कोलकाता समेत पश्चिम बंगाल के दक्षिणी जिलों में सोमवार को हल्की बारिश हुई और आसमान में बादल छाए रहे। मौसम विभाग ने कहा कि तूफान के 25 अक्टूबर की सुबह बांग्लादेश के तिनकोना द्वीप और सनद्वीप के बीच पहुंचने की उम्मीद है। सोमवार सुबह यह सागर द्वीप से लगभग 430 किलोमीटर दक्षिण में केंद्रित था।
CS SITRANG lay centered at 0830 of today near lat 18.3N, long 88.9E about 380 km south of Sagar Island. Likely to intensify further into a severe cyclonic storm and cross Bangladesh coast between Tinkona Island and Sandwip close to Barisal around 25th October early morning. pic.twitter.com/BH2lph2NNX
— India Meteorological Department (@Indiametdept) October 24, 2022
इस तूफान का सबसे ज्यादा प्रभाव भारत में पश्चिम बंगाल में देखने को मिल सकता है। मौसम विभाग के अनुसार, दक्षिणी 24 परगना, उत्तरी 24 परगना जिलों में चक्रवाती तूफान में तेज होने की संभावना है। यहां भारी से बहुत भारी बारिश और 90 से 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं आ सकती हैं। मंगलवार सुबह यह तूफान बांग्लादेश और उससे सटे पश्चिम बंगाल के तटों को पार कर सकता है। अंतरराष्ट्रीय सीमा के दोनों ओर सुंदरबन पर इसका सबसे अधिक प्रभाव पड़ने की संभावना है।
मौसम विभाग ने कहा है कि यह चक्रवाती तूफान एक गंभीर चक्रवाती तूफान में बदल सकता है। मछुआरों को समुद्र तटों पर ना जाने की सलाह दी गई है। 25 अक्टूबर तक के लिए मछुआरों को अलर्ट किया गया है। कहा गया है कि इस तूफान की वजह से सबसे ज्यादा नुकसान कच्चे घरों और झोंपड़ियों को हो सकता है। एडवाइजरी में कहा गया है कि तूफान की वजह से निचले इलाकों में जलभराव हो सकता है। सड़कों को मामूली नुकसान हो सकता है।
मौसम विभाग का अनुमान है कि तूफान सितरंग की वजह से पश्चिम बंगाल, ओडिशा और पूर्वोत्तर के राज्यों नुकसान देखने को मिल सकता है। फसलों पर भी इसका प्रभाव पड़ सकता है। पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन हो सकता है।
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