खेलो इंडिया मास्टर गेम्स: छा गए बहादुरगढ़ के 95 वर्षीय साहब सिंह, 100 मीटर स्पर्धा में अकेले दौड़े, जीता स्वर्ण पदक


सार

पूरे देश से इस आयु की दौड़ स्पर्धा में कोई भाग लेने नहीं पहुंचा। केंद्रीय खेल मंत्री ने मेडल देकर साहब सिंह को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने हौसले को सलाम किया।

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हरियाणा के बहादुरगढ़ क्षेत्र के गांव छारा निवासी मास्टर साहब सिंह ने दिल्ली में एक मई को हुए खेलो इंडिया मास्टर गेम्स में 95 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों की 100 मीटर दौड़ स्पर्धा में अकेले ही भाग लिया। पूरे देश से इस आयु की दौड़ स्पर्धा में कोई भाग लेने नहीं पहुंचा। केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने उन्हें स्वर्ण पदक दिया। मुख्यमंत्री ने भी  फेस बुक पर संदेश देकर उन्हें बधाई दी है।

केवल 32 सेंकड लगाए
बुजुर्ग खिलाड़ियों के खेलो इंडिया मास्टर गेम दिल्ली के त्याग राज स्टेडियम में 30 अप्रैल से 2 मई तक आयोजित किए गए। देशभर से मास्टर एथलीट्स ने इसमें भाग लिया। छारा निवासी 95 साल के मास्टर साहब सिंह 100 मीटर दौड़ स्पर्धा में भाग लिया और उम्र को दरकिनार करके केवल 32 मिनट में ये दौड़ पूरी कर हर किसी को हैरान कर दिया। हालांकि किसी ओर से इसमें भाग नहीं लिया।

धोती कुर्ता और पगड़ी है परपंरागत पोशाक
साहब सिंह हमेशा अपनी परंपरागत पोशाक धोती कुर्ती पहनते हैं। सिर पर पगड़ी होती है। दौड़ के लिए भी वे यही पहनकर पहुंचे लेकिन दौड़ के वक्त ट्रेक सूट पहना लेकिन दौड़ के बाद फिर से अपना धोती कुर्ता पहन लिया। उनका हौसला देख वहां आए दर्शक भी उत्साहित थे कई लोगों ने उनके साथ सेल्फी भी ली। मास्टर साहब सिंह राजकीय विद्यालय छारा में अध्यापक थे। वह इलाके के 14 गावों की सामाजिक पंचायत छारा चोदह को प्रधान भी हैं। समाज सेवा में हमेशा सक्रिय रहते हैं।


सीएम ने कहा हौसले की साक्षात मिसाल
राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भी गोल्ड मेडल लाने के लिए मास्टर साहब सिंह को फेसबुक के जरिए बधाई दी। बुजुर्ग खिलाड़ी का फोटो लगा कर मुख्यमंत्री की ओर से लिखा गया है… जुनून और हौसले की साक्षात मिसाल म्हारे हरियाणे के 95 वर्षीय मास्टर साहब सिंह जी के जज्बे को सलाम।


त्यागराज स्टेडियम में 95 वषीय ठेठ हरियाणवी धावक के साथ सेल्फी लेते खेल प्रेमी। मास्टर साहब सिंह से बातचीत करते केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर। संवाद

गांव लौटने पर किया स्वागत 
मास्टर साहब सिंह का जन्म वर्ष 1927 में हुआ था। अपने गांव छारा लौटने पर गांव वासियों ने उनका स्वागत किया। पूरे इलाके की तरफ से उनको सम्मानित करने का प्रस्ताव भी रखा गया। आर्य समाज छारा के प्रधान आर्य प्रमोद ने मास्टर साहब सिंह को गोल्ड मेडल जीतने की बधाई दी और युवाओं को उनसे सीख लेने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि आज का नौजवान गलत रास्ते पर भटक जाता है, लक्ष्य और इरादा मजबूत हो तो मास्टर साहब सिंह की तरह 95 वर्ष की आयु में भी गोल्ड मेडल जीत सकता है। 

सुबह शाम सैर, सादा भोजन करते हैं
मास्टर साहब सिंह ने बताया कि वे हर रोज पवित्र, पौष्टिक व सादा भोजन करता हूं। सुबह शाम नित्य सैर करता हूं और थोड़ी सी दौड़ लगाता हूं। मैं बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए यह सब कर रहा हूं। बच्चे मुझे देखकर मेडल लाने का लक्ष्य बनाएं। बच्चों को मेरी नकल करके आगे बढने की प्रेरणा लेनी चाहिए।

विस्तार

हरियाणा के बहादुरगढ़ क्षेत्र के गांव छारा निवासी मास्टर साहब सिंह ने दिल्ली में एक मई को हुए खेलो इंडिया मास्टर गेम्स में 95 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों की 100 मीटर दौड़ स्पर्धा में अकेले ही भाग लिया। पूरे देश से इस आयु की दौड़ स्पर्धा में कोई भाग लेने नहीं पहुंचा। केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने उन्हें स्वर्ण पदक दिया। मुख्यमंत्री ने भी  फेस बुक पर संदेश देकर उन्हें बधाई दी है।

केवल 32 सेंकड लगाए

बुजुर्ग खिलाड़ियों के खेलो इंडिया मास्टर गेम दिल्ली के त्याग राज स्टेडियम में 30 अप्रैल से 2 मई तक आयोजित किए गए। देशभर से मास्टर एथलीट्स ने इसमें भाग लिया। छारा निवासी 95 साल के मास्टर साहब सिंह 100 मीटर दौड़ स्पर्धा में भाग लिया और उम्र को दरकिनार करके केवल 32 मिनट में ये दौड़ पूरी कर हर किसी को हैरान कर दिया। हालांकि किसी ओर से इसमें भाग नहीं लिया।

धोती कुर्ता और पगड़ी है परपंरागत पोशाक

साहब सिंह हमेशा अपनी परंपरागत पोशाक धोती कुर्ती पहनते हैं। सिर पर पगड़ी होती है। दौड़ के लिए भी वे यही पहनकर पहुंचे लेकिन दौड़ के वक्त ट्रेक सूट पहना लेकिन दौड़ के बाद फिर से अपना धोती कुर्ता पहन लिया। उनका हौसला देख वहां आए दर्शक भी उत्साहित थे कई लोगों ने उनके साथ सेल्फी भी ली। मास्टर साहब सिंह राजकीय विद्यालय छारा में अध्यापक थे। वह इलाके के 14 गावों की सामाजिक पंचायत छारा चोदह को प्रधान भी हैं। समाज सेवा में हमेशा सक्रिय रहते हैं।



सीएम ने कहा हौसले की साक्षात मिसाल

राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भी गोल्ड मेडल लाने के लिए मास्टर साहब सिंह को फेसबुक के जरिए बधाई दी। बुजुर्ग खिलाड़ी का फोटो लगा कर मुख्यमंत्री की ओर से लिखा गया है… जुनून और हौसले की साक्षात मिसाल म्हारे हरियाणे के 95 वर्षीय मास्टर साहब सिंह जी के जज्बे को सलाम।



त्यागराज स्टेडियम में 95 वषीय ठेठ हरियाणवी धावक के साथ सेल्फी लेते खेल प्रेमी। मास्टर साहब सिंह से बातचीत करते केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर। संवाद

गांव लौटने पर किया स्वागत 

मास्टर साहब सिंह का जन्म वर्ष 1927 में हुआ था। अपने गांव छारा लौटने पर गांव वासियों ने उनका स्वागत किया। पूरे इलाके की तरफ से उनको सम्मानित करने का प्रस्ताव भी रखा गया। आर्य समाज छारा के प्रधान आर्य प्रमोद ने मास्टर साहब सिंह को गोल्ड मेडल जीतने की बधाई दी और युवाओं को उनसे सीख लेने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि आज का नौजवान गलत रास्ते पर भटक जाता है, लक्ष्य और इरादा मजबूत हो तो मास्टर साहब सिंह की तरह 95 वर्ष की आयु में भी गोल्ड मेडल जीत सकता है। 

सुबह शाम सैर, सादा भोजन करते हैं

मास्टर साहब सिंह ने बताया कि वे हर रोज पवित्र, पौष्टिक व सादा भोजन करता हूं। सुबह शाम नित्य सैर करता हूं और थोड़ी सी दौड़ लगाता हूं। मैं बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए यह सब कर रहा हूं। बच्चे मुझे देखकर मेडल लाने का लक्ष्य बनाएं। बच्चों को मेरी नकल करके आगे बढने की प्रेरणा लेनी चाहिए।



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