Movie Review
चुप-रिवेंज ऑफ द आर्टिस्ट
कलाकार
दुलकर सलमान
,
श्रेया धनवंतरि
,
सनी देओल
,
पूजा भट्ट
,
सरन्या पोंवन्नन
और
राजीव रविंद्रनाथन
लेखक
आर बाल्की
,
राजा सेन
और
ऋषि विरमानी
निर्देशक
आर बाल्की
निर्माता
राकेश झुनझुनवाला
,
आर बाल्की
और
गौरी शिंदे
रिलीज डेट
23 सितंबर 2022
विस्तार
सामने परदे पर गुरुदत्त की क्लासिक फिल्मों ‘प्यासा’ (1957) और ‘कागज के फूल’ (1959) की यादें और दो कतार पीछे बैठीं अपने जमाने की बेहद खूबसूरत और काबिल अदाकारा वहीदा रहमान। वहीदा रहमान 84 साल की हो चुकी हैं, भारतीय सिनेमा 110 साल का और अमिताभ बच्चन अगले महीने 80 साल के हो जाएंगे। वहीदा रहमान के साथ शबाना आजमी हैं, जया बच्चन हैं और भी तमाम फिल्मी सितारे हैं। और, साथ में बैठे हैं मुंबई में रहकर तमाम अखबारों, वेब पोर्टल, यूट्यूब व टीवी चैनलों के लिए फिल्मों की समीक्षाएं लिखने वाले अनगिनत फिल्म समीक्षक। फिल्म दिखाई जा रही है, ‘चुप’। पूरा नाम, ‘चुप-रिवेंज ऑफ द आर्टिस्ट’। जिस छत के नीचे वहीदा रहमान बैठी हों। उसी छत के नीचे उनके खासमखास रहे गुरुदत्त की आखिरी फिल्म ‘कागज के फूल’ की समीक्षाओं और कारोबारी नाकामी के चलते हुई मौत पर बनी फिल्म 21वीं सदी के 22वें साल में तमाम समीक्षक देख रहे हैं। एक झुरझुरी सी उठती है ये सोचकर इन अदाकारा ने गुरुदत्त का वह उत्थान और अवसान खुद देखा है, जिस पर अब फिल्में बन रही हैं। फिल्मकारों और समीक्षकों के नजरिये पर अंग्रेजी में बहस हो रही है। और, फिल्म ‘चुप’ दिखाए जाने के पहले चली इस बहस में धारणा इस बात की पक्की करने की कोशिश की जा रही है कि फिल्म रिलीज होते ही उसकी समीक्षा प्रकाशित हो जाने के नुकसान क्या क्या हैं? फायदे भी गिनाए गए लेकिन गिनती के।