योगी सरकार 2.0: महिलाओं को सशक्त बनाने की तैयारी, जल्द होगी विद्युत सखियों की भर्ती


ममता त्रिपाठी

योगी सरकार की मिशन शक्ति योजना के तीन चरणों के नतीजे काफी शानदार रहे थे और इसका सीधा असर 2022 के विधानसभा चुनावों में वोटिंग पैटर्न पर पड़ा था, जहां महिलाओं ने लंबी लंबी कतारों में लगकर योगी आदित्यनाथ के सुशासन को वोट दिया था. मिशन शक्ति के बेहतरीन नतीजे देखने के बाद योगी आदित्यनाथ अपने दूसरे कार्यकाल के सौ दिन पूरे होने पर इसके चौथे चरण की शुरुआत करने जा रहे हैं. पिछले तीन चरणों में अपराध की घटना को रिपोर्ट करने पर सरकार का पूरा जोर था मगर चौथे चरण में दोषियों को सजा दिलाने पर सरकार का सारा फोकस है.

इसके साथ ही अपने दूसरे कार्यकाल में योगी सरकार महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने पर भी काफी जोर दे रही है. महिलाओं को सशक्त बनाने में जुटी योगी सरकार जल्द ही प्रदेश में विद्युत सखियों की भर्ती करने जा रही है. अगले तीन महीने के भीतर 6521 विद्युत सखियों की भर्ती की जाएगी. प्रदेश के गांव के इलाकों में ये सखियां बिजली बिल कलेक्शन का काम करेंगी जिसके बदले हर माह इन्हें 8-10 रुपये तक का मानदेय मिलेगा.

100 दिन की तैयारियों में जुटा है सरकारी अमला
बहुत से स्वयं सहायता समूहों के जरिए सरकार महिलाओं को जागरूक करने के साथ साथ आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी काम कर रही है.100 दिन में इन समूहों को 400 करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं.

योगी 2.0 सरकार के 100 दिन आगामी 5 जुलाई को पूरे हो रहे हैं. सभी विभागों के मंत्रियों और अधिकारियों की दिल की धड़कनें बढ़ी हुई हैं कि मुख्यमंत्री के कोप का भाजन किसको बनना पड़ेगा और कौन शाबाशी का हक़दार होगा. सारा सरकारी अमला 100 दिन की तैयारियों में जुटा हुआ है.

शपथ लेते ही सबको मिला था टारगेट
योगी आदित्यनाथ ने दोबारा मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही सभी विभागों की मीटिंग करके उनको 100 दिन, 6 महीने और एक साल के काम का एजेंडा दे दिया था. साथ ही टारगेट तय करके काम करने का निर्देश भी जारी किया था. सभी विभाग अपने रिपोर्ट कार्ड तैयार कर रहे हैं जिसमें से टॉप पर है प्रदेश की कानून व्यवस्था. मुख्यमंत्री अपनी समीक्षा बैठक में हर बार अपने अफसरों को ताकीद करते हैं कि बेहतर कानून व्यवस्था से ही जनता का विश्वास जीता जा सकता है.

आपको बता दें कि प्रदेश में गृह मंत्रालय योगी आदित्यनाथ के पास ही है. अपने पहले कार्यकाल में ही योगी आदित्यनाथ ने अपनी छवि एक कुशल और सख्त प्रशासक की बनाई थी जिसे उन्होंने दूसरे कार्यकाल तक बरकरार रखा. योगी का बुलडोजर अन्य राज्यों में भी काफी हिट हुआ है. हालांकि वहां वो कितना सियासी फायदा दिला पाएगा ये कहना मुश्किल है.

कानून व्यवस्था की हर हफ्ते समीक्षा करते हैं सीएम
अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी कहते हैं कि मुख्यमंत्री खुद हर हफ्ते समीक्षा करते हैं. छोटी से छोटी घटना का खुद संज्ञान लेते हैं. साथ ही फील्ड के अफसरों से भी बात करके जमीनी हकीकत पता करते हैं. उत्तर प्रदेश सबसे ज्यादा आबादी वाला और सबसे बड़ा राज्य है. मगर लाउडस्पीकर का मामला हो, नूपुर शर्मा विवाद का मामला रहा हो मुख्यमंत्री जी खुद वॉररूम में बैठकर हालात पर नजर रखते हैं. महिला अपराध को लेकर वो हमेशा ही संवेदनशीलता बरतने की बात करते हैं.

ई-प्रासिक्यूशन की वजह से पैरवी में आई है काफी तेजी
एडीजी अभियोजन आशुतोष पांडे का कहना है कि किसी भी आपराधिक घटना के बाद रिपोर्ट तो दर्ज हो जाती थी मगर कानूनी दांव-पेच और लेट लतीफी की वजह से दोषियों को सज़ा मिलने में काफी देर होती थी. मगर अब ई-प्रासिक्यूशन की वजह से पैरवी में काफी तेजी आई है. इंटर ऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम (आईसीजेएस) के चलते कोर्ट, पुलिस और जेल अथारिटी के बीच किसी भी सूचना का आदान प्रदान काफी आसान हो गया है जिससे केस की पैरवी और सजा दोनों ही काफी तेज हो रहे हैं. महिला अपराध के मामले में 36 अपराधियों को डेढ़ साल की भीतर ही फांसी की सजा मिली है जो अपने आप में बड़ी उपलब्धि है. दोषियों को सजा दिलाने के लिए ई-अभियोजन पोर्टल की शुरुआत की गई है.

महिला अपराध से जुड़े मामलों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं
नोएडा में तैनात एडीसीपी महिला सुरक्षा अंकिता शर्मा कहती हैं कि हम लोगों को खास निर्देश हैं कि पाक्सो और महिला अपराध से जुड़े किसी भी मामले में कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. कोई भी हो उसके विरूद्ध तुरंत कार्रवाई करनी है. पाक्सो या रेप का कोई भी केस आता है तो हम लोग तुरंत उसमें कार्रवाई करते हैं.

Tags: BJP UP, CM Yogi Aditya Nath



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