कार्रवाई: पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा से आतंकवादियों को हटा रहा तालिबान, इस्लामाबाद से मिली थी कड़ी चेतावनी


सार

पाकिस्तान ने स्पष्ट शब्दों में तालिबान से कहा है कि वह या तो इन आतंकवादी संगठनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे या फिर इसके परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहे।

ख़बर सुनें

अफगानिस्तान में तालिबान के नेतृत्व वाली सरकार ने आतंकी संगठनों को पाकिस्तान के साथ सीमा वाले क्षेत्रों से दूर स्थानांतरित करने के लिए कदम उठाने की शुरुआत कर दी है। तालिबान सरकार ने यह फैसला हाल ही में हुए सिलसिलेवार क्रॉस बॉर्डर हमलों को देखते हुए लिया है जिसमें लगभग एक दर्जन पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे। इस पर इस्लामाबाद की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आई थी। 

बीते समय में आतंकी समूहों को समाप्त करने को लेकर तालिबान सरकार की अनिच्छा से पाकिस्तान की निराशा बढ़ी है। इसमें प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान भी शामिल है। तालिबान का नेतृत्व यह कार्रवाई करने के लिए तैयार नहीं है क्योंकि इन संगठनों ने अमेरिका के नेतृत्व वाले विदेशी बलों के खिलाफ उसके साथ लड़ाई लड़ी थी और ये समान विचारधारा साझा करते हैं।

पाकिस्तान ने दिया था तालिबान के नेतृत्व को कड़ा संदेश
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस मामले की जानकारी रखने वाले एक वरिष्ठ पाकिस्तानी अधिकारी ने बताया कि हाल ही में हुईं सीमा पार हमले की घटनाओं के बाद पाकिस्तान ने तालिबान को कड़ा संदेश दिया है। पाकिस्तान ने स्पष्ट शब्दों में तालिबान से कहा है कि वह या तो इन आतंकवादी संगठनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे या फिर इसके परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहे।

अधिकारी ने कहा कि इनमें से कुछ आतंकी संगठन पहले ही हमारे सीमा इलाकों से हट चुके हैं। उन्होंने कहा कि हमारी मांग साफ है। या तो इन आतंकी संगठनों को समाप्त किया जाए या फिर कुछ ऐसा किया जाए कि यह कभी हमारे लिए खतरा न बन सकें। बता दें कि बीते कुछ सप्ताहों में सीमा पार आतंकवादी हमलों की संख्या बढ़ी है और इनमें कई पाकिस्तानी सैनिक मारे गए हैं।

2600 किमी लंबी सीमा की बाड़ाबंदी कर रहा है पाकिस्तान
आतंकी घुसपैठ और तस्करी को रोकने के लिए पाकिस्तान साल 2017 से अफगानिस्तान के साथ 2600 किलोमीटर लंबी सीमा की बाड़ाबंदी कर रहा है। हालांकि, अफगानिस्तान की ओर से इसे लेकर सख्त विरोध जताया गया है। जब तालिबान ने पिछले साल अफगानिस्तान की सत्ता हासिल की थी तो पाकिस्तान को उम्मीद थी कि नई सरकार इन आतंकी समूहों को लेकर कुछ कदम उठाएगी। 

अधिकारी ने कहा कि वादे के बावजूद तालिबान ने अब तक कोई निर्णयात्मक कार्रवाई नहीं की है। इससे तालिबान को ही नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि तालिबान की सरकार को अपनी आधिकारिक मान्यता को लेकर काम करना चाहिए और ऐसा करके वह अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने अपना मामला और कठिन बना रहे हैं। उसे आतंकी गुटों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करनी चाहिए।

विस्तार

अफगानिस्तान में तालिबान के नेतृत्व वाली सरकार ने आतंकी संगठनों को पाकिस्तान के साथ सीमा वाले क्षेत्रों से दूर स्थानांतरित करने के लिए कदम उठाने की शुरुआत कर दी है। तालिबान सरकार ने यह फैसला हाल ही में हुए सिलसिलेवार क्रॉस बॉर्डर हमलों को देखते हुए लिया है जिसमें लगभग एक दर्जन पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे। इस पर इस्लामाबाद की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आई थी। 

बीते समय में आतंकी समूहों को समाप्त करने को लेकर तालिबान सरकार की अनिच्छा से पाकिस्तान की निराशा बढ़ी है। इसमें प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान भी शामिल है। तालिबान का नेतृत्व यह कार्रवाई करने के लिए तैयार नहीं है क्योंकि इन संगठनों ने अमेरिका के नेतृत्व वाले विदेशी बलों के खिलाफ उसके साथ लड़ाई लड़ी थी और ये समान विचारधारा साझा करते हैं।

पाकिस्तान ने दिया था तालिबान के नेतृत्व को कड़ा संदेश

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस मामले की जानकारी रखने वाले एक वरिष्ठ पाकिस्तानी अधिकारी ने बताया कि हाल ही में हुईं सीमा पार हमले की घटनाओं के बाद पाकिस्तान ने तालिबान को कड़ा संदेश दिया है। पाकिस्तान ने स्पष्ट शब्दों में तालिबान से कहा है कि वह या तो इन आतंकवादी संगठनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे या फिर इसके परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहे।

अधिकारी ने कहा कि इनमें से कुछ आतंकी संगठन पहले ही हमारे सीमा इलाकों से हट चुके हैं। उन्होंने कहा कि हमारी मांग साफ है। या तो इन आतंकी संगठनों को समाप्त किया जाए या फिर कुछ ऐसा किया जाए कि यह कभी हमारे लिए खतरा न बन सकें। बता दें कि बीते कुछ सप्ताहों में सीमा पार आतंकवादी हमलों की संख्या बढ़ी है और इनमें कई पाकिस्तानी सैनिक मारे गए हैं।

2600 किमी लंबी सीमा की बाड़ाबंदी कर रहा है पाकिस्तान

आतंकी घुसपैठ और तस्करी को रोकने के लिए पाकिस्तान साल 2017 से अफगानिस्तान के साथ 2600 किलोमीटर लंबी सीमा की बाड़ाबंदी कर रहा है। हालांकि, अफगानिस्तान की ओर से इसे लेकर सख्त विरोध जताया गया है। जब तालिबान ने पिछले साल अफगानिस्तान की सत्ता हासिल की थी तो पाकिस्तान को उम्मीद थी कि नई सरकार इन आतंकी समूहों को लेकर कुछ कदम उठाएगी। 

अधिकारी ने कहा कि वादे के बावजूद तालिबान ने अब तक कोई निर्णयात्मक कार्रवाई नहीं की है। इससे तालिबान को ही नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि तालिबान की सरकार को अपनी आधिकारिक मान्यता को लेकर काम करना चाहिए और ऐसा करके वह अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने अपना मामला और कठिन बना रहे हैं। उसे आतंकी गुटों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करनी चाहिए।



Source link

Enable Notifications OK No thanks