म्यूचुअल फंड में निवेश स्विच करने पर कर सकते हैं टैक्स छूट का दावा? जानें क्या है नियम


Tax on Mutual Fund Investment: ऐसा अक्सर होता है कि कुछ निवेशक म्यूचुअल फंड (Mutual Funds) की एक स्कीम से कुछ या पूरी रकम दूसरी स्कीम में शिफ्ट करते हैं. या फिर एक ही प्लान के दूसरे विकल्प में स्विच करते हैं. इस काम को ऑनलाइन या ऑफलाइन, दोनों तरीकों से किया जा सकता है.

अक्सर सवाल उठता है कि निवेश की इस शिफ्टिंग पर इनकम टैक्स किस नजरिये से देखता है. यानी इस तरह की स्विचिंग से होने वाले फायदे पर टैक्स लगता है या फिर नए फंड में स्विच (mutual fund switch rules) करने पर टैक्स लाभ का दावा किया जा सकता है.

अगर कोई निवेशक अपनी मौजूदा टैक्स सेविंग स्कीम से उसी फंड हाउस की किसी और डिविडेंड पेआउट से ग्रोथ ऑप्शन वाली टैक्स सेविंग स्कीम में कुछ राशि स्विच करता है तो क्या शिफ्ट की गई राशि के संबंध में टैक्स बेनिफिट (mutual fund tax rule) का दावा कर सकता है.

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Mutual Fund Switch Rules

टैक्स और इन्वेस्टमेंट एक्सपर्ट के मुताबिक, जब कोई निवेशक म्यूचुअल फंड की एक स्कीम से कुछ या पूरी रकम दूसरी स्कीम में शिफ्ट करता है तो उसे स्विच का अनुरोध करना पड़ता है. इसके लिए ट्रांजेक्शन फॉर्म भरना होता है. निवेशकों को स्कीम का नाम, प्लान और ऑप्शन बताना होता है जिसमें यूनिटों को स्विच करना है. इस तरह के ट्रांजेक्शन पर एक्जिट लोड और कैपिटल गेंस टैक्स लगता है.

डिविडेंड से ग्रोथ ऑप्शन के लिए एक स्कीम से पैसे निकालकर दूसरी स्कीम में लगाना होगा. स्कीम का पोर्टफोलियो तो एक होता है, लेकिन डिविडेंड और ग्रोथ ऑप्शन के एनएवी अलग-अलग होते हैं. यह ट्रांजेक्शन एक्जिट लोड के तहत आता है, इसलिए इसमें कैपिटल गेंस टैक्स लगता है. रेगुलर से डायरेक्ट प्लान में स्विच करने पर भी कैपिटल गेंस टैक्स लगता है.

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ईएलएसएस निवेश (Equity Linked Saving Schemes)

इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS) में निवेश एचयूएफ धारा 80 सी के तहत टैक्स कटौती का दावा कर सकते हैं. ईएलएसएस में तीन साल की लॉक-इन अवधि होती है, इसलिए आपको तीन साल के बाद ही टैक्स सेविंग्स स्कीम से स्विच करने की अनुमति होगी. यहां मूल निवेश पर उठाए गए लाभ को दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ माना जाएगा. स्विच किए गए ईएलएसएस पर इस तरह के दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर शुरुआती एक लाख के बाद 10 फीसदी की रियायती दर पर कर लगेगा.

पुराने ईएलएसएस को नई ईएलएसएस योजना में बदलकर उसी योजना के अन्य विकल्प में किया गया निवेश धारा 80 सी के तहत टैक्स लाभ का पात्र होगा क्योंकि, इसे ताजा निवेश माना जाता है.

अगर निवेशक की कुल इनकम 5 लाख रुपये से ज्यादा नहीं है तो ईएलएसएस पर लॉन्गटर्म कैपिटल गेन सहित इनकम टैक्स की धारा 87-ए के तहत टैक्स छूट का दावा किया जा सकता है.

Tags: Income tax, Income tax exemption, Investment tips, Mutual funds

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