Yes Bank-DHFL Case: कपिल वाधवन ने नियमों का पालन किए बिना बांटे 400 करोड़, सीबीआई ने किया बड़ा खुलासा


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यस बैंक-डीएचएफएल केस में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने बड़ा खुलासा किया है। एजेंसी ने एक और चार्जशीट दाखिल कर दावा किया है कि दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) की मिलीभगत वाले 36,614 करोड़ रुपये में कर्ज देने में नियमों का पालन न करने के तरीके बताए हैं। सीबीआई के मुताबिक, डीएचएफएल के प्रमुख कपिल वाधवन ने धोखाधड़ी मामले में सह-आरोपी संजय छाबड़िया की कंपनियों बिना नियमों का पालन किए 400 करोड़ रुपये का लोन मुहैया कराया। 

गौरतलब है कि यह यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर और डीएचएफएल के प्रमोटर्स कपिल और धीरज वाधवान के खिलाफ सीबीआई की तीसरी चार्जशीट है। इस सप्लीमेंट्री चार्जशीट में छाबड़िया को सह-आरोपी बनाया गया है। स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने इसी हफ्ते की शुरुआत में इस चार्जशीट का संज्ञान लिया था। इसमें यस बैंक में रहते हुए राणा कपूर की तरफ से मंजूर किए गए कर्जों और उनके सह-आरोपियों की कंपनियों तक पहुंचने की जानकारी दी गई है। 

बताया गया है कि जनवरी और मई 2018 के बीच 316 करोड़ और 100 करोड़ रुपये के कर्ज रेडियस एस्टेट एंड डेवलपर्स और रेडियस एस्टेट प्रोजेक्ट्स को दिए गए। यह दोनों ही कंपनियां छाबड़िया की थी। इन कर्जों को कपिल वाधवन की तरफ से मंजूरी दी गई थी।

सीबीआई का कहना है कि वाधवन इन कर्जों की मंजूरी ईमेल के जरिए ही दे देते थे। न ही इसके लिए अप्रेजल और न ही कर्ज प्रक्रिया के नोट्स देखे जाते थे। चार्जशीट में कहा गया है कि कपिल और धीरज वाधवन ने राणा कपूर और संजय राजकुमार छाबड़िया के साथ मिलकर यस बैंक और डीएचएफएल को चूना लगाने की साजिश रची। 

विस्तार

यस बैंक-डीएचएफएल केस में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने बड़ा खुलासा किया है। एजेंसी ने एक और चार्जशीट दाखिल कर दावा किया है कि दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) की मिलीभगत वाले 36,614 करोड़ रुपये में कर्ज देने में नियमों का पालन न करने के तरीके बताए हैं। सीबीआई के मुताबिक, डीएचएफएल के प्रमुख कपिल वाधवन ने धोखाधड़ी मामले में सह-आरोपी संजय छाबड़िया की कंपनियों बिना नियमों का पालन किए 400 करोड़ रुपये का लोन मुहैया कराया। 

गौरतलब है कि यह यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर और डीएचएफएल के प्रमोटर्स कपिल और धीरज वाधवान के खिलाफ सीबीआई की तीसरी चार्जशीट है। इस सप्लीमेंट्री चार्जशीट में छाबड़िया को सह-आरोपी बनाया गया है। स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने इसी हफ्ते की शुरुआत में इस चार्जशीट का संज्ञान लिया था। इसमें यस बैंक में रहते हुए राणा कपूर की तरफ से मंजूर किए गए कर्जों और उनके सह-आरोपियों की कंपनियों तक पहुंचने की जानकारी दी गई है। 

बताया गया है कि जनवरी और मई 2018 के बीच 316 करोड़ और 100 करोड़ रुपये के कर्ज रेडियस एस्टेट एंड डेवलपर्स और रेडियस एस्टेट प्रोजेक्ट्स को दिए गए। यह दोनों ही कंपनियां छाबड़िया की थी। इन कर्जों को कपिल वाधवन की तरफ से मंजूरी दी गई थी।

सीबीआई का कहना है कि वाधवन इन कर्जों की मंजूरी ईमेल के जरिए ही दे देते थे। न ही इसके लिए अप्रेजल और न ही कर्ज प्रक्रिया के नोट्स देखे जाते थे। चार्जशीट में कहा गया है कि कपिल और धीरज वाधवन ने राणा कपूर और संजय राजकुमार छाबड़िया के साथ मिलकर यस बैंक और डीएचएफएल को चूना लगाने की साजिश रची। 



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