हाइलाइट्स
साल 2020 में कंपनी ने 33.3 लाख रुपये मूल्य के 3,000 नकली प्रोडक्ट जब्त किए थे.
नकली ईयरफोन, चार्जर, एडप्टर और यूएसबी केबल ज्यादा बेची जा रही हैं.
नकली सामान धड़ल्ले से ऑनलाइन और ऑफलाइन बेचा जा रहा है.
नई दिल्ली. भारत में पोर्टेबल इलेक्ट्रोनिक्स और एक्सेसरीज (Accessories) की जबरदस्त मांग है. इस मांग के साथ ही बाजार में नकली उत्पादों की संख्या भी बढ़ती जा रही है. भारत में ऑनलाइन और ऑफलाइन धड़ल्ले से मशहूर ब्रांडों का नकली और गैर कानूनी तरीके से आयात किया गया सामान बिक रहा है. नकली सामान से न केवल कंपनियों को बड़ा नुकसान हो रहा है, बल्कि ग्राहकों को भी चपत लग रही है.
भारत में कितना नकली सामान बिक रहा है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कंज्यूमर इलेक्ट्रोनिक फर्म Xiaomi ने इस साल के पहले 6 महीनों में ही उसके नाम से बेचे जा रहे 9000 नकली प्रोडक्ट जब्त किए हैं. इनकी कीमत 73.8 लाख रुपये है. साल 2020 में कंपनी ने उसके ब्रांड नाम से बेचे जा रहे 33.3 लाख रुपये मूल्य के 3,000 प्रोडक्ट पुलिस की मदद से जब्त किए थे. पायरेटेड उत्पाद अब न केवल देश के बाजारों में आसानी से उपलब्ध है, बल्कि कोविड-19 के बाद तो इन्हें ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर भी धड़ल्ले से बेचा जा रहा है.
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इनमें ज्यादा धोखाधड़ी
लाइव मिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार, Xiaomi India के प्रेसीडेंट मुरलीकृष्णनन बी का कहना है कि कंपनी के पोर्टफोलियो में शामिल बहुत से उत्पादों की पायरेसी हो रही है. नकली ईयरफोन, चार्जर, एडप्टर और यूएसबी केबल ज्यादा बेची जा रही हैं. मुरलीकृष्णनन का कहना है कि देश के प्रमुख शहरों में ऐसे बाजार हैं जहां से नकली उत्पाद पूरे देश में भेजे जा रहे हैं. जेबीएल, एकेजी, हरमन कार्डोन और इनफिनिटी नाम से स्पीकर और बुफर्स बनाने वाली सैमसंग की इकाई हरमन ने भी इस महीने की शुरुआत में दिल्ली की कई दुकानों और मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट्स से जेबीएल और इनफिनिटी के नकली स्पीकर्स और बुफर्स पुलिस की सहायता से बरामद किए थे.
टेकआर्क के रिसर्चर फैसल कावुसा का कहना है कि वीयरेबल्स और हियरेबल्स प्रोडक्ट की नकल करना बहुत आसान है. यही नहीं, इन्हें आसानी से चीन से मंगवाया जा सकता है. नकली सामानों की बिक्री इसलिए भी बढ़ रही है, क्योंकि ऑनलाइन मार्केटप्लेसज पर चेकिंग की कोई व्यवस्था ही नहीं है. कोई भी नकली प्रोडक्ट लिस्ट करके बेच सकता है.
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अर्थव्यवस्था को नुकसान
फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) की सितंबर 2019 में आई एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय अर्थव्यवस्था को हर साल 1.17 ट्रिलियन रुपयों का नुकसान केवल 5 सेक्टर्स के नकली और तस्करी कर लाए गए सामान की बिक्री से हो रहा है. इन 5 सेक्टरों में कंज्यूमर इलेक्ट्रोनिक्स भी शामिल है.
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FIRST PUBLISHED : September 22, 2022, 08:20 IST