Big News: हिंदी सिनेमा के लिए खतरे की सबसे बड़ी घंटी, कमाई के मामले में तेलुगू सिनेमा बना देश में नंबर वन


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हिंदी सिनेमा के कार्यकलापों के शहर मुंबई में इन दिनों अजीब सी बेचैनी है। हर निर्माता हैरान है। हर निर्देशक परेशान है और कलाकारों को भी समझ नहीं आ रहा है कि आगे क्या होने वाला है। ओटीटी से पैसा भरपूर आ रहा है। सिनेमा की हिंदी फिल्मजगत को खास परवाह कई साल से नहीं है। अधिकतर निर्माता प्रोजेक्ट ही बना रहे हैं। और बीते दो साल ने इसका रिपोर्ट कार्ड भी अब सामने ला पटका है। भारतीय फिल्म जगत में कभी सबसे आगे रहा हिंदी सिनेमा अब दक्षिण भारतीय फिल्मों से पिटने लगा है। ताजा आंकड़े बताते हैं कि दक्षिण भारतीय भाषाओं में बनी फिल्मों का जो कारोबार दो साल पहले तक कभी देश के कुल कारोबार का सिर्फ 36 फीसदी हुआ करता था, वह अब आधे से भी ज्यादा हो चुका है। इसकी वजह भी जानकार बताते हैं कि हिंदी फिल्म सितारों का अपने प्रशंसकों से संपर्क तेजी से टूट रहा है।

कोरोना महामारी के दौरान भारतीय सिनेमा का हाल काफी बेहाल रहा है। इस बारे में जारी एक रिपोर्ट में कहा गया कि साल 2020 और साल 2021 में रिलीज सारी फिल्मों को मिलाकर इनका कुल बॉक्स ऑफिस कारोबार सिर्फ 5757 करोड़ रुपये ही रहा। और, ये कमाई अकेले 2019 में हुई फिल्मों की कमाई से 5 हजार करोड़ रुपये कम है। इस कमाई में सबसे तगड़ी चोट साल 2020 में लगी जब फिल्मों का कारोबार बीते वर्ष की तुलना में 81 फीसदी तक नीचे गिर गया। बीते साल की आखिरी तिमाही में हुए कारोबार ने सिनेमा की जान फिर भी बचा ली और कारोबार 3701 करोड़ तक पहुंच गया, नहीं तो साल 2020 में कुल कारोबार 2056 करोड़ पर ही अटक गया था।

ऑरमैक्स मीडिया की रिपोर्ट ये भी बताती है कि भारतीय सिनेमा के लिए बीते दो साल की कुल आठ तिमाहियों में से छह तो बिल्कुल ही खराब रहीं। बीते साल जनवरी से मार्च और उससे पहले 2020 के जनवरी से मार्च की दोनों तिमाहियों और बीते साल की आखिरी तिमाही में ही जो कारोबार हुआ सो ही हुआ। इन तीन तिमाहियों ने ही कुल कारोबार का करीब 87 फीसदी कलेक्शन भारतीय बॉक्स ऑफिस पर किया है। आमतौर पर कोई 103 करोड़ से टिकटें सिनेमाघरों में साल 2019 तक बिकती रही हैं। 2020 में ये संख्या घटकर 22.5 करोड़ और बीते साल 42.7 करोड़ ही रह गई।

भारतीय सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली फिल्मों में से दो साल पहले तक सबसे ज्यादा कारोबार करने वाली फिल्में हिंदी की रही हैं। हिंदी सिनेमा ने साल 2019 तक देश के कुल फिल्म कारोबार में सबसे ज्यादा करीब 44 फीसदी का योगदान किया। लेकिन बीते साल भारी गिरावट के साथ ये गिरकर 27 फीसदी तक पहुंच गया। हॉलीवुड फिल्मों के कारोबार में भी गिरावट हुई है। कुल कारोबार में हॉलीवुड फिल्मों से होने वाला कलेक्शन पहले करीब 15 फीसदी होता था जो बीते साल तक गिरकर 11 फीसदी पर पहुंच गया।

इस रिपोर्ट का सबसे चौंकाने वाला पहलू है, दक्षिण भारतीय फिल्मों का बीते दो साल में किया गया दमदार प्रदर्शन। तमिल, तेलुगू, कन्नड़ और मलयालम भाषाओं की फिल्मों ने मिलकर हिंदी सिनेमा का बॉक्स ऑफिस पर बैंड बजा दिया है। इनका प्रदर्शन हॉलीवुड सिनेमा पर भी भारी पड़ रहा है। साल 2019 में जहां इन फिल्मों के कारोबार का हिस्सा कुल कारोबार में सिर्फ 36 फीसदी हुआ करता था, वह अब ये बढ़कर 59 फीसदी तक पहुंच गया है। इसमें भी तेलुगू सिनेमा ने अकेले कुल कारोबार में 28 फीसदी का योगदान किया जो हिंदी सिनेमा से एक फीसदी ज्यादा है। बीते दो साल की 10 सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्मों में भी चार फिल्में तेलुगू की ही हैं।

हिंदी सिनेमा के कार्यकलापों के शहर मुंबई में इन दिनों अजीब सी बेचैनी है। हर निर्माता हैरान है। हर निर्देशक परेशान है और कलाकारों को भी समझ नहीं आ रहा है कि आगे क्या होने वाला है। ओटीटी से पैसा भरपूर आ रहा है। सिनेमा की हिंदी फिल्मजगत को खास परवाह कई साल से नहीं है। अधिकतर निर्माता प्रोजेक्ट ही बना रहे हैं। और बीते दो साल ने इसका रिपोर्ट कार्ड भी अब सामने ला पटका है। भारतीय फिल्म जगत में कभी सबसे आगे रहा हिंदी सिनेमा अब दक्षिण भारतीय फिल्मों से पिटने लगा है। ताजा आंकड़े बताते हैं कि दक्षिण भारतीय भाषाओं में बनी फिल्मों का जो कारोबार दो साल पहले तक कभी देश के कुल कारोबार का सिर्फ 36 फीसदी हुआ करता था, वह अब आधे से भी ज्यादा हो चुका है। इसकी वजह भी जानकार बताते हैं कि हिंदी फिल्म सितारों का अपने प्रशंसकों से संपर्क तेजी से टूट रहा है।



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