Ranji Trophy: मुंबई का 42वीं बार रणजी ट्रॉफी जीत का सपना चकनाचूर, पृथ्वी शॉ की टीम के हारने की 5 वजह


नई दिल्ली. मुंबई का 42वीं बार रणजी ट्रॉफी जीतने का सपना टूट गया. बेंगलुरु में खेले गए फाइनल मुकाबले में मध्य प्रदेश ने उसे 6 विकेट से हराया. मुंबई ने एमपी को फाइनल जीतने के लिए 108 रन का टारगेट दिया जो उसने 4 विकेट के नुकसान पर पूरा कर लिया. मध्य प्रदेश को खिताब जिताने में यश दुबे, रजत पाटीदार और शुभम शर्मा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इन सभी खिलाड़ियों ने पहली पारी में शतक लगाए थे. मध्य प्रदेश की टीम ने 88 साल बाद खिताब जीता है. वहीं मुंबई की टीम 2015-16 के बाद से रणजी ट्रॉफी फाइनल जीतने में नाकाम रही है. आइए हम आपको बताते हैं कि वे कौन से 5 कारण रहे जिसके चलते मुंबई की टीम फाइनल हार गई.

बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेले गए फाइनल मैच में मध्य प्रदेश के आगे मुंबई की एक न चली. एमपी ने शानदार प्रदर्शन के दम पर विपक्षी टीम को खेल के हर विभाग में पीछे छोड़ दिया. इससे पहले मुंबई ने बेहतरीन प्रदर्शंन करते हुए फाइनल में जगह बनाई थी. पृथ्वी शॉ की अगुवाई वाली टीम ग्रुप डी में टॉप पर रही. मुंबई ने गोवा और ओडिशा को हराकर क्वार्टर फाइनल में एंट्री की. वहीं सौराष्ट्र के खिलाफ मैच ड्रॉ रहा था. इसके बाद मुबंई ने क्वार्टर फाइनल में उत्तराखंड और सेमीफाइनल में उत्तर प्रदेश को हराकर फाइनल में दस्तक दी.

पृथ्वी शॉ: रणजी ट्रॉफी फाइनल में मुंबई के कप्तान पृथ्वी शॉ से काफी उम्मीद थी. लेकिन उन्होंने खिताबी मुकाबले में अपने प्रदर्शन से निराश किया. फाइनल मैच में वह बड़ी पारी खेलने में नाकाम रहे. पृथ्वी ने पहली पारी में 47 और दूसरी पारी में 44 रन बनाए. पूरे टूर्नामेंट में अगर देखा जाए तो पृथ्वी शॉ ज्यादा सफल नहीं हुए. वह 6 मैचों की 10 पारियों में सिर्फ 355 रन बना पाए. इस दौरान वह शतक लगाने में नाकाम रहे.

अरमान जाफर: मुंबई के मध्यक्रम के बल्लेबाज अरमान जाफर ने भी अपनी बैटिंग से निराश किया. फाइनल मुकाबले में उनसे बहुत उम्मीदें थीं. लेकिन वह बड़ी पारी नहीं खेल पाए . अरमान ने पहली पारी में 26 और दूसरी पारी में 37 रन बनाए. इससे पहले अरमान इस सीजन में मुंबई के लिए 2 शतक और 1 अर्धशतक लगा चुके थे. लेकिन फाइनल में वह फ्लॉप रहे. उन्होंने इस सीजन में मुंबई के लिए 402 रन बनाए.

सुवेद पारकर: सुवेद पारकर ने फाइनल से पहले मुंबई के लिए अच्छा प्रदर्शन किया था. उन्होंने इस सीजन में एक शतकीय पारी भी खेली थी. लेकिन फाइनल में सुवेद बड़ी पारी नहीं खेल पाए. पहली पारी में वह 18 रन बनाकर आउट हुए. जबकि दूसरी पारी में अच्छी शुरुआत करने के बाद बड़ा स्कोर नहीं कर पाए. दूसरी पारी में सुवेद 51 रन बनाकर आउट हुए.

धवल कुलकर्णी: मुंबई को फाइनल मुकाबले में पेसर धवल कुलकर्ई से भी उम्मीद थी. लेकिन खिताबी मुकाबले में वह गेंदबाजी में बेरंग दिखे. धवल मध्य प्रदेश की पहली पारी में विकेट नहीं ले पाए. जबकि दूसरी पारी में वह सिर्फ 1 विकेट ले पाए. वैसे इस सत्र में उन्होंने मुंबई के लिए 13 विकेट लिए.

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मोहित अवस्थी: मुंबई के तेज गेंदबाज मोहित अवस्थी भी फाइनल में कारगर साबित नहीं हुए. पहली पारी में 2 विकेट लेने वाले मोहित दूसरी पारी में विकेट नहीं ले पाए. मोहित का फाइनल में ज्यादा विकेट ना ले पाना भी मुंबई की हार के सबसे बड़े कारणों में से एक है. इस सीजन में उन्होंने ओवरऑल मुंबई के लिए 16 विकेट लिए.

Tags: Hindi Cricket News, Mumbai, Prithvi Shaw, Ranji Trophy

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