हाइलाइट्स
आने वाले वर्षों में कॉमर्शियल रियल एस्टेट बाजार 16% बढ़ने का अनुमान है.
फ्रैक्शनल ऑनरशिप व्यक्ति को बहुत कम राशि के साथ निवेश करने में मदद करता है.
फ्रैक्शनल ऑनरशिप आम तौर पर 5 से 10 साल के लिए निवेश कराता है.
नई दिल्ली. जमीन और प्रॉपर्टी की बढ़ती कीमतों को देखते हुए इसमें निवेश करना हमेशा फायदेमंद माना जाता है. लेकिन, इसके लिए ज्यादा पूंजी की जरूरत होने पर अधिकतर लोग पीछे हट जाते हैं. इस समस्या का समाधान है फ्रैक्शनल ऑनरशिप, जो आजकल देश में तेजी से बढ़ रही है.
एक अनुमान के मुताबिक, आने वाले वर्षों में कॉमर्शियल रियल एस्टेट बाजार 16% बढ़ने का अनुमान है. ऐसे में फ्रैक्शनल ऑनरशिप में भी तेजी से वृद्धि होगी, क्योंकि यह सिंगल इन्वेस्टर या प्रॉपर्टी ओनर पर वित्तीय भार कम करता है. यह न केवल निवेशकों के लिए नए रास्ते खोलता है, बल्कि यह लागत को भी कम करता है. इस नई विधा के जरिये आप महंगी से महंगी प्रॉपर्टी के मालिक बन सकते हैं.
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फ्रैक्शनल ऑनरशिप का महत्व
बड़े निवेश को देखते हुए हर किसी के लिए संपत्ति खरीदना संभव नहीं है. फ्रैक्शनल ऑनरशिप व्यक्ति को बहुत कम राशि के साथ निवेश करने में मदद करता है और प्रॉपर्टी की कीमत बढ़ने पर निवेश की गई राशि के बराबर मुनाफा मिलता है. हालांकि, इसके लिए जरूरी है कि फ्रैक्शनल ऑनरशिप के पूल में शामिल सभी लोगों को इसकी पूरी जानकारी हो और अपने हिस्से पर कानूनी हक के दस्तावेज भी पूरे हों.
कॉमर्शियल प्रॉपर्टी में फ्रैक्शनल ऑनरशिप
कॉमर्शियल प्रॉपर्टी की बढ़ती कीमतों को देखते हुए एक मध्यम वर्ग के व्यक्ति के लिए इन संपत्तियों को खरीदना संभव नहीं है. लेकिन, फ्रैक्शनल निवेश की मदद से मध्यम वर्ग के लोग भी एचएनआई और अल्ट्रा एचएनआई की तरह कॉमर्शियल प्रॉपर्टी खरीदकर उससे मुनाफा कमा सकते हैं.
फ्रैक्शनल ऑनरशिप और REIT में अंतर
इन दोनों के बीच समानता को लेकर भ्रमित न हों. फ्रैक्शनल ऑनरशिप निवेशकों को संपत्ति के प्रकार को चुनने की पूरी स्वतंत्रता देता है और REITs में निवेशकों के पास किसी भी प्रकार की स्वतंत्रता नहीं होती, क्योंकि इसका निर्णय फंड का प्रबंधन करने वाली कंपनी द्वारा लिया जाता है. हालांकि, REITs में पैसे लगाने वाला निवेशक जब चाहे इसकी यूनिट को बेचकर बाहर निकल सकता है, जबकि फ्रैक्शनल ऑनरशिप एक निर्धारित होल्डिंग अवधि के साथ एक लंबी अवधि का निवेश है, जो आम तौर पर 5 से 10 साल का होता है.
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टैक्स का क्या नियम
REIT को सेबी द्वारा विनियमित किया जाता है और इसमें मुख्य कौशल वाले पेशेवर प्रबंधन सहित अच्छी तरह से निर्धारित मानदंडों का पालन करते हैं. इसपर आपको टैक्स छूट भी आयकर के नियमानुसार मिलती है. वहीं, फ्रैक्शनल ऑनरशिप के मामले में आपको टैक्स छूट नहीं दी जाती है. लिहाजा आप अपनी क्षमता और निवेश के तरीके का आकलन करके ही फ्रैक्शनल ऑनरशिप या रीट में से किसी एक का चुनाव करें.
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FIRST PUBLISHED : July 24, 2022, 08:10 IST