14YrsOfBhootNath: जब बिग बी बने डायरेक्टर, माइक पर गूंजा, साउंड, कैमरा, एक्शन और कुछ ऐसा रहा शाहरुख का रिएक्शन


9 मई 2008 में रिलीज हुई अमिताभ बच्चन की फिल्म ‘भूतनाथ’ की लोकप्रियता में अभी तक कोई कमी नहीं आई है आज भी यह फिल्म हर हफ्ते किसी न किसी चैनल पर दिखाई दे ही जाती है। यह पहली ऐसी फिल्म थी जिसे देखने के बाद लोगों की भूत प्रेत के प्रति धारणा बदली। इस फिल्म की शूटिंग के दौरान के कई दिलचस्प किस्से हैं। इनमें से कुछ फिल्म के निर्देशक विवेक शर्मा खास ‘अमर उजाला’ के पाठकों के साथ फिल्म के 14 बरस पूरे होने के मौके पर साझा कर रहे हैं। ‘भूतनाथ’ का किरदार कैसे पहले पंकज कपूर निभाने वाले थे और कैसे अमिताभ बच्चन फिल्म में भूतनाथ बने इसका खुलासा ‘अमर उजाला’ पिछले महीने ही अपने पाठकों के साथ कर चुका है। आइये जानते हैं इस फिल्म से जुड़े कुछ और दिलचस्प किस्से…

बिग बी कैसे बने फिल्म डायरेक्टर  

इस बात की जानकारी तो सभी को है कि अमिताभ बच्चन ने कभी कोई फिल्म निर्देशित नहीं की। प्रकाश मेहरा ने जरूर एक बार उन्हें फिल्म निर्देशक के तौर पर लॉन्च करने की योजना बनाई थी लेकिन ये योजना सफल न हो सकी। बतौर फिल्म निर्देशक आज तक किसी फिल्म के सेट पर अगर अमिताभ बच्चन की आवाज में ‘एक्शन’ सुनाई दिया है तो वह है फिल्म ‘भूतनाथ’। इसके निर्देशक विवेक शर्मा बताते हैं, ‘जब मैंने  अमिताभ बच्चन से पूछा, दादा सभी हीरो का मन होता है कि वह निर्देशक बनें तो आपने कभी नहीं सोचा? इस पर अमिताभ बच्चन हंसकर बोले, नहीं विवेक बाबू ये हमसे कभी नहीं हो पाएगा। हम एक्टिंग कर लें, वही हमारे लिए बहुत है।’

विवेक शर्मा ने किया इसरार

निर्देशक विवेक शर्मा बताते हैं, ‘यह बात मेरे मन में अटकी हुई थी। जब हम लोग ‘समय का पहिया चलता है’ गाने की शूटिंग शूट कर रहे थे। तो बच्चन साहब के शॉट जल्दी हो गए और वह अपनी मेकअप वैन की तरफ जाने लगे। ना जाने क्या सोचकर मैंने उन्हें रोक लिया। वह अचकचाकर बोले, क्यों क्या हुआ? मैंने कहा, आज शाहरुख का शॉट आप लेंगे। आज आप करेंगे शाहरुख  खान को डायरेक्ट। वह थोड़ी देर तक मेरी तरफ देखते और फिर मॉनिटर पर आकर बैठ गए। 

शाहरुख को लगा कि ये क्या हुआ!

‘अब बच्चन साहब मॉनिटर के पास बैठ गए तो उनको माइक दिया गया। अमिताभ की साउंड, कैमरा, एक्शन की आवाज सुनकर शाहरुख खान भौचक्के रह गए। शाहरुख खान  को लगा कि विवेक की आवाज चेंज होकर अमित जी की कैसे हो गई? इस तरह से ‘समय का पहिया चलता है’ के ये शॉट्स बच्चन साहब ने निर्देशित किए। जैसे ही शॉट्स खत्म हुए, बच्चन साहब बच्चों की तरह उत्साहित हो गए और उसी रौ में पैकअप भी बोल दिए। तो मैंने कहा, अभी पैकअप नहीं हुआ है अभी शॉट खत्म हुआ है। अभी तो हमारा और भी शूट बाकी है।’

सात रविवार को की शूटिंग

‘अमिताभ बच्चन के सेक्रेटरी शीतल जैन ने मुझे बताया था कि बच्चन साहब रविवार के दिन शूटिंग नहीं करते। लेकिन मेरे लिए उन्होंने सात रविवार शूटिंग की क्योंकि हमारी फिल्म की कुछ लोकेशन थी जो रविवार के ही दिन मिलती थी। एक बार बंकू को बुखार हो गया फिल्म का एक महत्वपूर्ण भाग शूट करना था। तो बच्चन साहब ने कहा आज बच्चे को बुखार है तो शूटिंग कल करेंगे। इस तरह से उन्होंने बच्चों के लिए भी कई बार अपना डेट एडजस्ट की।’  



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