहने पर उनकी काफी आलोचना हुई और उन्हें फिर पद छोड़ने के लिए कहा गया। लेकिन लुकाशेंको ने सत्ता पर अपनी पकड़ बनाए रखी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले साल मिन्स्क व्हील-ट्रैक्टर प्लांट की यात्रा के दौरान,  जब उनसे निष्पक्ष चुनाव के बारे में एक सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा ‘हमने चुनाव कराए हैं। जब तक आप मुझे मार नहीं देंगे, तब तक कोई चुनाव नहीं होगा।’

 

विस्तार

रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन केवल यूक्रेन पर हमला करके रूकने वाले वाले नहीं है, बल्कि उनकी योजना  मोल्दोवा पर भी आक्रमण करने की है।  यह खुलासा पुतिन के मित्र बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने गलती से कर दिया है। ऐसा करके वे दुनिया भर में चर्चा में आ गए हैं। दरअसल वे सुरक्षा परिषद को संबोधित कर यूक्रेन में रूस के आक्रमण के रास्तों के बारे में बता रहे थे। बैटल मैप के जरिए वे पुतिन की रणनीति पर चर्चा कर रहे थे, जहां से इसका खुलासा पूरी दुनिया के सामने हो गया कि पुतिन मोल्दोवा पर भी हमला करने की रणनीति बना रहे हैं। मोल्दोवा यूक्रेन का पड़ोसी देश है।

पहले जानिए कि अलेक्जेंडर लुकाशेंको हैं कौन?

अलेक्जेंडर लुकाशेंको बेलारूसी तानाशाह माने जाते हैं। पुतिन के पुराने मित्र और सबसे करीबी सहयोगी माने जाते हैं। एक सैन्य पृष्ठभूमि वाले व्यक्ति हैं और पुतिन के साथ उनके संबंध बहुत मजबूत हैं। 

यही वजह है कि बेलारूस ने रूस की सेना को अपनी जमीन के रास्ते यूक्रेन पर हमला करने की इजाजत दी। साथ ही एक मतदान के बाद रूस के परमाणु हथियारों और सैनिकों की अपने यहां तैनाती को भी इजाजत दी है।

अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने 26 वर्षों से अधिक समय तक बेलारूस पर शासन किया है। सोवियत यूनियन के टूटने के बाद बेलारूस और यूक्रेन जैसे देशों का उदय हुआ, लेकिन जहां यूक्रेन में लोकतंत्र फलने-फूलने लगा वहीं, बेलारूस तानाशाही के रास्ते पर चल पड़ा। 



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