यूक्रेन से युद्ध: खारकीव को ही क्यों निशाना बना रही है रूसी सेना? जानिए क्या है पुतिन की रणनीति 


वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, कीव
Published by: Amit Mandal
Updated Wed, 02 Mar 2022 11:26 PM IST

सार

रूस यूक्रेन पर लगातार हमलावर है और पिछले सात दिनों से जंग जारी है। रूस यूक्रेन के खारकीव जैसे बड़े शहर को निशाना बना रहा है और यहां कई हमलों की खबर आ चुकी है।

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रूस और यूक्रेन के बीच इन दिनों युद्ध का केंद्र खारकीव बना हुआ है। राजधानी कीव से ज्यादा हमले खारकीव पर हो रहे हैं। रूसी सेना की योजना इस पर जल्द से जल्द कब्जा करने की है। खारकीव में इस वक्त भयंकर जंग छिड़ी हुई है और यही वो जगह है जहां भारतीय छात्र की मौत हुई थी। भारत ने बुधवार को एडवायजरी जारी करते हुए कहा था कि भारतीय हर हाल में इस शहर को शाम 6 बजे तक ही छोड़ दें। आखिर क्यों रूसी सेना खारकीव पर जबरदस्त हमला बोल रही है? क्या है इसका ऐतिहासिक महत्व और क्यों ये शहर दोनों देशों के लिए बेहद अहम है, जानने की कोशिश करते हैं। 

इतिहास के पन्नों में भी खारकीव की खास जगह 
रूस यूक्रेन पर लगातार हमलावर है और पिछले सात दिनों से जंग जारी है। रूस यूक्रेन के खारकीव जैसे बड़े शहर को निशाना बना रहा है और यहां कई हमलों की खबर आ चुकी है। खारकीव में कई सरकारी भवनों को निशाना बनाया जा रहा है। खारकीव यूक्रेन का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। पहले स्थान पर यूक्रेन की राजधानी कीव है। इतिहास के पन्नों में भी खारकीव की खास जगह है। खारकीव इतना अहम है कि सोवियत संघ के वक्त यह पहली राजधानी थी, लेकिन बाद में कीव को राजधानी बना दिया गया। दूसरे विश्व युद्ध के दौरान भी इस शहर ने अहम भूमिका निभाई थी और यह सोवियत संघ और नाजी जर्मन सेना के बीच केंद्र बना था।  

यहां रूसी लोगों की काफी संख्या 
खारकीव में रूसी लोगों की काफी संख्या है और यह रूस की सीमा से ज्यादा दूर नहीं है। युद्ध से पहले माना जा रहा था रूस को खारकीव और इसके आस-पास के इलाकों पर कब्जा करने में ज्यादा मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ेगा, लेकिन हुआ इसके उलट। यूक्रेनी सेना रूसी सेना को जबरदस्त टक्कर दे रही है। खारकीव रूस की सीमा से सिर्फ 40 किलोमीटर दूर है और हमेशा संस्कृति, कला और संगीत के लिए मशहूर रहा है। कई मेडिकल कॉलेज होने के साथ ही यहां कई आईटी फर्म भी हैं। इसी वजह से यहां विदेशी लोगों की संख्या अच्छी खासी है। 

रूसी सेना ने खारकीव को इसलिए बनाया निशाना 
रूस की ओर से खारकीव को निशाने पर लेने की कई वजहें हैं। पहले रूस कीव को लक्ष्य बनाकर यूक्रेन में घुसा था, लेकिन करीब एक हफ्ते से चली आ रही लड़ाई में रूस को कोई खास सफलता नहीं मिली। रूस का मंसूबा है कि जल्द जल्द से उसकी सेना किसी एक बड़े शहर पर कब्जा कर यूक्रेन पर दबाब बना सके। रूसी सेना कीव में नाकाम रही तो अब खारकीव को निशाना बनाया जा रहा है। इसलिए अब रूसी सेना तेजी से खारकीव की ओर बढ़ रही है। उसने यहां मिसाइल हमले भी शुरू कर दिए हैं।

सोवियत सेनाओं ने खारकीव में कुचला था विद्रोह 
एक कारण ये भी है कि रूसी सेना को खारकीव को कब्जे में लेना आसान लग रहा है, क्योंकि यह पूर्वी यूक्रेन का हिस्सा है जहां बड़ी संख्या में रूस समर्थक लोग रहते हैं। ऐसे में रूसी सेना को यहां की जनता का भी साथ मिल सकता है। स्वतंत्र यूक्रेन के लिए होने वाले पहले विद्रोह को उस समय की सोवियत सेनाओं ने खारकीव में ही कुचला था। साल 1920 से 1934 तक यूक्रेनी सोवियत गणराज्य की राजधानी खारकीव रहा था, इसलिए रूस के लिए खारकीव का एक ऐतिहासिक महत्व भी है। 

विस्तार

रूस और यूक्रेन के बीच इन दिनों युद्ध का केंद्र खारकीव बना हुआ है। राजधानी कीव से ज्यादा हमले खारकीव पर हो रहे हैं। रूसी सेना की योजना इस पर जल्द से जल्द कब्जा करने की है। खारकीव में इस वक्त भयंकर जंग छिड़ी हुई है और यही वो जगह है जहां भारतीय छात्र की मौत हुई थी। भारत ने बुधवार को एडवायजरी जारी करते हुए कहा था कि भारतीय हर हाल में इस शहर को शाम 6 बजे तक ही छोड़ दें। आखिर क्यों रूसी सेना खारकीव पर जबरदस्त हमला बोल रही है? क्या है इसका ऐतिहासिक महत्व और क्यों ये शहर दोनों देशों के लिए बेहद अहम है, जानने की कोशिश करते हैं। 

इतिहास के पन्नों में भी खारकीव की खास जगह 

रूस यूक्रेन पर लगातार हमलावर है और पिछले सात दिनों से जंग जारी है। रूस यूक्रेन के खारकीव जैसे बड़े शहर को निशाना बना रहा है और यहां कई हमलों की खबर आ चुकी है। खारकीव में कई सरकारी भवनों को निशाना बनाया जा रहा है। खारकीव यूक्रेन का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। पहले स्थान पर यूक्रेन की राजधानी कीव है। इतिहास के पन्नों में भी खारकीव की खास जगह है। खारकीव इतना अहम है कि सोवियत संघ के वक्त यह पहली राजधानी थी, लेकिन बाद में कीव को राजधानी बना दिया गया। दूसरे विश्व युद्ध के दौरान भी इस शहर ने अहम भूमिका निभाई थी और यह सोवियत संघ और नाजी जर्मन सेना के बीच केंद्र बना था।  

यहां रूसी लोगों की काफी संख्या 

खारकीव में रूसी लोगों की काफी संख्या है और यह रूस की सीमा से ज्यादा दूर नहीं है। युद्ध से पहले माना जा रहा था रूस को खारकीव और इसके आस-पास के इलाकों पर कब्जा करने में ज्यादा मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ेगा, लेकिन हुआ इसके उलट। यूक्रेनी सेना रूसी सेना को जबरदस्त टक्कर दे रही है। खारकीव रूस की सीमा से सिर्फ 40 किलोमीटर दूर है और हमेशा संस्कृति, कला और संगीत के लिए मशहूर रहा है। कई मेडिकल कॉलेज होने के साथ ही यहां कई आईटी फर्म भी हैं। इसी वजह से यहां विदेशी लोगों की संख्या अच्छी खासी है। 

रूसी सेना ने खारकीव को इसलिए बनाया निशाना 

रूस की ओर से खारकीव को निशाने पर लेने की कई वजहें हैं। पहले रूस कीव को लक्ष्य बनाकर यूक्रेन में घुसा था, लेकिन करीब एक हफ्ते से चली आ रही लड़ाई में रूस को कोई खास सफलता नहीं मिली। रूस का मंसूबा है कि जल्द जल्द से उसकी सेना किसी एक बड़े शहर पर कब्जा कर यूक्रेन पर दबाब बना सके। रूसी सेना कीव में नाकाम रही तो अब खारकीव को निशाना बनाया जा रहा है। इसलिए अब रूसी सेना तेजी से खारकीव की ओर बढ़ रही है। उसने यहां मिसाइल हमले भी शुरू कर दिए हैं।

सोवियत सेनाओं ने खारकीव में कुचला था विद्रोह 

एक कारण ये भी है कि रूसी सेना को खारकीव को कब्जे में लेना आसान लग रहा है, क्योंकि यह पूर्वी यूक्रेन का हिस्सा है जहां बड़ी संख्या में रूस समर्थक लोग रहते हैं। ऐसे में रूसी सेना को यहां की जनता का भी साथ मिल सकता है। स्वतंत्र यूक्रेन के लिए होने वाले पहले विद्रोह को उस समय की सोवियत सेनाओं ने खारकीव में ही कुचला था। साल 1920 से 1934 तक यूक्रेनी सोवियत गणराज्य की राजधानी खारकीव रहा था, इसलिए रूस के लिए खारकीव का एक ऐतिहासिक महत्व भी है। 



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